बीकानेर, 2 मई 2017। समेकित महिला एवं बाल विकास सेवाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्ग के बच्चों एवं महिलाओं के जीवन में उल्लेखनीय सुधार लाने के लिए मूलभूत सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। बच्चों के स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने, उनके उचित मनोवैज्ञानिक, शारीरिक एवं सामाजिक विकास के लिए आधार तैयार करने, बाल मृत्यु, रूग्ण्ता, कुपोषण तथा बीच में पढ़ाई छोडने वाले बच्चों की दर में प्रभावी कमी लाने, बाल विकास को प्रोत्साहन के लिए सम्बन्धित विभागों के बीच समन्वय स्थापित करने तथा बच्चों की सामान्य स्वास्थ्य, पोषण संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति के संबंध में माताओं को प्रशिक्षित करने हेतु आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। राज्य मेें ई-गवनेर्ंस गतिविधियों के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्रों की प्रभावी मॉनिटरिंग की जा रही है।
जिले में 8 बाल विकास परियोजनाएं संचालित हैं। 1 हजार 295 मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्र तथा 126 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। यहां पोषाहार प्राप्त करने वाले 0-3 वर्ष के बच्चों की प्रतिमाह औसतन संख्या 32 हजार 800 तथा 3-6 वर्ष के बच्चों की औसतन संख्या 15 हजार 665 है। इसी प्रकार पोषाहार प्राप्त करने वाली गर्भवती महिलाओं, धात्री, किशोरियों की संख्या लगभग 17 हजार 799 प्रतिमाह है।
राजपोषण सॉफ्टवेयर- समेकित सेवाएं कार्यक्रम के सफल संचालन, निगरानी एवं मॉनिटरिंग के लिए एनआईसी के सहयोग से राजपोषण सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। इसके द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, सहयोगिनी आदि के मानदेय भुगतान व अन्य भुगतान को समय पर प्रदान करने की भी मॉनिटरिंग की जा रही है।
ओडीके कलेक्ट एप- उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास, बाल विकास परियोजना अधिकारी, महिला पर्यवेक्षकों आदि के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के निरीक्षणों के संबंध में कागजी प्रपत्रों को कम करने के उद्देश्य से यह एप विकसित किया गया है। निरीक्षणकर्ता जब केन्द्र पर जाकर अपने फोन से फोटो खींचता है, तो उस केन्द्र का अक्षांस व देशान्तर भी उसमें आ जाता है। मोबाइल व आंगनबाड़ी केन्द्र की लोकेशन की एक समानता से निरीक्षण कार्य की वास्तविक स्थिति ज्ञात हो सकती है। साथ ही जिला व राज्य स्तर पर निरीक्षण रिपोर्ट, फोटो, लोकेशन व अन्य समस्त जानकारी भी विभागीय सर्वर में फीड रहती है।
वैब आधारित रैपिड रिपोटिर्ंग सिस्टम- इसमें महिला पर्यवेक्षक द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों से सम्बन्धित समस्त डाटा, फोटो आदि को प्रतिमाह ऑनलाइन फीड किया जाता है। रैपिड रिपोर्टिंग सिस्टम वर्ष 2016-17 के अप्रेल माह से लागू है। इससे विभाग में मॉनिटरिंग व्यवस्था आसान हुई है और सूचनाओं का सत्यापन सटीक रूप से हो रहा है।
-शरद केवलिया
सहायक जनसम्पर्क अधिकारी, बीकानेर