स्थाई लोक अदालत का निर्णय

bikaner samacharसितम्बर 2016 में यह प्रकरण स्थाई लोक अदालत के समक्ष इस आशय का पेश किया गया कि प्रार्थीया का पति और शेष प्रार्थीगण का पिता विजय सिंह बस आरजे-07-पीए-0771 का परिचालक था। दिनांक 11.7.2016 को प्रातः 5.30 बजे उक्त बस से पुगल फांटा पर उतरा और पुगल फांटा के दक्षिण दिशा में शनि मंदिर के पास जो.वि.वि.नि.लि, का ट्रासंफार्मर जिसके पास खाली ठेला रस्से से बंधा हुआ था और बरसात हो रही थी, विजय सिंह का हाथ ट्रांसफार्मर में बंधे खाली ठेले को छू गया जिससे उसके शरीर में करंट आने से मौके पर ही विजय सिंह की मृत्यु हो गयी। ट्रांसफार्मर की सुरक्षा हेतु चार दिवारी और फेंसिंग नहीं की हुई थी और ना ही उस पर कोई खतरे का निशान अंकित था इस प्रकार से विधुत प्रवाहित होना अप्रार्थी की उदासीनता है और कर्मचारियों की कार्य विमुखता के कारण ट्रांसफार्मर पर खाली ठेला बांधकर रखा हुआ था। इससे व्यथित होकर प्रार्थी ने स्थाई लोक अदालत के समक्ष उक्त प्रकरण प्रस्तुत किया।
शीध्र अति शीध्र सुनवाई करते हुए उक्त प्रकरण में आज दिनांक 07.6.2017 को गुणावगुण पर फैसला किया जाकर निर्णय दिया गया कि मृतक की 43 वर्ष की आयु को देखते हुए उसके मृत्यु के समय दो नाबालिक पुत्रों को और विधवा को उस पर निर्भर होना मानते हुए कुल 6,00,000/- रूपये मुआवजा राशि एवम् 50,000/- दाह संस्कार व परिवार के प्रेम और स्नेह से वंचित रहना, पत्नि का पति के सहचर्य से वंचित होने के कारण कुल 6,50,000/- की राशि बतौर मुआवजा प्रार्थीगण केा अप्रार्थी से दिलवायी जाना उचित समझा जाता है। साथ ही उक्त राशि पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने की दिनांक 28.9.2016 से 9 प्रतिशत की दर से ब्याज भी अदा करेगा।
यह निर्णय स्थाई लोक अदालत की अध्यक्ष महोदया डॉ.कमलदत्त एवम् सदस्य श्री दयाराम गोदारा व श्रीमती मधुलिका आचार्य द्वारा सुनाया गया। उक्त प्रकरण में प्रार्थीगण की और से अधिवक्ता श्री प्रेमसुख व अप्रार्थी के अधिवक्ता श्री संजीव राजवंशी -जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जरिए अभियंता शहर खंड पुराना रोशनी घर लाईन, लाईन पुलिस रोड, बीकानेर ने पैरवी की।

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