रिलायंस फाउंडेशन ने सरकार के साथ सहभागिता में मातृ एवं नवजात शिशु स्वास्थ्य सुधार के लिए कार्यक्रम शुरू किया

राजस्थान के 4 जिलो में मातृ एवं नवजात मृत्यु दर को तकनीक की सहायता से कम करेगा प्रोजेक्ट ‘आसमान’

RF - RF WMजयपुर, राजस्थान, 27 जून, 2017: रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड की जनकल्याण शाखा रिलायंस फाउंडेशन (आरएफ), ने मंगलवार को चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार के साथ एक परियोजना के क्रियान्वयन के लिए समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इस प्रयास के तहत राजस्थान के चार जिलों अजमेर, भीलवाड़ा, झालावाड़ और कोटा में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में मातृ एवं शुरुआती नवजात मृत्यु दर में कमी लाने के लिए ‘आसमान’ परियोजना को लागू किया जाएगा। इस परियोजना को प्रभावी तौर पर लागू करने में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की भी सहभागिता है।

यह कार्यक्रम जयपुर के स्वास्थ्य भवन में आरएचएसडीपी हॉल में आयोजित किया गया, जिसमें राजस्थान के माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री काली चरण सराफ, प्रधान सचिव श्रीमती वीनू गुप्ता, एडीशनल मिशन निदेशक श्री बी.एल.कोठारी, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. वी. के. माथुर, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राजस्थान की कई जानी मानी हस्तियां भी विशेष तौर पर उपस्थित थीं।

प्रोजेक्ट ‘आसमान’ एक अद्वितीय स्वास्थ्य देखभाल प्रयास है। जो प्रसूति के बाद सुरक्षित स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और शिशु के जन्म लेने के बाद मातृ एवं नवजात दोनों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई तकनीक-आधारित स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग करेगा। आरएफ, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, एमएसडी इंडिया, टाटा ट्रस्ट्स और संयुक्त राज्य अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी (यूएसएआईडी) के बीच सहभागिता के साथ संचालित की जा रही इस परियोजना का उद्देश्य भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम के पांच स्तंभों, प्रजनन, मातृत्व, नवजात, बाल और किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरएमएनसीएच + ए) के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा प्रदान करना है।

इस प्रोजेक्ट के कई नए प्रयासों में से एक है, दूरस्थ सहातया केंद्रों (रिमोट सपोर्ट सेंटर्स–आरएससी) का निर्माण, जिनमें विशेषज्ञों द्वारा सीधे हर संभव योगदान दिया जाएगा। इसमें रिमोट सपोर्ट सेंटर स्थित स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए समय पर निर्णय लेने के लिए विशेषज्ञों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना का उद्देश्य प्रौद्योगिकी आधारित हस्तक्षेप किया जाना है। जैसे कि ई-पार्टोग्राफ्स, गेमिफिकेशन तकनीक का उपयोग किया जाना, ताकि कठिन परिस्थितियों के दौरान स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की सहायता की जा सके और गंभीर मामलों में रैफरल प्रबंधन सुविधाएं दी जा सकें।

रिलायंस फाउंडेशन इस पहल में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सम्भालेगा। जिसमें परियोजना के लिए समग्र प्रशासन प्रबंधन, पक्षधारिता और क्रियान्वन एजेंसियों का चयन शामिल है। परियोजना के लिए कार्यक्रम प्रबंधन इकाई रिलायंस फाउंडेशन में स्थित है।

कार्यक्रम में आरएफ की भूमिका के बारे में बोलते हुए, फाउंडेशन के एक प्रतिनिधि ने कहा, ‘‘रिलायंस फाउंडेशन में हम यह विश्वास करते हैं कि प्रत्येक जीवन महत्वपूर्ण है। हम एक स्वस्थ भारत के लिए प्रयास कर रहे हैं, जहां कोई भी मां प्रसव के चलते अपनी जान से हाथ ना धोए और और हर बच्चे को अपनी पूर्ण क्षमता से जीवन जीने का अवसर मिले। फाउंडेशन का मानना है कि प्रौद्योगिकी एक सक्षम सहायक है और इस प्रयास को गति प्रदान कर सकता है। इस अनूठी प्रौद्योगिकी आधारित पहल के माध्यम से राष्ट्र को विकास की नई दिशा में लेकर जाया जा सकता है। जिससे सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी।’’

रिलायंस फाउंडेशन के बारे में:
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की जनसेवा इकाई रिलायंस फाउंडेशन का उद्देश्य नवीन और सक्षम समाधानों के माध्यम से राष्ट्र के विकास के लिए मौजूद चुनौतियों के समाधान करने में उत्प्रेरक भूमिका निभाना है। संस्थापक और अध्यक्ष श्रीमती नीता अंबानी के नेतृत्व में, रिलायंस फाउंडेशन निरंतर सभी के लिए समग्र सुख और उच्च गुणवत्ता के जीवन को सुनिश्चित करने के लिए परिवर्तनकारी बदलावों परिवर्तनों को सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। भारत की सबसे बड़ी सामाजिक पहलों में, फाउंडेशन ग्रामीण परिवर्तन, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल विकास, आपदा प्रतिक्रिया, शहरी नवीकरण और कला, संस्कृति और विरासत के क्षेत्र में राष्ट्र के विकास चुनौतियों के समाधान करने पर केन्द्रित है। फाउंडेशन ने 12,500 से अधिक गांवों और 74 शहरी स्थानों में पूरे भारत में 1.2 करोड़ से अधिक लोगों के जीवन को स्पर्श किया है।

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