3 जुलाई से चलेगा ‘आंगनबाड़ी चलो अभियान’

a bhadel 5जयपुर, 27 जून। महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने
कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय प्रारम्भिक बाल्यावस्था देखरेख एवं शिक्षा
(ईसीसीई) अच्छे नतीजे आ रहे हैं और आंगबाड़ियों में बच्चों के नामांकन में
भी काफी इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि बच्चों और अभिभावकों को आंगनबाड़ी
केंद्रों के प्रति आकर्षित करने के लिए विभाग आगामी 3 जुलाई से ‘आंगनबाड़ी
चलो‘ अभियान और प्रवेशोत्सव शुरू करेगा।
श्रीमती भदेल मंगलवार को शासन सचिवालय में आयोजित कई विभागों की संयुक्त
बैठक को संबोधित कर रही थी। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के
आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ईसीसीई के प्रति जागरूकता लाने के लिए सामुदायिक
सहभागिता से बस स्टैंड एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विडियोज, आडियो या
वाइस मैसेज के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
आंगनबाड़ी केन्द्रों की आधारभूत संरचना एवं सुदृढ़ीकरण के लिए पंचायतीराज
विभाग से समन्वय स्थापित कर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां आंगनबाड़ी
केन्द्र जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, वहां ग्राम पंचायतों का अपेक्षित
सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि शाला पूर्व शिक्षा को प्रभावी
तरीके से लागू करने के लिए ग्राम, पंचायत, जिला स्तर पर समुदाय की
भागीदारी ली जाएगी। उन्होंने कहा कि आमजन में यह संदेश भी पहुंचाया जाए
कि अब आंगनबाड़ी केन्द्र प्ले स्कूल के रूप बदल रहे हैं ताकि ज्यादा से
बच्चे और अभिभावक जुड़ सकें और पंजीयन में वृद्धि हो सके।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र पर लाभार्थी के रूप में शाला पूर्व
शिक्षा पूर्ण करने पर ईसीई प्रमाणपत्र भी दिए जाएंगे। उन्होंने आंगनबाड़ी
केन्द्रों पर कार्यकर्ताओं के द्वारा शाला पूर्व शिक्षा प्रदान करने में
सहायता के लिए बीएड और बीएसटीसी इंटर्न को भेजने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जो आंगनबाड़ी केन्द्र आबादी से दूर, बाल सुलभ स्थान पर
नहीं है उन केन्द्रों का चिन्हीकरण कर उन्हें उपयुक्त स्थान पर
स्थानान्तरित किया जाए ताकि अधिकाधिक बच्चे लाभान्वित हो सके।
श्रीमती भदेल ने कहा कि राज्य में प्रारम्भिक बाल्यावस्था शिक्षा व
देखरेख के लिए विशेष अधिनियम तथा शिक्षा का अधिकार (आरटीआई) में
अनिवार्यता का प्रावधान करने की संभावनाओं का परीक्षण करने के लिए
आईसीडीएस निदेशक की अध्यक्षता में एक उप समूह गठित करने के भी निर्देश
दिए। इस समूह में शिक्षा विभाग, यूनिसेफ एवं अन्य गैर सरकारी संस्थाओं के
प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में ढेरों निजी प्ले स्कूल संचालित हो
रहे, जिनमें बच्चों को दी जा रही ईसीई के स्तर, गुणवत्ता तथा विश्वसनीयता
पर किसी प्रकार का नियंत्रण या पंजीयन का प्रावधान नहीं है। उन्होंने
राज्य में निजी प्लेस्कूल या नर्सरी स्कूल के पंजीकरण, गुणवत्ता मापदंड
के लिए मापदंड तथा दिशा-निर्देश बनाने के लिए अन्य राज्यों में लागू
प्रावधानों का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाने के लिए भी आईसीडीएस निदेशक की
अध्यक्षता में समिति गठित कर अपनी अभिशंषा एक माह में प्रस्तुत करने के
निर्देश दिए हैं।
बैठक में राजस्थान बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती मनन
चतुर्वेदी, शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास श्रीमती रोली सिंह, शासन
सचिव, स्कूल शिक्षा श्री नरेश गंगवार, वित्त विभाग से श्री दिनेश शर्मा
सहित विभाग के उच्चाधिकारियों ने भाग लिया।

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