धरती के भगवान बढ़-चढ़ कर ले रहे बेटियों की जिम्मेदारी
बीकानेर 21/7/17। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बीकानेर के नवाचार “डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स” अभियान ना केवल गरीब-बेसहारा बालिकाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है बल्कि बेटी बचाओ-बेटी पढाओ अभियान को बड़ा संबल भी दे रहा है।
माननीय प्रधानमंत्री द्वारा 2015 में चलाए गए अभियान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के सन्दर्भ में उसी साल बीकानेर जिले ने नवाचार करते हुए बेटियों को पढ़ाने, उनके स्वास्थ्य और लालन-पालन के लिए चिकित्सक समाज से अपील की जिसे धरती के भगवान ने खुले दिल से अपनाया और 40 चिकित्सक 40 गरीब बालिकाओं की शिक्षा और लालन-पालन में बढ़-चढ़ कर योगदान दे रहे हैं। शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गई जिसमे इन बच्चियों व उनके संरक्षकों को बुलाया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य्ा अधिकारी डॉ. देवेन्द्र चैधरी और जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने एक-एक बेटी से उसकी पढ़ाई-लिखाई और चिकित्सकों के योगदान की जानकारी ली। इस अवसर पर नारी निकेतन की अधीक्षक कविता स्वामी व महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र से डॉ. मंजू नागल ने भी उनकी कुशल क्षेम पूछी।
ऐसा नहीं है कि बच्चियां सिर्फ बड़ी हो गई हैं बल्कि उनकी उपलब्धियां और ख्वाब भी बड़े हो गए हैं। नायकों के मौहल्ले की अमीषा रावत 12 वीं में आ गई है। वो जीव विज्ञान की पढाई कर रही है और डॉक्टर बनना चाहती है। स्कूल के साथ प्रीमेडिकल की तैयारी हेतु प्राइवेट कोचिंग इंस्टिट्यूट की भारी-भरकम फीस भी उसे गोद लेने वाले चिकित्सक डॉ. पुनीत शर्मा भर रहे हैं। उपलब्धियों की फेहरिस्त लम्बी है। अभियान के अंतर्गत गोद ली गई अधिकांश बेटियां पढ़ाई में साधारण नहीं बल्कि असाधारण प्रदर्शन कर रही हैं। कोई 5 वीं में 80 प्रतिशत तो कोई 10 वीं में 84 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण हुई हैं। वही बेटियां जो अन्यथा कभी स्कूल का मुंह भी ना देख पाती।
1 अगस्त को होगा डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स सम्मलेन
पीसीपीएनडीटी समन्वयक महेंद्र सिंह चारण ने बताया कि 1 अगस्त को जिला कलेक्टर बीकानेर के सानिध्य में डॉक्टर्स फॉर डॉटर्स सम्मलेन का आयोजन किया जाएगा। जिसमे सभी गोद ली गई बालिकाएं, उनके माता-पिता या संरक्षक तथा गोद लेने वाले चिकित्सक शामिल होंगे। सम्मलेन में अभियान को और आगे ले जाने की रूपरेखा तैयार की जाएगी। डॉ. देवेन्द्र चौधरी, सीएमएचओ बीकानेर का कहना है – ”देश के कई हिस्सों में जहां कुछ लालची चिकित्सक गर्भ में लिंग चयन कर कन्या भ्रूण हत्या से अपने हाथ रंग रहे हैं वहीँ गर्व की बात है कि बीकानेर के चिकित्सक तन-मन-धन से बेटियों के उत्थान में लगे हैं“
– मोहन थानवी