ब्याज सहित राशि भुगतान करने के आदेश

रूल्स , 2008 के अनुसार बकाया एरियर, राजकीय कर्मचारियों के समान समय-समय पर बढे हुए मंहगाई भत्ते की बकाया राशि एवम् रूल्स, 1998 के अनुसार वरिष्ठ एवम् चयनित वेतनमान की बकाया एरियर की राशि एवम् 25-1-1992 के अनुसार 9,18 एवम् 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर चयनित वेतनमान की राशि एवम् उपदान की राशि एवम् उपार्जित अवकाश के बदले वेतन की राशि एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि भुगतान करने के आदेश।
(राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर का मामला)

jaipur samacharजयपुर, राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण, जयपुर ने अप्रार्थी संस्था प्रबन्ध समिति श्री हनवन्त उच्च माध्यमिक विद्यालय, शास्त्री नगर, पॉल रोड, जोधपुर (राज0) को आदेश दिया कि वह प्रार्थीगण को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाई पे स्केल रूल्स , 2008 के अनुसार वेतन स्थिरीकरण करते हुए बकाया एरियर की राशि (दि0 1-9-2006 से 30-6-2011/31-7-2009/ 5-7-2011 /31-1-2011 तक) एवम् प्रार्थीगण को (प्रार्थी सम्पत लाल रांकावत व मोहन किशन सिंघल के अलावा ) दिनांक 1-1-2011 से 30-6-2011 / 31-1-2011/ 5-7-2011 तक राजकीय कर्मचारियों के समान समय -समय पर बढे हुए मंहगाई भत्ते की बकाया राशि एवम् प्रार्थीगण श्रीमती किशन प्यारी गुप्ता, श्रीमती संध्या अग्रवाल, गजेन्द्र सिंह चौधरी, सम्पत लाल रांकावत, राजेन्द्र कुमार व्यास, शंकर लाल पटेल, रामकुमार अग्रवाल, अरूण कुमार खण्डेलवाल, राजेन्द्र सिंह, गिरजा शंकर व्यास व सुचित्रा खण्डेलवाल को राजस्थान सिविल सर्विसेज रिवाई पे स्केल रूल्स , 1998 के अनुसार वरिष्ठ और चयनित वेतनमान के लाभ प्रदान किये जाकर बकाया एरियर की राशि एवम प्रार्थीगण श्रीमती किशन प्यारी गुप्ता, रासाराम परमार, उगमा राम, लक्ष्मण राम चौधरी, सम्पत लाल रांकावत, राजेन्द्र कुमार व्यास, शंकर लाल पटेल, राम कुमार अग्रवाल, सूरज प्रकाश अग्रवाल, राजेन्द्र सिंह, गणेश दास वैष्णव, मोहन किशन सिंघल, गिरजाशंकर व्यास, बाबूलाल चन्दोरा व सुचित्रा खण्डेलवाल को राज्य सरकार के आदेश दिनांक 25-1-1992 के अनुसार 9,18, 27 वर्ष की सेवायें पूर्ण करने पर (राज्य कर्मचारियों के समान जो भी लाभ देय हो) चयनित वेतनमान के तहत वेतन स्थिरीकरण किया जाकर वेतन के अन्तर की राशि एवम् प्रार्थीगण का वेतन स्थिरीकरण किये जाने के उपरान्त अंतिम रूप से देय वेतन के आधार पर संगणना की जाकर नियमानुसार देय उपदान की राशि तथा प्रार्थीगण के कार्यमुक्त / सेवानिवृत होते समय खाते में जमा उपार्जित अवकाश के बदले वेतन की राशि एवम् सम्पूर्ण राशि पर बकाया होने की दिनांक से भुगतान किये जाने की दिनांक तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से देय ब्याज सहित राशि भुगतान करे। उल्लेखनीय है कि श्रीमती किशन प्यारी गुप्ता व अन्य 18 प्रार्थीगण को नियमानुसार चयन प्रक्रिया अपनाये जाने के पश्चात् अप्रार्थी संस्था ने विभिन्न पदों पर समय -समय पर नियुक्त किया तत्पश्चात् प्रार्थीगण को स्थायी किया गया। प्रार्थीगण को राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम , 2010 के अनुसार राज्य सरकार की सेवा में नियुक्ति / आमेलित होने के कारण दि 30-6-2011/5-7-2011 को अप्रार्थी संस्था से कार्यमुक्त किया गया तथा प्रार्थीगण सम्पतलाल रांकावत व गणेशदास वैष्णव व मोहन किशन सिंघल को अधिवार्षिकी आयु प्राप्त करने पर क्रमशः दिनांक 31-7-2009, 31-1-2011 व 30-9-2008 को अप्रार्थी संस्था से सेवानिवृत किया गया। प्रार्थीगण ने राज्य सेवा में नियुक्ति / आमेलित / सेवानिवृत्ति के पश्चात् उक्त लाभ नियमानुसार प्रदान करने हेतु अप्रार्थी संस्था से निवेदन किया। परन्तु अप्रार्थी संस्था ने प्रार्थीगण की उक्त लाभ प्रदान नहीं किये इससे पीड़ित होकर प्रार्थीगण ने अपने अधिवक्ता डी.पी.शर्मा के माध्यम से अधिकरण के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त लाभ दिलाने का निवेदन किया। प्रार्थीगण के अधिवक्ता का तर्क था कि अप्रार्थी संस्था राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अन्तर्गत पंजीकृत होते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है। यह संस्था राज्य सरकार से 80 प्रतिशत से अधिक अनुदान की राशि भी राज्य सरकार से प्राप्त करती रही थी इसलिए अप्रार्थी संस्था राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम, 1989 एवम् नियम 1993 के प्रावधानों से शासित होती है। अप्रार्थी संस्था के अनुदानित होने के कारण प्रार्थीगण अधिनियम , 1989 की धारा 29 और नियम 1993 के नियम 34 के अनुसार राज्य कर्मचारियों के समान उक्त सभी लाभ अप्रार्थी संस्था से प्राप्त करने के अधिकारी है। मामले की सुनवाई के पश्चात् अधिकरण ने उक्त लाभ नियमानुसार ब्याज सहित प्रार्थीगण को अदा करने के आदेश अप्रार्थी संस्था को दिये।

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