बच्चों को शिक्षित, संस्कारित व धार्मिक बनाएं

bikaner samacharबीकानेर, 30 जुलाई 2017। जैन श्वेताम्बर खतरगच्छ संघ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सागर सूरिश्वरजी ने रविवार को ढढढा कोटड़ी में विशेष प्रवचन में कहा कि माता-पिता स्वयं संस्कारिक,मर्यादित व धार्मिक आदर्शमय जीवन जीएं तथा बच्चों को शिक्षित, संस्कारित व धार्मिक बनाएं।

महिलाओं व बालिकाओं के लिए विशेष प्रवचन में उन्होंने कहा कि माताएं गर्भ से ही बच्चों को अच्छा इंसान बनाने के लिए देव व महापुरुषों की जीवनियां पढे़, धर्म ध्यान में समय व्यतीत करें। टी.वी. व वाट्स एप् और फेसबुंक की कोरी कल्पित मनोरंजक धारावाहिकों, कहानियों व किस्सों तथा विचारों से दूर रहे। बच्चों को प्रेम, वात्सल्य व समय दें। बच्चों के स्वर्णिम भविष्य के लिए अपनी इच्छाओं व स्वार्थ का बलिदान व त्याग करें।

गच्छाधिपति ने कहा कि वर्तमान युग में बच्चों को उपदेश की बजाए उदाहरणों से अधिक संस्कारित किया जा सकता है। बच्चों को प्रेम व समय देने से उनमें सुख-दुख में भागीदारी की उष्मा पैदा होगी। माता-पिता द्वारा भौतिक व आर्थिक साधन सुविधाओं की प्राप्ति के चक्कर में बच्चों को पूर्ण समय, वात्सल्य व प्रेम नहीं दिया जा रहा है। बच्चों को साधन-सुविधाएं तो बहुत मिल रही है, लेकिन संस्कार नहीं मिल रहे है। संस्कारों के अभाव में कई परिवारों में अनेक समस्याएं आ रही है, बच्चों पर ध्यान नहीं देने पर आने वाले कल में ये समस्याएं विकराल रूप ले लेगी । इसलिए बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए जागरूकता जरूरी है। संस्कार, प्रेम व वात्सल्य के अभाव में औलाद अपनी दिशा, दशा बदल लेती है। अपनों के विरोध के कारण अपना अहित कर लेते है। कई लोग आवेश, धोखे में आकर कोमल संवेदनाओं के साथ खेलकर परिवारों की मान,मर्यादा को समाप्त कर देते है। सभी को विवेक व मर्यादाओं के साथ चौकन्ना होकर अपने बच्चों विशेष ध्यान देना है। कई बार माता-पिता की कमियों, गलतियों तथा बच्चों को समुचित वात्सल्य, संस्कार व प्रेम नहीं देने के कारण उनमें द्वेष व अन्य बुराइयां आ जाती है।

ज्ञान वाटिका शुरू- आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सागर सूरिश्वरजी ने रविवार को रांगड़ी चौक के सुगेनजी महाराज के उपासरे में अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद की बीकानेर इकाई की ओर से संचालित ज्ञान वाटिका का शुभारंभ किया । ज्ञान वाटिका में वर्तमान में 115 बच्चों धार्मिक व आध्यात्मिक शिक्षण प्राप्त कर रहे है। ज्ञान वाटिका में एक वर्ष तक पाठ्य सामग्री सुलभ करवाने की घोषणा थानमल बोथरा ने की। ज्ञान वाटिका के बच्चों ने भी प्रवचन स्थल पर सामूहिक प्रस्तुतियां देकर सबका मन मोह लिया। इस अवसर पर युवा परिषद के पदाधिकारी व बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे।

अभिनंदन- प्रवचन स्थल पर मासक्षमण की तपस्या करने वाली श्रीमती मधु मुसरफ पत्नी श्री संदीप मुसरफ, विजय नगर संघ, नाकोड़ा पूर्णिमा मंडल, जीवाना के दयालाल गुलेछा, जयपुर के राजेन्द्र संचेती का जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की ओर से अभिनंदन किया गया।

पंच परमेष्ठि पूजा-

जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणि प्रभ सागर सूरिश्वरजी के सान्निध्य में महामृत्युंजय तप मास क्षमण की महान तपस्या करने वाली साध्वी प्रिय मुद्रांजनाश्री की तपस्या के उपलक्ष्य में पंचाह्निका महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को महावीर भवन में पंच परमेष्ठि पूजा भक्ति संगीत के साथ आयोजित की गई। पूजा का लाभ जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के अध्यक्ष पन्नालाल खजांची, अजय कुमार, अर्पित कुमार व हर्षित कुमार खजांची परिवार ने लिया। सोमवार को दोपहर दो बजे श्रीगौत्तम स्वामी की पूजा होगी। रविवार की पूजा में विचक्षण महिला मंडल, मगन कोचर, सुनील पारख सहित अनेक कलाकारों ने भक्ति गीत पेश किए।
– मोहन थानवी

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