वेटरनरी विष्वविद्यालय में 51 जनों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए किया सम्मानित

DSC_7708बीकानेर, 15 अगस्त। 71वें स्वाधीनता दिवस पर वेटरनरी विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने राजुवास में ध्वजारोहण कर सलामी दी। अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो. एम.एल. छीपा समारोह के मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर शैक्षणिक अनुसंधान प्रशासनिक क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा और कार्यों के लिए कुलपति प्रो. छीपा ने 51 जनों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर राजुवास के छात्र-छात्राओं, फैकल्टी सदस्यों ने देशभक्ति पूर्ण गीत और नृत्यों की मनभावन प्रस्तुति दी। शिक्षकों, छात्रों और अधिकारियों सहित एन.एस.एस. और एन.सी.सी. कैडेट्स ने वृक्षारोपण किया। कुलपति प्रो. छीपा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गत 70 वर्षों में देश की विकास गंगा में किसानों, वैज्ञानिकों और युवाओं का महत्ती योगदान रहा है। कृषि, स्वास्थ्य, सुरक्षा और वैज्ञानिक तकनीकी में उल्लेखनीय कार्यों की बदौलत राष्ट्र एक महान शक्ति के रूप में उभर रहा है। पशुचिकित्सा शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में युवा वेटरनरी विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय-अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है जिसके लिए सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि पशुचिकित्सा शिक्षा, उपचार, शोध और प्रसार में नवाचार, योजनाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को तेजी से लागू कर पशुपालकों और कृषकों के कल्याण कार्यों को हम सब मिलकर आगे बढ़ायेंगे। समारोह के मुख्य अतिथि अटल बिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो. एम.एल. छीपा ने कहा कि इस वेटरनरी विश्वविद्यालय ने अल्प समय में आशातीत प्रगति कर नए आयाम स्थापित किए हैं। विश्वविद्यालय के ध्येय वाक्य में पशुधन को आजीविका का प्रमुख जरिया माना गया है। युवाओं को कौशल आधारित विकास द्वारा नौकरी के बजाय स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी विश्वविद्यालय द्वारा अभियांत्रिकी और पैरा मेडिकल शिक्षा के पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा में प्रारंभ करवाए गए है। चिकित्सा और वेटरनरी शिक्षा में भी इसको लागू किया जाना चाहिए। भाषा संवाद ही नहीं संस्कृति को भी प्रभावित करती है। कई विकसित देशों में ये पाठ्यक्रम उनकी अपनी भाषा में ही पढ़ाये जा रहे हैं। हमें भी अपनी मातृभाषा में ही ऐसे साहित्य का सृजन करना चाहिए।
राजुवास के कुलपति प्रो. छीपा ने उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए स्नातक बी.वी.एस.सी और ए. एच. अंतिम वर्ष 2017 की मेरिट में अव्वल रहे षिवांगी पाण्डे, रूचि पटवा, दिव्यम जाजोरिया, सोनिया चौधरी, लूणाराम, मयंक कुमार अग्रवाल तथा ए.एच.डी.पी. प्रथम वर्ष-2016 की मेरिट में प्रियंका कुमारी, वीर सिंह गुर्जर, अष्विनी यादव, अनिल कुमार रेगर, विनीत कुमार, दिव्या नागर, ज्योति राठौड़ हैं को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा आयोजित ऑल इण्डिया प्री-पीजी परीक्षा की मेरिट में मैना ढाका, सविता और अर्चिता सिंह ने फैलोशिप से देष के प्रतिष्ठित संस्थानों में जगह पाने और गौरंग शर्मा द्वारा विष्वविद्यालय में आयोजित 17वीं एग्री यूनिफेस्ट में क्विज प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया। कर्मचारीगणों में पुरूषोतम पालीवाल, आनन्द आचार्य और लक्ष्मण आचार्य को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए राजुवास कुलपति द्वारा प्रषंसा पत्र दिये गये। साथ ही गोविन्द राम, डूंगरा राम, लेखराम, डालचंद डांगी, सोहनलाल उपाध्याय, भैरूलाल लोहार आदि को भी सम्मानित किया गया। फैकल्टी सदस्यों में डॉ. राजकुमार बेरवाल, डॉ. अतुल शंकर अरोड़ा, डॉ. बरखा गुप्ता, डॉ. एल.एन. सांखला, डॉ. देवीसिंह राजपूत, डॉ. दीपक कुमार शर्मा, डॉ. टीकमचन्द गोयल, डॉ. अभिषेक गुप्ता, डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, डॉ. मनीषा माथुर, डॉ. षिव कुमार शर्मा, डॉ. अषोक डांगी, प्रो. बसंत बैस, प्रो. आर.के. धूड़िया, प्रो. एस. सी. गोस्वामी, प्रो. विजय कुमार और डॉ. अरूण कुमार झीरवाल सम्मानित हुए। राजुवास कुलपति द्वारा नामित प्रषासनिक कार्यों में शानदार प्रदर्षन के लिए डॉ. विष्णु शर्मा, डॉ. त्रिभुवन शर्मा और डॉ. एस.सी. गोस्वामी को प्रषंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस बार वीर पूनमचंद राखेचा और वीर राजेन्द्र जोषी को राजुवास मित्र का पुरस्कार दिया गया। कुलपति छीपा ने विश्वविद्यालय की बेस्ट ऑन कैम्पस यूनिट में डी.एस.डब्ल्यू को 17वीं एग्री यूनिफेस्ट के शानदार और सफलतम आयोजन के लिए सम्मानित किया। इसी क्रम में बेस्ट ऑफ कैम्पस यूनिट में पशुधन अनुसंधान केन्द्र, बीछवाल के प्रो. आर.के. सिंह को और बेस्ट ऑफ कैम्पस यूनिट (प्रोजेक्ट) में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना द्वारा संचालित प्रोजेक्ट एडवांस्ड मिल्क टेस्टिंग रिसर्च लैब, पीजीआई वीईआर, जयपुर की प्रो. संजीता शर्मा को सम्मानित किया गया।
समन्वयक
जनसम्पर्क प्रकोष्ठ

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