जटिल ऑपरेशन कर दिया रोगी को नवजीवन

bikaner samacharबीकानेर, 19 सितम्बर 2017। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के कल्याणसर गांव की पूनी देवी को बाएं हाथ में लकवा हो गया; एम.आर.आई. जांच करवाने पर पता चला कि मरीज के दिमाग में दाई तरफ अति संवेदनशील हिस्सा (मोटर स्ट्रीप एरिया) में ट्यूमर था। पिछले पन्द्रह दिन से पूनी स्थानीय उपचार के साथ टोना आदि पर विश्वास करते हुए सही इलाज नहीं ले रही थी। बीकानेर लाए जाने के बाद सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से सम्बद्ध पी.बी.एम. अस्पताल में जांच की गई । न्यूरोसर्जरी विभाग के सह-आचार्य डॉ. सुशील आचार्य के नेतृत्व में 40 वर्षीय पूनी देवी का सफल ऑपरेशन कर नवजीवन दिया गया। पूनी देवी स्वस्थ है, तीन चार दिन के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। डॉ.सुशील आचार्य ने बताया टीम में डॉ.दिनेश सोढ़ी, डॉ.कपिल, डॉ.राकेश सिहाग और डॉ. अनूप शामिल थे।

यूं हुआ उपचार और ऑपरेशन :-

पूनी के पी.बी.एम. पहुंचने पर पांच दिन पूर्व डॉ.आचार्य व उनकी टीम ने रोगी व उसके परिजनों के समझाइश की तथा एम.आर.आई. करवाने की सलाह दी। तत्काल एम.आर.आई. की रिपोर्ट मंगवाने पर चिकित्सकों की टीम ने चर्चा कर मंगलवार को ही ऑपरेशन कर दिया गया। पूनी पत्नी मालाराम जाट का इलाज भामाशाह स्वास्थ्य योजना के तहत निःशुल्क किया गया हैं ।

चार घंटे लगे ऑपरेशन में :-

पूनी देवी के ऑपरेशन में करीब 4 घंटें लगे। इसके बाद पूनी देवी होश में है तथा पूर्णतया स्वस्थ है। बीकानेर के पी.बी.एम. अस्पताल में अपनी किस्म का यह पहला ऑपरेशन है जिसमें रोगी को राजस्थान सरकार की महत्त्वाकांक्षी भामाशाह स्वास्थ्य योजना के तहत तत्काल राहत प्रदान की गई है।

ऑपरेशन की जटिल प्रक्रिया :-

डॉ.आचार्य ने बताया कि रोगी को बिना बेहोश किए हुए करीब 5 सेंटीमीटर गोल ट्यूमर को निकाला गया। पूरे ऑपरेशन के दौरान एनिथिसिया विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ.साधना जैन, डॉ.कीवि एवं डॉ.गरिमा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। डॉ.साधना जैन ने बताया कि इस प्रकार के ऑपरेशन बहुत चुनौती पूर्ण होते हैं, जिनमें रोगी को पूर्ण होश में रखते हुए बिना दर्द के ऑपरेशन करना पड़ता है।

राजस्थान में ये अलग ऑपरेशन :

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर.पी.अग्रवाल ने बताया कि मेडिकल कॉलेज व पी.बी.एम. की चिकित्सकों की टीम रोगियों का बेहतर इलाज करने, सरकार की कल्याणकारी भामाशाह स्वास्थ्य योजना का लाभ दिलाने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील हैै। उन्होंने ऑपरेशन को राजस्थान में अपनी किस्म का अलग ही ऑपरेशन बताते हुए न्यूरोसर्जरी विभाग, एनिस्थिसिया विभाग तथा सहयोगी स्टॉफ तथा रोगी व उनके परिजनों को भी धन्यवाद दिया।

– मोहन थानवी

error: Content is protected !!