सरकार किसानों की आत्महत्या की सत्यता को स्वीकार नहीं कर रही-पायलट

 हम सरकार को घुटनों के बल झुकाकर दम लेगें।

 हमारी ताकत है युवा और किसान।

 पूर्व मंत्री भाया ने भी सरकार को जमकर घेरा

कांग्रेस प्रदेष उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद भाया
कांग्रेस प्रदेष उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद भाया
फ़िरोज़ खान
बारां 6 अक्टूबर। राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने आज झालावाड़ में किसान सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए माननीया मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे को सीधे निषाने पर लिया और कहा कि राजस्थान में भी कुछ महिनों के दौरान लगभग 80 किसानों ने कर्ज की मार से परेषान होकर आत्महत्याएं कर ली, लेकिन माननीया मुख्यमंत्री जी एवं उनके मंत्रियों के पास प्रभावित किसान परिवारों को सात्वना देने के लिए आधा घण्टे तक का समय नहीं हैं। ये गूंगी-बहरी सरकार तो ये मानने को भी तैयार नहीं हैं, कि इन किसानों ने कर्ज के कारण आत्महत्याएं की हैं।

पायलट ने कहा कि ये सरकार सामन्तषाही तरीकों से कार्य कर रही, जिसका इस लोकतांत्रिक व्यवस्था में कोई स्थान नहीं हैं। ऐसी सरकारों को उखाड़ फैंकने के लिए किसानों, मजदूरों, युवाओं तथा माताओं-बहिनों एकजुटता से संघर्ष कर कांग्रेस का सहयोग करना होगा। ताकि इन सरकारों को बाहर का रास्ता दिखाकर जनतांत्रिक व्यवस्था के रूप में कांग्रेस की सरकार बनायी जा सके।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने सŸाा की मजबूरी के बावजूद जनकल्याणकारी कार्यकर्मों एवं गतिविधियों का कभी दमन नहीं किया। बल्कि जहां तक सम्भव हो सका अपनी ओर से सहयोग की भावना रखकर कार्य किया हैं।

प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को किसानों के हक में यथाशीर्घ निर्णय कर कर्ज माफी का आदेष जारी करना होगा, अन्यथा कांग्रेस सरकार को घुटनों के बल झुकाने के लिए आगे का संघर्ष और तेज करेगी।

लाखों की संख्या उपस्थित जन सैलाब को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेष उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि हमारे प्रदेष अध्यक्ष सचिन पायलट व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेष्वर डूडी द्वारा किसान न्याय यात्रा प्रारम्भ करते ही भाजपा घबरा गई तथा माननीया मुख्यमंत्री महोदया के दबाव में आकर उनके मंत्री, नेतागण आनन-फानन में बारां एवं झालावाड़ में पत्रकार वार्ताएं आयोजित कर अनर्गल बयानबाजी करने लग गए, जो भाजपा की बौखलाहट को स्पष्ट रूप से दर्षा रहा है। कांग्रेस की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है, जबकि भाजपा की कथनी और करनी में बडा अंतर है। चुनाव के समय भाजपा नेता कहते थे, कि किसान हमारा अन्नदाता है। इनके द्वारा उत्पादित फसल का लागत मूल्य से पांच गुना अधिक दाम दिलवाएंगे। लेकिन भाजपा की सरकार आने के बाद प्रत्येक चीज के भाव बढे हैं, जबकि उस अनुपात में फसल के दाम नहीं बढे हंै।

पूर्व मंत्री भाया ने कहा कि कर्ज से परेषान किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। अब तक 75 से अधिक किसानों ने आत्महत्याएं की हंै। भाजपा नेताओं द्वारा ऐसे किसान परिवारों की मदद करना तो दूर रहा, मृतक किसान परिवारों के घर जाकर उनके परिवारजनों को ढांढस बंधाने का समय भी नहीं निकाल सके। और तो और माननीया मुख्यमंत्री जी के क्षेत्र में 2 किसानों ने आत्महत्याएं कर ली। यहां के भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा उन मृतक किसानों के परिजनों को धमकाया गया कि पुलिस रिपोर्ट में कर्ज के कारण मौत होना नहीं लिखवाना। इससे बडा दुर्भाग्य क्या होगा कि मृतक किसान के परिजन सही घटना की रिपोर्ट भी पुलिस में दर्ज नहीं करवा सकते।

भाया ने कहा कि मंदसौर में 6 किसानों की गोेली से हत्या हुई। झालावाड़ जिले में किसान भाईयों द्वारा शांतिपूर्वक तरीके से प्रदर्षन किया गया, लेकिन उनके खिलाफ झूठे मुकदमंें दर्ज किए गए। यह सरकार झूठे मुकदमें दर्ज कर किसानों की आवाज को दबाना चाहती है। हमारे नेतागण द्वारा बारां से झालावाड़ जिले तक किसान हितों के लिए किसान न्याय यात्रा की घोषणा करते ही भाजपा सरकार ने आनन-फानन में सोयाबीन तथा उडद तुलाई हेतु खरीद केन्द्र खोलने की घोषणा कर दी। आनन-फानन में इस व्यवस्था को भी सरकार ने किसानों के हितों के देखते हुए व्यवहारीक नही बनाया। उसमें सरकार द्वारा प्रावधान किया गया कि खरीद केन्द्रों पर उडद प्रति बीघा 71 से 80 किलो तथा सोयाबीन प्रति बीघा 1 से 2 क्विंटल ही खरीदी जाएगी। इसमें भी चलनी लगाकर, नमी रहित एवं क्वालिटी वाली फसल ही किसानों से खरीद किए जाने का बहाना बनाकर किसानों को अनावष्यक परेषान किया जा रहा है। दूसरी ओर इस क्षेत्र में उडद की फसल औसत 2 से ढाई क्विंटल प्रति बीघा तथा सोयाबीन की फसल औसत 3 से 4 क्विंटल प्रति बीघा निकलती है।

पूर्व मंत्री भाया ने कहा कि ने सरकार यह बताए कि ऐसे मापदण्ड उसके द्वारा किस आधार पर तय किए गए हैं। ऐसे ही तुगलकी आदेषों के खिलाफ अभी दो-तीन दिन पूर्ण ही बारां कृषि उपज मंडी में किसान भाईयों को हंगामा करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बावजूद भाजपा नेता पत्रकार वार्ता आयोजित कर यह कह रहे है कि हमारी सरकार किसानों की हितेषी है तथा किसान हितों को लेकर कार्य कर रही है। गत वर्ष सरसों के समर्थन मूल्य सरकार ने 3700 रूपए प्रति क्विंटल घोषित किए थे, लेकिन सरसों बिकी 2900 से 3200 रूपए प्रति क्विंटल। एक भी कांटा कहीं पर नही लगा। फिर यह सरकार अपने आपको किसान हितेषी किस मुंह से बताती है।

भाया ने कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान गेहूं पर 25 प्रतिषत आयात ड्यूटी थी, जिसे भाजपा सरकार ने घटाकर 10 प्रतिषत कर दिया। इसके कारण गेहूं दूसरे देषों से आयात किया जा रहा है, जबकि कांग्रेस शासन के दौरान गेहूं दूसरे देशों को निर्यात किया जाता था। इससे किसान भाईयों के गेहूं कीमत घटकर 1400-1500 रूपए प्रति क्विंटल रह गई, लेकिन भाजपा के दलाल मोटी कमाई कर रहे हैं।

परवन का मुद्दा भी उठा – उन्होंने कहा कि किसानों, व्यापारियों एवं आमजन के लिए जीवनदायिनी कही जाने वाली परवन वृहद सिंचाई परियोजना जिसकी पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री अशोक जी गहलोत द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई थी तथा हमारे युवा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माननीय श्री राहुल जी गांधी द्वारा शिलान्यास किया गया था, उस महत्वाकांक्षी परियोजना को इस भाजपा सरकार द्वारा ठंडे बस्तें में बांध दिया है। जबकि विधानसभा चुनाव के दौरान कहा गया था कि हम इसका कार्य शीघ्र प्रारंभ करेंगे। हमने सोचा कि मुख्यमंत्री महोदया हाडौती क्षेत्र से हैं तो यह इस परियोजना का कार्य शीघ्र प्रारंभ करवाएंगी, लेकिन कार्य प्रारंभ नही करवाया। इसके पश्चात लोकसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री महोदया एवं सांसद दुष्यंतसिंह जी ने कहा कि अभी चुनाव निपटे ही हैं, अब परवन का कार्य शीघ्र शुरू करवाएंगे। फिर हमने इंतजार किया, लेकिन कार्य प्रारंभ नही करवाया गया। फिर मेरे द्वारा 08 दिसम्बर 2015 को संकल्प लिया गया कि जब तक परवन परियोजना का कार्य मौके पर प्रांरभ नही हो जाता, तब तक मैं परवन से लाभान्वित होने वाले गांवों में अपनी पदयात्राएं करूंगा। आज पदयात्रा से घबरा कर परवन परियोजना के होर्डिंग्स ऐसे लगा दिए गए हैं, जैसे परवन परियोजना का कार्य पूर्ण करवाकर किसान भाईयों के लिए पानी चालू कर दिया गया हो। आज भी परवन परियोजना के कार्य को प्रांरभ करवाए जाने की मांग को लेकर मेरी पदयात्राएं जारी हैं। जब तक मौके पर परियोजना का निर्माण कार्य प्रारंभ नही हो जाता, तब तक मेरा संघर्ष जारी रहेगा।

पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर तंज – भाया ने कहा कि कू्रड आॅयल कांग्रेस के समय 145 डाॅलर प्रति बैरल था। अभी यह 45 डालर प्रति बैरल है। केन्द्र सरकार ने 9 बार एक्साइज ड्यूटी बढाई तथा राज्य की भाजपा सरकार ने वेट बढाया। इस प्रकार केन्द्र एवं राज्य की भाजपा दोनों सरकारें खजाना भरने में लगी हुई हैं। उन्हें आमजन, किसानों की समस्याओं से कोई लेना-देना नही हैं। कांग्र्रेस के समय डीजल पर दी जाने वाली सब्सिडी भी इस सरकार द्वारा खत्म कर दी गई हैं।

पदयात्रा जारी रखने का आग्रह – भाया ने मंच पर ही सर्वश्री पायलट साहब एवं डूडी साहब से आग्रह किया कि यह भाजपा सरकार किसान विरोधी और गूंगी-बहरी होने के कारण आसानी से न्याय देने वाली नहीं हैं। इसलिए जब तक किसान भाईयों को न्याय नहीं मिल जाये तब तक राजस्थान के प्रत्येक जिले में इस प्रकार की पदयात्राएं जारी रखें। हम सभी आपके साथ हैं।

ये नेतागण भी बोले – प्रदेष प्रभारी अविनाश पाण्डे, एआईसीसी सचिव विवेक बंसल, सह प्रभारी तरूण कुमार, नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूड़ी, पूर्व केन्द्रिय मंत्री नमोनारायण मीणा, उपाध्यक्ष राजेन्द्र चैधरी तथा पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने भी सम्मेलन को सम्बोधित किया।

प्रदेश के नेता उमड़े – विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष रमेश मीणा, जिला प्रभारी अशोक बैरवा, पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीणा, पूर्व सांसद गोपालसिंह, पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा, रघुवीर मीणा, विधायक अशोक चाँदना, पूर्व संसदीय सचिव नसीम अख्तर, ममता शर्मा, उर्मिला जैन भाया लोकसभा प्रत्याशी, पानाचन्द मेघवाल जिलाध्यक्ष, एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष अभिमन्यु पुनिया, प्रदेश सचिव इन्द्रराज गुर्जर, विधायक घनश्याम मेहरा, पूर्व मंत्री रामगोपाल बैरवा, उपाध्यक्ष राजेन्द्र चैधरी, पूर्व मंत्री खिलाड़ीलाल बैरवा, डाॅ. खानु खान बुधवाली, पूर्व मंत्री रतन देवासी, करणसिंह उचियड़ल, महेन्द्रसिंह रलावता, सुरेश मीणा, मास्टर भंवरलाल मेघवाल, पूर्व सांसद इज्यराजसिंह, पीसीसी प्रवक्ता सुरेश चैधरी, सचिव शरद शर्मा, पंकज मेहता, पूनम गोयल, सहित हजारों कांग्रेसजनों ने किसान न्याय यात्रा में शिरकत की।

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