( अश्व पर्यावरणीय पर्यटन का उद्धाटन 29 अक्टूबर को )
बीकानेर, 27 अक्टूबर 2017 ( मोहन थानवी )। मरुधरा की विशिष्ट पहचान बीकानेरी ऊंट के साथ-साथ देशी-विदेशी पर्यटकों को अब दुनियाभर की विभिन्न नस्लों के घोड़े भी बीकानेर की ओर आकर्षित करेंगे। पर्यटकों को घोड़ों की सवारी न केवल वीरता का अहसास करवाएगी बल्कि राजशाही रथों-बग्गियों की सवारी का लुत्फ भी देगी। इतना ही नहीं; सस्ती दरों पर लोगों को तांगा सफारी का आनंद भी मिलेगा। ऐसा होगा 29 अक्टूबर 2017 को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में अश्व पर्यावरणीय पर्यटन का उद्धाटन होने पर। उद्धाटन 29 अक्टूबर को प्रात: दस बजे किया जाएगा। केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा. एस.सी.मेहता के अनुसार अश्व पर्यावरणीय पर्यटन के तहत बीकानेर शहर में आने वाले पर्यटकों को एक जगह पर बेहतरीन पर्यावरण के साथ घुड़सवारी, पोनी सवारी, तांगा सवारी, बग्गी सवारी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। वहीं राजस्थान का मारवाड़ी घोड़ा, गुजरात का काठियावाड़ी घोड़ा, मणिपुरी घोड़ा एवं एवं लद्दाख का जांसकारी घोड़ा, फ्रांस का पोइटू गर्दभ एवं गुजरात के सफेद गधे भी देखने को मिलेंगे। दरअसल राजस्थान में घोड़ों की पशु गणना में लगभग 43 प्रतिशत वृद्धि हुई है। आम जनता से इसका जुड़ाव बढ़ाने, इस पर हो रहे अनुसंधान की जानकारी देने के साथ पर्यावरण व अश्व संरक्षण से इसे जोड़ते हुए पर्यटन के लिए आकर्षण बढ़ाने की ओर कदम है।
अश्व सूचना केंद्र :-
घोड़ों की प्राकृतिक चिकित्सा के लिए बनाया गया अश्व हाइड्रोथेरेपी पूल, अश्वों से संचालित कृषि उपकरण एवं अश्वों के साजो-सामान को भी प्रदर्शित किया जाएगा। पर्यटकों की सुविधा के लिए एक अश्व सूचना स्थल भी बनाया गया है।
पर्यटन के तहत धोरा भी विकसित :-
देशी-विदेशी पर्यटकों को मरुभूमि का आनंद दिलाने के लिए अश्व अनुसंधान केंद्र के एक ही परिसर में धोरा भी विकसित किया गया है एवं उस पर एक झोंपड़ी भी बनवायी गयी है। ताकि पर्यटक राजस्थानी परिवेश का अहसास कर सकें एवं फोटोग्राफ्स ले सकें। निकट भविष्य में यहां पर हर्बल पार्क एवं विलुप्तप्राय: रेगिस्तानी पौधों का पार्क भी विकसित किया जाएगा।
ये रखे रेट्स :
वर्तमान में घुड़सवारी, तांगा सवारी या बग्गी सवारी आदि सिर्फ महंगे होटल्स या रिसोर्ट में ठहरने वाले मेहमानों को उपलब्ध है, इसलिए राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में सस्ती दरों पर इसको उपलब्ध कराने का प्रयास किया है जिसके तहत प्रवेश शुल्क भारतीय पर्यटक के लिए 50 रुपए जबकि विदेशी पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क 200 रुपए रहेगा। वहीं घुड़सवारी 100 रुपए, तांगा सवारी 50 रुपए व बग्गी सवारी 100 रुपए रखी गयी है।
– मोहन थानवी