रेत के विशालकाय धोरों के बीच स्थित रेगिस्तान म तालाब, जोहड़ किसी वरदान के समान ही लगते ह®। यहां के निवासी पानी की एक-एक बंूद को घी के समान कीमती समझते हैं और इसी समझ के चलते पूर्वजों ने यहां कई टांके, जोहड़, नाडियों और तालाबों का निर्माण करवाया, परन्तु समय की मार और लापरवाही के चलते इन संरचनाओं का वास्तविक स्वरूप कायम नह° रह पाया।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के माध्यम से इस क्षेत्रा म न केवल नए तालाबों का निर्माण किया गया, बल्कि परम्परागत जल संग्रहण संरचनाओं का जीर्णोद्धार कर, इन्ह नवजीवन दिया गया। श्रीडूंगरगढ़ तहसील के सोनियासर मीठियान म इस अभियान के तहत एक नए तालाब का निर्माण व दो तलाईयों का पुनर्जीवित कर गांव को जल आत्मनिर्भर बनाने की दिशा अनूठी मिसाल पेश की गई है।
अभियान के द्वितीय चरण के तहत सोनियासर मीठियान म 20 लाख रूपए की लागत से केरलाई तलाई का निर्माण किया गया है। इस जल संरचना की क्षमता 16 लाख लीटर है। इस तलाई का निर्माण करते हुए सुरक्षा मानकों का विशेष ध्यान रखते हुए पानी के साफ रहने की पुख्ता व्यवस्था की गई है, जिससे संग्रहित पानी पेयजल के रूप म भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। रेतीली जमीन के चलते इन क्षेत्रों म नाड़ी, तालाबों म पानी के रिसाव की समस्या के मद्देनजर मजबूत तल निर्माण पर विशेष ध्यान दिया गया है। करीब 100 बीघा कैचमट एरिया वाली इस तलाई को इस प्रकार विकसित किया गया है जिससे तलाई के भर जाने के बाद ओवरफ्लो होने की स्थिति म अतिरिक्त जल पाइप के माध्यम से पास ही स्थित एक अन्य तलाई म पहुंच जाएगा। इसका उपयोग पशुओं व वनस्पति के लिए किया जा सकेगा। तलाई के निर्माण म अभियान के अनटाइड फंड के अलावा गांव के निवासियों ने आर्थिक व श्रमदान के माध्यम से सहयोग किया है। इसके चारों ओर वायर फसिंग का कार्य भी किया गया है तथा करीब 4 हजार पौधे लगाकर चारागाह विकसित किया गया है।
सोनियासर मीठियान म ही एक अन्य पुरानी सुमेरिया तलाई के मरम्मत व जीर्णोद्धार के कार्य पर भी 15 लाख रूपए खर्च कर मूल स्वरूप दिया गया। करीब 50 लाख लीटर की क्षमता वाली सुमेरिया तलाई के जीर्णोद्धार कार्य पर 15 लाख रूपए खर्च किए गए। इस तालाब पर पशुओं की सुविधा के लिए गौघाट को भी मॉडिफाई कर नया रूप दिया गया है। गांव की करीब 50 लाख लीटर की क्षमता वाली एक पुरानी झरेती तलाई पर 14.50 लाख रूपए पर खर्च कर जीर्णोद्धार किया गया है। तीनों तालाबों के विकसित होने से गांव को जल आत्मनिर्भरता की नई पहचान मिली है।
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न्याय आपके द्वार
बावन वर्षों बाद मिले खातेदारी अधिकार
‘राजस्व लोक अदालत अभियानः न्याय आपके द्वार’ के तहत कोलायत के गोगड़ियावाला म आयोजित शिविर आठ काश्तकारों के लिए नई रोशनी लाया। 52 वर्षों पुरानी, पहाड़ सी दिखने वाली समस्या का हाथांेहाथ निस्तारण करवाकर मानो उनकी खुशी का ठिकाना नह° रहा।
गोगड़ियावाला म आयोजित शिविर म सुगन सिंह पुत्रा भैरूसिंह राजपूत, कानसिह पुत्रा लाल सिंह, गीता, पेम्पा एवं गंगा पुत्रियां लाल सिंह, दीपा देवी पत्नी भीम सिंह, देवी सिंह पुत्रा मूलीदेवी और मृगा पत्नी लालसिंह ने 15 एएए के तहत खातेदारी सनद जारी करने का प्रार्थना पत्रा प्रस्तुत किया।
उपखण्ड अधिकारी जयसिंह के निर्देश पर नायब तहसीलदार रामेश्वर सिंह और पटवारी पूनमचंद ने रिकॉर्ड के अनुसार हाथांेहाथ 15 एएए के तहत खातेदारी प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत कर दिए। इसके बाद मौके पर ही खातेदारी सनद जारी कर काश्तकारों को दे दी गई और शिविर के दौरान ही अमल दरामद की कार्रवाई कर दी गई। प्रसन्नचित ग्रामीणों ने राज्य सरकार की इस अभिनव पहल को जनकल्याणकारी बताया और कहा कि इन शिविरों ने उनकी वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान निकाला है।