वसूली के विरूद्ध परिवाद को किया खारिज

bikaner samacharदिनांक 20.11.2017 को प्राकृतिक न्याय व त्वरित न्याय के आधार पर गठित बीकानेर की स्थाई लोक अदालत जिसकी अध्यक्ष डॉ॰ कमलदत्त, एवं सदस्यगण श्री दयाराम गोदारा व श्रीमती मधुलिका आचार्य हैं, ने एक प्रकरण, जिसमें प्रार्थी नंदकिशोर पुत्र श्री रामेश्वरलाल निवासी एसबीबीजे बैंक के पास, सींथल रोड, नापासर, तहसील व जिला बीकानेर ने एक प्रार्थना पत्र जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के विरूद्ध जरिये सहायक अभियंता, नापासर एवं मैनेजिंग डायरेक्टर, दिनंाक 26.07.2017 को प्रस्तुत किया था कि नापासर स्थित उसके मकान में घरेलु विद्युत कनेक्शन स्थापित है। मार्च 2017 को उसे 9150/- रूपये की अत्यधिक राशि का बिल प्राप्त हुआ। दिनांक 07.03.2017 को उक्त बिल की सम्पूर्ण राशि जमा कराते हुए मीटर बदलने के लिए 350/- रूपये की रसीद कटवा कर जमा करा दी और उसका मीटर बदल दिया गया। दिनांक 21.03.2017 को प्रार्थी के परिसर में विजिलेंस की जाना, जिसमें विद्युत चोरी करना माना और कुल 50,395/- रूपये सात दिवस में जमा करवाने हेतु कहा गया। विजिलेंस के आधार पर अधिरोपित राशि परिवादी द्वारा जमा ना कराये जाने पर प्रतिपक्षीगण ने परिवादी का उक्त विद्युत कनेक्शन विच्छेदित कर दिया। एफ.आई.आर. भी दर्ज करवा दी। उक्त वसूली नोटिस के विरूद्ध प्रार्थी ने स्थाई लोक अदालत मंे इस बाबत् परिवाद पेश किया।
2. जिस पर स्थाई लोक अदालत में पक्षकारान की सुनवाई करते हुए दिनांक 20.11.2017 को न्याय निर्णय पारित करते हुए आदेश दिया कि प्रकरण स्पष्टतया विद्युत चोरी और मीटर से छेड़छाड़ करने का होना और उसमें एफआईआर भी दर्ज करवा देना दर्शित होता है, जिसके लिए पूर्व मंे जमा करवाई गई राशि 9150/- रूपये व कम्पाउंड राशि 50,395/- रूपये की मांग की गई है जो न्यायसंगत होना प्रकट होता है। प्रार्थी ने इस प्रकरण में यदि पूर्व मंे 25,000/- रूपये दिनंाक 27.07.2017 के आदेश के आधार पर जमा कराए है तो वह उसके बिल में समायोजित कर लिए जाएंगे। अतः प्रार्थी का प्रार्थना पत्र विरूद्ध अप्रार्थीगण अस्वीकार कर खारिज किया गया।
उक्त प्रकरण मे प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्री विवेक शर्मा व अप्रार्थीगण की ओर से अधिवक्ता श्री पन्नालाल चौमाल ने पैरवी की।

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