भील समाज भी आया आगे कुरीतियों को त्यागने का लिया निर्णय

IMG-20171225-WA0001फ़िरोज़ खान
बारां 25 दिसंबर । बारां जिले के आदिवासी बहुल इलाकों में सहरिया समाज से प्रेरणा लेकर अन्य समुदाय के लोग भी आगे आ रहे है । और गांव गांव में शराब के सेवन पर बैठके कर इसको त्यागने का निर्णय ले रहे है । गत दिनों बंगाली समुदाय ने भी इसी तरह समाज की मीटिंग कर निर्णय लिया और डंड का प्रावधान भी रखा । लम्बे समय से इस क्षेत्र में जाग्रत महिला संग़ठन की महिला कार्यकर्ता भी महिलाओं के साथ मीटिंग कर लगातार जागरूकता की पहल करती आ रही थी। इसका परिणाम अब देखने को मिल रहा है । आज एक दिन भी ऐसा नही जाता है जहाँ सहरिया समाज मीटिंग नही कर रहा है । यह अभियान करीब 2 माह से चल रहा है । और इस अभियान का नतीजा भी देखने को मिल रहा है । अब तक 300 गांवो के लोग जुड़ चुके है । किशनगंज व शाहाबाद तहसील के लगभग 84 गांवो के पटेल प्रधानों ने बैठक कर शराब के नशे का त्याग करने की मुहिम शुरू कर रखी है । सीताबाड़ी में एक बड़ी बैठक कर समाज के लोगो को संकल्प दिलाते हुए शराब पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का मन बना लिया है । इस दौरान समाज की महिलाओं ने भी इस फैसले का पुरजोर समर्थन किया है । किशनगंज व शाहाबाद तहसील में 84 गांव व 12 गांव की दो अलग अलग समितियां बनी हुई है । दोनों ही समितियों ने समाज के उत्थान को लेकर एक राय होकर इस अभियान को तेजी से आगे बढ़ाया 12 गांव की मीटिंग के संरक्षक हजारीलाल, पूर्व प्रधान जानकीलाल , केदारलाल सहरिया ने बताया कि शराबबंदी की प्रेरणा मध्यप्रदेश से हमारे समाज से मिली है । गांव के लोग सहरिया समुदाय में धीरे धीरे लोगो ने शराब छोड़ने का मानस बना लिया है । इस प्रेरणा से प्रेरित होकर कई समुदाय भी अब आगे आ रहे है । शाहाबाद ब्लॉक की ग्राम पंचायत कसबनोनेरा के गांव संगेश्वर व पुरमपुर के दोनों गांव के भील समुदाय के लोगों की बैठक रविवार को हुई । बैठक में समाज के युवाओं द्वारा समाज सुधार के विषय पर विचार विमर्श किया गया । इसमें समाज के वरिष्ठ व्यक्ति गलिया, बोमजी ने प्रस्ताव रखा कि समाज मे कुरीति व खान,पान, शराब,गांजा,मांस छोड़ना समाज की बैठक में सर्व सम्मति से निर्णय लिया गया जो सब पंचो ने इस निर्णय को माना । समाज का कोई भी व्यक्ति शराब,गांजा,मांस,आदि का प्रयोग करता हुआ पाया गया तो पंच गण डंड के रूप में 30 हजार रुपए की राशि ली जावेगी और इस राशि को किसी सार्वजनिक कार्य मे खर्च की जावेगी । समाज द्वारा बनाया गया नियम अगर कोई तोडता है तो सूचना देने वाले इनाम के रूप में 1000 रुपए की राशि से नवाजा जाएगा । बैठक में तेजाराम, केशरिया, शिवजी, भीमसिंह, बालूराम, दिलीप, बहादुर, नारायण सिंह, कालूराम सहित समाज के लोग उपस्थित थे । वही इस सम्बंध में जाग्रत महिला संगठन की महिला कार्यकर्ता ग्यारसी बाई सहरिया, कल्याणी बाई सहरिया, शकुंतला बाई सहरिया से बात की गई तो बताया कि शराबबन्दी हमारी समाज की महिलाओं ने काफी पहल की है । और हम भी गांवो में मीटिंग करते है तो अन्य मुद्दों के साथ साथ शराबबन्दी के मुद्दे पर भी बात करते है । और समाज की महिलाओं को जागरूक करते है ।

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