‘फैमिली डॉक्टर’ की तरह हो ‘फैमिली किसान’

बीकानेर को ‘जहर मुक्त’ बनाने का लिया संकल्प, किसान-उपभोक्ता समन्वय पर हुआ मंथन
बीकानेर, 3 फरवरी। ‘फैमिली डॉक्टर’ की तरह ‘फैमिली किसान’ भी हो। दस-पंद्रह उपभोक्ता मिलकर उस किसान का संरक्षण करें तथा उसके खेत में पैदा ‘जहर मुक्त खाद्यान्न’ क्रय करें। इसी अवधारणा से किसान को संबल और उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य सामग्री मिल पाएगी।’
हमारा कुदरती खेती संस्थान, हनुमानगढ़ के संरक्षक ओमप्रकाश मांझू ने शनिवार को स्वदेशी जागरण मंच की महानगर इकाई द्वारा आयोजित ‘किसान-उपभोक्ता समन्वय’ कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह बात कही। आनंद निकेतन सभागार में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने कहा कि आज रासायनिक खेती के बड़े दुष्परिणाम आ रहे हैं। अंधाधुंध कीटनाशकों के उपयोग से गंभीर बीमारियां हो रही हैं तथा जमीन की उर्वरा शक्ति भी कम हो रही है। यदि हम अब भी नहीं चेते तो हमें इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि किसान जहर मुक्त खेती करना चाहता है लेकिन इस पर होने वाले व्यय के मुताबिक कीमत नहीं मिलने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाता।
मांझू ने कहा कि कुदरती खेती की कठिनाईयों को दूर करने के लिए उत्पादक एवं उपभोक्ता के बीच विश्वास पैदा करना जरूरी है। इसी उद्देश्य से हमारा कुदरती खेती संस्थान का गठन किया गया है तथा विभिन्न क्षेत्रों में किसान और उपभोक्ता के बीच समन्वय के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे किसान के मन में भी आत्मविश्वास आएगा तथा वह कुदरती खेती की ओर अग्रसर हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा चक्र बनाने की जरूरत है, जिससे किसान के साथ उपभोक्ता के हितों की रक्षा हो सके। उन्होंने किसानों को उत्पादन के साथ प्रोसेसिंग की ओर बढ़ने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि गांव के उत्पाद का सर्वाधिक उपभोग गांव में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। इससे गांव आत्मनिर्भर बनेंगे।
गौ ग्राम स्वावलम्बन संस्थान के निर्मल बरड़िया ने कहा कि जिले के 70 प्रतिशत खेत बारानी हैं। पंद्रह-बीस वर्ष पूर्व तक इन खेतों से होने वाली खेती जैविक थी। वर्तमान में हालात खराब हो चुके हैं तथा शुद्ध हिस्सा जहर की ओर जा रहा है। हमें इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ‘जहर मुक्त’ खेती को बढ़ावा देने के लिए हनुमानगढ़ की तर्ज पर जिले में भी किसान और उपभोक्ताओं को एक मंच पर लाने के प्रयास करने चाहिए। इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जनजागरण के कार्यक्रम भी हों।
स्वदेशी जागरण मंच के महानगर संयोजक मधुसूदन व्यास ने अभियान की रूपरेखा के बारे में बताया तथा कहा कि किसानों एवं उपभोक्ताओं के सहयोग से जिले को ‘जहर मुक्त’ करने के प्रयास किए जाएंगे। किसान आत्मनिर्भर हों तथा युवाओं रोजगार देने वाले बनें, मंच द्वारा इस दिशा में कार्य होंगे। इस अवसर पर एसकेआरयू के डॉ. विजय शंकर आचार्य, लाभूराम बिश्नोई, ख्यालीराम गोदारा, वंदेमातरम् मंच विजय कोचर, उन्नति फाउण्डेशन के कृष्णकांत आचार्य, मंच के भवानी सिंह खारा, पूनम राइका, गोरधन स्वामी, केसरीचंद पुरोहित, टीम बीकानेर के एडवोकेट मुकंद व्यास सहित विभिन्न क्षेत्रों के किसान एवं उपभोक्ता मौजूद थे।
लेगों ने खरीदे ‘जैविक उत्पाद’
कार्यक्रम के दौरान अपना कुदरती खेती संस्था द्वारा उत्पादित जैविक उत्पाद भी विक्रय के लिए रखे गए। इनमें आटा, दालें, चावल, गुड़, खजूर, मसाले, मुंगफली, विभिन्न सब्जियां आदि सम्मिलित हैं। इस दौरान चित्रों के माध्यम से गाय की महत्ता तथा पंचगव्य के बारे में जानकारी दी गई। स्वदेशी के प्रखर वक्ता स्वर्गीय राजीव भाई दीक्षित के ऑडियो-वीडियो भी प्रदर्शित किए गए।

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