विधायक डॉ. गोपाल जोशी, बीकानेर (पश्चिम) ने विधानसभा बजट सत्र में आज नियम 295 के तहत राजस्थानी भाषा को 8वीं अनुसूची में मान्यता देने का उठाया मुद्दा
06.02.2018। डाॅ. गोपाल जोशी विधायक, बीकानेर (पश्चिम) ने आज विधानसभा बजट सत्र के दौरान राजस्थानी भाषा को नियम 295 के तहत 8वीं अनुसूची में मान्यता दिलाने की मांग की गई। विधायक डाॅ. जोशी ने कहा कि किसी भी देश व उनके राज्य की पहचान उसकी भाषा से होती है। हमारा भारत देश विविध धर्मो, सम्प्रदायों व भाषाओं वाला देश है, जो कि विविधता में एकता का संदेश देता है। देश के राज्यों की पहचान उसकी भाषा से होती है। जैसे कि पंजाब, हरियाणा, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु एवं दक्षिण के कई राज्यों के साथ अन्य राज्यों में अपनी भाषाएं बोली जाती है।
हमारे राजस्थान की बोली राजस्थानी को दुनिया में 12 करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं व विदेशो तक फैले राजस्थानी लोग दूसरे लोगों को भी अपने राज्य के साथ ही भाषा के बारे में गर्व के साथ इसके गौरवमयी इतिहास को बतलाते हैं।
राजस्थान प्रदेश की बोली राजस्थानी को दुनिया में 12 करोड़ से अधिक लोग बोलते हैं व विदेशो तक फैले राजस्थानी लोग दूसरे लोगो को भी अपने राज्य के साथ ही भाषा के बारे में गर्व के साथ इसके गौरवमयी इतिहास को बतलाते हैं।
राजस्थान भाषा का दुनिया की भाषाओं में 25वां स्थान है व इसमें चार लाख हस्तलिखित ग्रन्थ और 134 रीति ग्रन्थ के साथ ही 49 शब्दकोश, कई व्याकरण की पुस्तकें तथा छह भागों में कहावत-कोश है व राजस्थानी साहित्य प्रकाशन का काम भी चल रहा है। यह भाषा अभिव्यक्ति, सम्प्रेषण, समृद्धता के कारण भारतीय भाषाओं में अपनी अलग ही छाप छोड़ती है।
इस भाषा में लिखित किताबों, कविताओं व साहित्यों को देश में ही नहीं अपितु विदेशो में भी सम्मान के साथ पुरस्कृत किया गया। विदेशों में इस भाषा का प्रशिक्षण दिया जाता है।
लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण इस भाषा को 8वीं अनूसूची में अब तक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है, जिसके लिए काफी लम्बे समय से मांग की जा रही है।
विधायक डाॅ. गोपाल जोशी ने मांग की कि राजस्थानी भाषा को 8वीं अनूसूची में मान्यता दिलवाने का ऐतिहासिक कार्य कर हम राजस्थानियों को अपना भाषाई अधिकार दिलवावें।