19 वर्ष तक के बच्चे-किशोर गुरुवार को खाएंगे कृमिनाशक दवा अल्बेंडाजोल

एक दिन पहले महारानी स्कूल में हुआ जिला स्तरीय शुभारंभ

बीकानेर। पेट में कीड़े मारने वाली सेहत की गोली अल्बेंडाजोल सभी को स्वादिष्ट भी लगी। बच्चों को गोली खाने के लिए प्रेरित करने चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने कृमि मुक्ति दिवस से 1 दिन पहले बुधवार को राजकीय महारानी स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के जिला स्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम में एल्बेंडाजोल गोली उपस्थित विद्यार्थियों के सामने ही चबा-चबा कर खाई। इस प्रकार बच्चों को एल्बेंडाजोल गोली को बेझिझक और चबा-चबा कर खाने के लिए प्रेरित किया गया। उपस्थित छात्राओं को संबोधित करते हुए संयुक्त निदेशक बीकानेर जोन डॉ. हरबंस सिंह बराड़ ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 8 फरवरी को एक से 19 वर्ष तक के समस्त बच्चों को कृमिनाशक गोली खानी है और अपने आसपास सभी को प्रेरित भी करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सामान्य बीमार बच्चों को भी दवा दी जा सकती है हाँ मिर्गी के दौरे आने वाले बच्चों को ये दवाई नहीं खिलाई जायेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति (डीवर्मिंग) दिवस पर 1 से 2 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल 400 मिली ग्राम की आधी गोली जबकि बड़े बच्चों व किशोरों को पूरी गोली खिलाई जाएगी। जिले में लगभग साढ़े 8 लाख बच्चे ये गोली खाएंगे। उन्होंने छात्राओं को बताया कि ये पेट के कीड़े आहार से पोषक तत्व अवशोषित कर लेते हैं जिससे बच्चों में कुपोषण-एनीमिया की समस्या हो जाती है। शरीर में कृमि संक्रमण से शरीर और दिमाग का सम्पूर्ण विकास नही होता और हमेशा थकावट लगती रहती है। इसलिए ध्यान रहे कि एक भी विद्यार्थी गोली खाने से ना छूटे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार गुरुवार को बच्चों को खिलाने से पहले अध्यापकगण स्वयं ये गोली खाएंगे। यदि कोई शिक्षिका गर्भवती है और गर्भ काल की प्रथम तिमाही चल रही है तो वो दवा ना ले।
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दया शंकर अरड़ावतिया ने कहा कि शिक्षा विभाग और समस्त शिक्षक समुदाय की ओर से अभियान को सफल बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सभी विद्यालयों में कृमिनाशक गोली सुनिश्चित रूप से खिलाने की व्यवस्था रहेगी। उन्होंने एल्बेन्डाजोल गोली के फायदे भी गिनाए।
आरसीएचओ और अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. रमेश गुप्ता ने कृमि संक्रमण के कारण बताए और सुझाव दिए कि कृमि संकमण से बचाव के लिये खुली जगह में शौच नहीं करना चाहिए, खाने से पहले और शौच के बाद साबुन से हाथ धोना चाहिए और फलों और सब्जियों को खाने पहले पानी से अच्छी तरह धोना चाहिए । नाखून साफ व छोटे रहें, साफ पानी पिएँ, खाना ढक कर रखें और नंगे पाँव बाहर ना खेलें, जूते पहन कर रखें।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुनील बोड़ा ने शिक्षा विभाग के पुरजोर समर्थन द्वारा जिले को कृमि मुक्त बनाने की बात कही। स्वयंसेवी संस्थान एविडेंस एक्शन की ओर से बिंदु बोस द्वारा भी छात्राओं को संबोधित किया गया। प्राचार्या मीना शर्मा ने उपयोगी जानकारी साझा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त किया और छात्राओं से इस सन्देश को घर-घर पहुंचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम संचालन जिला आईईसी समन्वयक मालकोश आचार्य ने किया। उन्होंने छात्राओं को जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने और कृमि मुक्ति की शपथ भी दिलाई।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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