डूंगर कॉलेज में वंशावली परम्परा पर व्याख्यान आयोजित

बीकानेर, 14 फरवरी। डूंगर महाविद्यालय में बुधवार को वंशावली परम्परा पर व्याख्यान का आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि गोरखपुर विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. ईश्वरशरण विश्वकर्मा, विशिष्ट अतिथि सुप्यार कंवर रहे तथा अध्यक्षता कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वंशावली संरक्षण एवं संवद्र्धन अकादमी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह राव बोराज रहे। संचालन करते हुए डॉ. चन्द्रशेखर कच्छावा ने किया। डॉ. सुखाराम ने स्व. श्री नरपतसिंह की जीवनी के बारे में सदन को अवगत कराया। विभागाध्यक्ष डॉ. शारदा शर्मा ने छात्रवृति हेतु विभिन्न प्रकार के नियमों के बारे में अवगत कराया। उन्हानें स्व. नरपत सिंह राजवी के परिवार के सदस्यों का छात्रवृति प्रदान करने हेतु आभार व्यक्त किया। उपाचार्य डॉ.सतीश कौशिक ने महाविद्यालय में चल रही इस प्रकार की विभिन्न छात्रवृतियों के बारे में जानकारी दी।
महेन्द्रसिंह राव ने वंशावली परम्परा के विभिन्न पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी। उन्होनें कहा कि वंशावली के ज्ञान से मन में आस्था का निर्माण होता है। वंशावली के सुनने से हमे अतीत से साक्षात्कार हो जाता है। वंशावली लेखकों की बही उच्चतम न्यायालय तक में साक्ष्य के रूप में काम आती है। उन्होंने राजा परीक्षित एवं दुर्वासा ऋषि का उदाहरण देते हुए वंशावली के उपयोग की जानकारी दी। इससे मनुष्य को अपने कुल का ज्ञान होता है। वंशावली आयोग के गठन करने पर राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बीकानेर के ही शंकर राव ने पुरानी बहियों को पढ़ने के तरीकों को प्रायोगिक रूप से बताया।
मुख्य अतिथि प्रो. ईश्वरशरण ने नेट, जेआरएफ आदि परीक्षाओं में वंशावली विषय को शाामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। इस अवसर पर विगत दो सत्रों में इतिहास विषय के साथ उच्च अंक प्राप्त करने वाले स्नातक एवं स्नातकोतर के दस विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि वंशावली परम्परा को बनाये रखने हेतु ही विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों का नामकरण ऋषि मुनियों एवं नदियों के नाम के आधार पर ही रखा गया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान के विकास के बाद ही सभ्यता का विकास हुआ है। वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉ. अनिला पुरोहित ने सभी अतिथियों एवं आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों को परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक लाने की प्रेरणा मिल सकेगी। डॉ. राजनारायण व्यास ने सभी सदस्यों को कल्याण मंत्र का वाचन करवाया।
इस अवसर पर मीडिया प्रभारी डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ.मीना रानी, कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उमाकान्त गुप्त, सहायक निदेशक डॉ. दिग्विजय सिंह, डॉ. बजरंग सिंह राठौड़, डॉ. प्रेरणा माहेश्वरी, डॉ. उषा लोमरोड़, डॉ. विक्रमजीत, डॉ. इन्द्रा विश्नोई, डॉ. प्रकाश अमरावत, डॉ. श्यामा अग्रवाल, डॉ. जयभारत सिंह सहित अनेक संकाय सदस्य एवं स्व. नरपत सिंह के परिवारजन उपस्थित रहे।

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