उपाध्याय श्री मनोज्ञ सागरजी बीकानेर पहुंचे

रेल दादाबाड़ी में मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव 26 से

बीकानेर, 20 अप्रेल । जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ के ब्रह्मसर तीर्थोंद्धारक उपाध्याय गुरु मनोज्ञ सागर जी.म.सा. व मुनि नयज्ञ सागर म.सा.ने गुरुवार को रेल दादाबाड़ी में निर्मित भगवान महावीर स्वामी के मंदिर के अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में आशीर्वाद प्रदान करने के लिए बीकानेर पहुंचे। उन्होंने शुक्रवार को रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में प्रवचन किए। उनके प्रवचन शनिवार को सुबह सवा नौ बजे से दस बजे तक होंगे। शाम को वे बीकानेर से गंगाशहर मार्ग पर स्थित रेल दादाबाड़ी जाएंगे। मंदिर प्रतिष्ठा में साध्वीश्री संयम पूर्णा व श्रद्धानिधिजी का भी सान्निध्य रहेगा।

मंदिर निर्माण का लाभ लेने वाले केशरीचंद व झंवर लाल सेठिया ने बताया कि जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ ट्रस्ट के संयोजन में होने वाले पांच दिवसीय महोत्सव 26 अप्रेल को शुरू होगा। प्रथम दिन 26 अप्रेल को परमात्मा वेदी स्थापना, कुंभ स्थापना, दीपक स्थापना, ज्वारारोपण, दशदिक्पाल, नवग्रह, अष्टमंगल पाटला पूजन, चार देवी स्थापना, 64 योगिनी पूजन, क्षेत्रापाल पूजन, 16 विद्या देवी पूजन व लघु नंदावर्त पूजन होगा। शुक्रवार 27 अप्रेल को लघु सिद्धचक्र पूजन, लघु वीशस्थानक पूजन,, च्यवन कल्याणक विधान, माता-पिता, इंद्र इंदाणी स्थापना, होगी। महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार 28 अप्रेल को भगवान का जन्म कल्याणक, छप्पन दिक्कुमारी उत्सव, मेरु महोत्सव, जन्म बधाई, अठारह अभिषेक, नाम करण, पाठशाला गमन, राज्याभिषेक, नवलोकान्तिक देवी का आगमन व प्रार्थना, ध्वजदंड, कलश अभिषेक, श्री महावीर स्वामी पट्ट कल्याणक पूजा व भक्ति संगीत संध्या होगी। रविवार 29 अप्रेल को दीक्षा कल्याणक विधान, सुबह आठ बजे प्रभु के दीक्षा कल्याणक निमित शोभायात्रा रेल दादाबाड़ी से निकलेगी। उसके बाद धर्म सभा एवं गौत्तम स्वामी दादा गुरुदेव के ध्वजदंड के चढ़ावे व स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन व दोपहर को देवी पूजन होगा। महोत्सव के अंतिम दिन ब्रह्ममुर्हूत में अंजनशलाका का महाविधान, केवलज्ञान कल्याणक, उद्यापन देशना, निर्वाण कल्याणक विधान, 108 अभिषेक, माणक स्तंभन आरोपण, तोरण बंधन, शुभ मुर्हूात मंें प्रभु की प्रतिमा की प्रतिष्ठा, धर्मसभा व लाभार्थी परिवार का अभिनंदन, अष्टोतरी शांति स्नात्रा पूजा व स्वधर्मी वात्सल्य का आयोजन होगा। संगीतकार भवानी मंडी के बालचंद जैन व विधिकारक डीसा के सुनील भाई होंगे। मंदिर का निर्माण खरतरगच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी की प्रेरणा से किया गया है।

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