जीवन मूल्यों का संरक्षण करने के लिए साहित्य सबसे विश्वसनीय माध्यम

केंद्रीय जलदाय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि समाज को सही दिशा देने व जीवन मूल्यों का संरक्षण करने के लिए साहित्य सबसे विश्वसनीय माध्यम है उन्होंने साहित्यकारों से देश और समाज के हित में ज्वलंत मुद्दों पर निर्भीकता से लेखनी चलाने का आह्वान किया। वे रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद के दो दिवसीय प्रादेशिक अधिवेशन व साहित्यकार समारोह के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप से बोल रहे थे।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉक्टर श्रीधर पराडकर ने कहा है कि साहित्य परिषद समाज में जीवन मूल्यों की स्थापना के लिए साहित्य की रचनात्मक भूमिका को महत्वपूर्ण ढंग से निर्वहन करने के लिए प्रयासरत है। राष्ट्रीय दायित्व का बोध और मानव मात्र के इसके लिए सत्साहित्य का प्रचार-प्रसार परिषद का प्राथमिक उद्देश्य है। वे रविवार को राजुवास सभागार में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से दो दिवसीय प्रादेशिक सम्मेलन व साहित्यकार समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि साहित्य परिषद समस्त भारतीय भाषाओं के साहित्य के उन्नयन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने पर रचना धर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिए वर्षपर्यंत गतिविधियों का आयोजन करती है ।संगठन मंत्री विपिन चन्द्र पाठक ने अपनेउद्बोधन में कहा कि हमे ऐसा साहित्य गढ़ना होगा कि नई पीढ़ी को दिशा दे ।राष्ट्रवादी विचार को लेकर आगे बढ़ सके । कार्यक्रम में परिषद के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर अन्नाराम शर्मा ने परिषद द्वारा आयोजित गतिविधियों व प्रकाशनों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए कहा कि युवा रचनाकारों को साहित्य से जोड़ने के लिए स्कूल में महाविद्यालय स्तर तक परिषद ने विभिन्न स्पर्धाओं का आयोजन करवाया है । दूसरे दिवस के प्रथम सत्र में आयोजित युवा लेखन के विविध आयाम विषय पर वक्तव्य देते हुए शालिनी मूलचंदानी ने कहा कि हिंदी साहित्य में राष्ट्रीयता का स्वर अत्यंत मुखर है। गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ श्री लाल ने कहा कि संस्कृति का संरक्षण करने के लिए भारतीय भाषाओं में संबंधित साहित्य का रसायन तो जरूरी है इस सत्र में बीज वक्तव्य राजकुमार लाटा ने दिया वही सुधा आचार्य मदन अरोड़ा मदन गोपाल लढ़ा आदि ने भी विचार व्यक्त किए । साहित्य व समाज से संबंधित एक संवाद सत्र में उपस्थित साहित्यकारों परिषद कार्यकर्ताओं ने विभिन्न सवाल उठाए जिनका मंचासीन विद्वानों द्वारा समुचित जवाब दिया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर से आए प्रतिभावान युवा साहित्यकारों को मंचासीन अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।आज नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया गया ।डॉ अन्ना राम शर्मा नए प्रदेश अध्यक्ष निर्विरोध चुने गए ।डॉ केशव शर्मा महामंत्री ,कर्ण सिंह बेनीवाल साहित्य प्रचार मंत्री ,डॉ आख़िलानन्द साहित्य मंत्री ,इन्द्र भशाली कोषाध्यक्ष चुने गए ।उपाध्यक्ष के रूप में डॉ प्रधुम्न वर्मा,डॉ संगीता सक्सेना ,डॉ रविन्द्र उपाध्याय चुने गए ।सँयुक्त मंत्री में डॉ नरेंद्र मिश्र,डॉ ममता जोशी चुने गए ।समापन सत्र में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ,श्रीधर पराड़कर अखिल भारतीय संगठन मंत्री ,देहात अध्यक्ष सहीराम दुसाद ,सरंक्षक डॉ मथुरेश नन्दन कुलश्रेष्ठ ,विपिन चन्द्र पाठक ,डॉ अन्नाराम शर्मा मंच पर आसीन रहे ।नए अध्यक्ष के रूप में डॉ अन्नाराम शर्मा ने सम्बोधित करते हुए भावुक हो गए और कहा आप ने मुझे जो दाहित्व दिया है उसे में आपके सहयोग से अच्छी तरह निर्वाहन करूँगा ऐसा में विश्वास दिलाता हूँ ।चुनाव अधिकारी के रूप में डॉ सुरेन्द्र राव ने अपना कर्तव्य पूरा किया ।नई कार्यकारिणी को डॉ मथुरेश कुलश्रेष्ठ ने आशीर्वाद व शुभकामनाये देते कहा कि मुझे विश्वास है कि नए कार्यकारिणी परिषद को उचाईयों पर् लेकर जायेगे ।समापन सत्र में कार्यक्रम संयोजक ने सभी बिकानेर पधारने पर् आभार व्यक्त किया और किसी भी प्रकार की असुविधा के क्षमा प्रार्थना करते सहयोग के लिये धन्यवाद दिया ।

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