वसुंधरा राजे निकालेंगी विजय संकल्प यात्रा ?

*विजय संकल्प यात्रा तय करेगी भाजपा का भविष्य !*
*यात्रा को लेकर चल रही है तैयारियां*

*केकड़ी_राजस्थान*
राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों ही दल गम्भीर दिखाई दे रहे हैं। कांग्रेस ने तो अपने कार्यकर्ताओं में जान फूंकने का कार्य शुरू कर दिया है मगर भाजपा के पास करीब पौने दो माह से संगठन की कमान संभालने वाला प्रदेशाध्यक्ष ही नहीं है जिसके चलते भाजपा में संगठन स्तर के कार्यक्रम करीब करीब बन्द से पड़े है वहीं कार्यकर्ताओं में उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस मेरा बूथ मेरा गौरव के जरिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचने के लिए मेहनत कर रही है वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष के द्वंद में अटकी हुई है। हालांकि इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पार्टी कार्यकर्ताओं में फिर से नई ऊर्जा भरने के लिये प्रदेश भर में विजय संकल्प यात्रा निकालने का मानस बनाया है बताया जा रहा है कि इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। सूत्रों की मानें तो जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह में वसुंधरा राजे विजय संकल्प यात्रा पर निकल सकती हैं।
उधर कयास लगाये जा रहे हैं कि नरेंद्र मोदी व अमित शाह राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ समेत करीबन 10 राज्यों में अप्रैल 2019 में लोकसभा व विधानसभा चुनाव कराने के इच्छुक हैं। इसके लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के बीच वार्ताओं के अलग-अलग दौर जारी है। चुनाव को लेकर कुछ तकनीकी खामियों को दूर कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव अप्रैल 2019 में कराये जा सकते हैं। वहीं सियासी गलियारों में चर्चा है कि CM वसुंधरा राजे को अमित शाह नरेंद्र मोदी की रणनीति की भनक लग गई है ऐसे में वे राज्य अपने विजय संकल्प यात्रा कार्यक्रम को आगे के लिए टाल भी सकती हैं। राजनैतिक गलियारों में वसुंधरा राजे की इस संभावित विजय संकल्प यात्रा को बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है, इससे पहले भी राजे 2003 में प्रदेश में परिवर्तन यात्रा व 2013 में सुराज संकल्प यात्रा निकाल चुकी है जिसकी सफलता ने प्रदेश में पार्टी को मजबूती प्रदान की थी। राज्य के अधिकांश वर्गों में वसुंधरा राजे का विरोध है ऐसे में उनकी विजय संकल्प यात्रा पार्टी को मजबूती मिल पाएगी देखने वाली बात है। राज्य के अजमेर, अलवर लोकसभा तथा मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में करारी हार के बाद भाजपा नेतृत्व में परिवर्तन के संकेत साफ हो गए थे इसी क्रम में करीब पौने दो माह पूर्व 16 अप्रेल को प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी से इस्तीफा ले लिया गया और तलाश शुरू हुई ऐसे कद्दावर नेता की जिसके नेतृत्व में फिर से पार्टी में जान फूंकी जा सके इसी बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम उभर कर आया। उनका नाम सामने आते ही वसुंधरा राजे व उनके समर्थक बोखला गए। शेखावत के नाम की घोषणा होती इससे पहले ही उनके विरोध में मुख्यमंत्री व उनके सहयोगी मंत्रियों ने मोर्चा खोल दिया। मुख्यमंत्री के खुलेआम विरोध को देखकर आलाकमान ने सामंजस्य बिठाने के प्रयास किये लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद सहमति नहीं बन पाई। प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति की बात इतनी खिंच गई है कि दोनों पक्ष अड़ गए और इससे साफ तौर पर पार्टी को नुकसान हो रहा है। वसुंधरा राजे शेखावत के नाम के स्थान पर किसी ब्राह्मण नेता को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहती है। वसुंधरा राजे के अड़े रहने के कारण आलाकमान चुनाव के मद्देनजर कोई रिस्क लेना नही चाहता और न ही राजे से कोई मतभेद। आलाकमान ने अब राज्य के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओमप्रकाश माथुर को बीच मे डालकर इस विषय मे गम्भीरता से चर्चा की है सम्भवतः पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वर्तमान में वसुंधरा केबिनेट के मंत्री डॉ अरुण चतुर्वेदी को प्रदेशाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है ! प्रदेश में अब तक अध्यक्ष की नियुक्ति ना होने से कांग्रेस इसका पूरा फायदा उठा रही है। मेरा बूथ मेरा गौरव के जरिए प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच रहे हैं वहीं इसी बीच वसुंधरा राजे अपने प्रस्तावित विजय संकल्प यात्रा के जरिये सियासत में नए समीकरण बनाने की कोशिश कर रही है। वसुंधरा राजे विजय संकल्प यात्रा के जरिये ये संदेश देना चाहती हैं की वे अपने बलबूते ही अगला चुनाव लड़ने में सक्षम है। अब देखने वाली बात यह होगी कि इस कार्यक्रम के जरिए भाजपा का भविष्य सामने आता है या CM वसुंधरा राजे की सियासत पर विराम लगता है ?
✍🏼 *@तिलक माथुर*
*9251022331*

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