जीनगर समाज ने दी शहीद बीरबल सिंह जीनगर (ढालिया) को श्रद्धांजलि

बीकानेर, 1 जुलाई। राष्ट्रीय जीनगर समाजसेवक संघ एवं जीनगर समाज द्वारा अमर शहीद बीरबल सिंह जीनगर के 72वें शहादत दिवस समारोह का आयोजन आनन्द निकेतन में शनिवार को किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जलदाय विभाग की वित्तीय सलाहकार मीना सोनगरा थीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को हमारे गौरवमयी इतिहास से परिचय करवाना चाहिए। वह समाज व सभ्यताएं नष्ट हो जाती हैं, जो अपने इतिहास को पढ़कर नहीं सीखते कि आने वाली पीढ़ी को हमें क्या देना है। नयी पीढ़ी को शहीदो ंके साथ साथ विवेकानन्द को जरूर पढ़ना चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए दर्शनशास्त्री व मनौवैज्ञानिक गौशीशंकर डाबी ने अमर शहीद बीरबल सिंह की शहादत की घटना का वर्णन करते हुए बताया कि बीकानेर रियासत के एक मात्र दलित शहीद हैं। रायसिंहनगर में बीकानेर प्रजापरिषद के दो दिवसीय अधिवेशन में प्रथम दिन ही तिरंगे पर प्रतिबन्ध के विरूद्ध़ तिरंगा जूलूस का नेतृत्व करते हुए तिरंगे की रक्षार्थ 30 जून को गोलियों की बोछार में शहीद हुए। उनका अंतिम संस्कार 1 जुलाई को रायसिंहनगर में किया गया। वहां आज स्मारक हैं। कभी वहां दो दिन का शहीदी मेला लगा करता था। उन्होंने शहादत का दर्शन बताते हुए कहा कि आज समय की मांग है समाज के हर बन्धु को समय का दान कर यानी उपयोग समाज हित में करना चाहिए। शहीद की शहादत केवल जीनगर समाज के लिए बल्कि राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है।
कुन्दन जीनगर ने देशभक्ति पूर्ण एकल गान सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। विशिष्टअतिथी हनुमान प्रसाद चौहान, से.नि. सेक्सन इंजिनियर, रेल्वे वर्कशॉप, लालगढ, ने समाज व देश के लिए गौरव बताते हुए कहा कि संघ पिछले कई वर्षो से यह मनाता आ रहा है आज देश भर में जागृति आई है समाज अनेकानेक स्थानों पर इस शहादत दिवस को मना रहा है ।
कार्यक्रम अध्यक्ष श्री रामलाल सोनगरा से.नि. प्रधानाध्यापक शिक्षाविभाग, बीकानेर ने शहीद को समाज के लिए आदर्श बताते हुए कहा कि समाज के सभी घरों में इनके चित्र एवं शहादत की गाथाओं से अवगत कराना चाहिए तथा नई पीढी को भी संस्कारित कर सामाजिक बनाने में हमें योगदान देना चाहिए। बीकानेर सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता जसवन्त खत्री ने बताया कि शहादत देने में हमेशा एक भाव निहित रहता है। भारत माता की जय के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं हमें करते रहना चाहिए। नई पीढ़ी स्वतः ही अनुकरण करेगी। संवेदनशील व्यक्ति ही सामाजिक होता है वही समाज व राष्ट्र के लिए कर्मशील बन कर प्रेरणा देता है।
अन्त में श्री अशोक कुमार राठोड़ ने संघ की प्रार्थना की तथा सभी ने शहीद के शहादत के प्रति दो मिनट मौन रखकर व पुष्पाजंलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन श्री विवेकानन्द आर्य आर.ए.एस. कनिष्ठ कर अधिकारी, कर भवन, बीकानेर ने किया।

र्स्वप्रथम मंचस्थ अतिथियेां ने शहीद प्रतिमा व भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण किया। श्री गोरधन खत्री ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय करवाया।
कार्यक्रम संयोजक
जीनगर नारायणदास आसेरी

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