फार्मासिस्ट बनने के लिए अब राजस्थान का इतिहास, कला एवं संस्कृति का ज्ञान जरूरी

बीकानेर । अस्पतालों में दवा बांटने वाले फार्मासिस्ट बनने के लिए राजस्थान का इतिहास, कला एवं संस्कृति, साहित्य, परंपराएं, विरासत, भूगोल, राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था के बारे में ज्ञान होना चाहिए। यह पहला मौका है जब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से फार्मासिस्टों की सीधी भर्ती परीक्षा में फार्मेसी विषयों के साथ राजस्थान का इतिहास, भूगोल, कला एवं संस्कृति से जुड़े सामान्य ज्ञान के विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। बोर्ड ने परीक्षा का सिलेबस जारी किया है।
छह साल पहले भर्ती में नहीं था सामान्य ज्ञान विषय
फार्मासिस्ट की पिछली भर्ती 1478 पदों के लिए हुई थी। राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 में यह भर्ती परीक्षा ऑनलाइन कराई थी। तब पाठ्यक्रम में सामान्य ज्ञान शामिल नहीं था। परीक्षा की अवधि डेढ़ घंटे तथा 100 अंकों का पेपर था। साथ ही निगेटिव मार्किंग भी नहीं थी। चयन के लिए 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य भी नहीं था। एक साल के लिए बोनस अंक 4, दो साल के 8 तथा तीन साल के 12, 4 के 16 तथा 5 के 20 बोनस अंक निर्धारित थे।
इस बार ये हुए बदलाव
इस साल फार्मासिस्ट के 1736 पदों के लिए कर्मचारी चयन बोर्ड भर्ती परीक्षा आयोजित कर रहा है। वर्ष 2018 की भर्ती परीक्षा में सामान्य ज्ञान शामिल करने के साथ ही निगेटिव मार्किंग का प्रावधान भी किया गया है। अब परीक्षा की अवधि 3 घंटे होगी तथा 150 अंकों का वस्तुनिष्ठ प्रकार का पेपर होगा, जिसमें सामान्य ज्ञान के 45 व फार्मेसी के 145 अंक होंगे। चयन के लिए 40 फीसदी अंक लाना अनिवार्य रहेगा। एक साल के लिए 10, 2 साल के 20 तथा 3 साल के 30 अंक बोनस अंक मिलेंगे।

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