मां होती है बालक की प्रथम गुरु-ज्याणी

आदर्श विद्या मंदिर में मातृ सम्मेलन आयोजित
बीकानेर। रघुनाथसर कुआं स्थित भारतीय आदर्श विद्या मंदिर में रविवार को मातृ सम्मेलन आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अमोलक चंद ज्याणी थे। उन्होंने कहा कि बालक की प्रथम गुरु मां होती है। मां ही बालक को अच्छी शिक्षा और संस्कार देती है। उन्होंने कहा कि शिवाजी और महाराणा प्रताप को महान् बनाने में उनकी मां की सर्वाेच्च भूमिका थी। शाला प्रधान घनश्याम व्यास ने विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। व्यवस्थापक चंद्रशेखर हर्ष ने आभार जताया। इस दौरान जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित बाल कृष्ण रूप सज्जा प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इससे पहले कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान माताओं ने भी अपने विचार रखे।

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