भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी को ‘‘मोस्ट प्रोमिसिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी‘‘ अवार्ड

जयपुर की भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी ने जेनेवा में ग्लोबल इंडिया एजुकेशन फोरम अवॉर्ड्स में ‘‘मोस्ट प्रोमिसिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी‘‘ का अवार्ड हासिल किया
जयपुर, 18 सितंबर, 2018ः
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर इंटरनेशनल एजुकेशन की ओर से प्रति वर्ष ग्लोबल इंडिया एजुकेशन अवॉर्ड्स और प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस साल यह आयोजन 12 से 14 सितंबर के दौरान जेनेवा में हुआ, जहां भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी को शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए ‘‘मोस्ट प्रोमिसिंग ग्लोबल यूनिवर्सिटी‘‘ के अवार्ड से सम्मानित किया गया। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ राजेंद्र जोशी को भारतीय कौशल प्रशिक्षण को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने में अनुकरणीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जबकि भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ (ब्रिगे) सुरजीतसिंह पाब्ला को भारतीय शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण में इंस्परेशनल लीडर के रूप में अवार्ड देकर सम्मानित किया गया।
डॉ राजेंद्र जोशी की तरफ से यह अवार्ड श्री जयंत जोशी और श्री अभिषेक जोशी ने ग्रहण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, ‘‘ भारत मेहनतकश लोगों की धरती है, हम भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी में विश्व स्तर के प्रशिक्षण और उपकरणों के माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षित करने की कोशिश कर रहे हैं और हमें पूरा यकीन है कि वे न केवल अपने संबंधित करियर में अपने लिए एक बेहतर स्थान बनाने में कामयाब होंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर कौशल प्रतियोगिताओं में शीर्ष रैंक और इंडस्ट्री में उच्च पदों को हासिल करते हुए राष्ट्र को गौरवान्वित करेंगे।‘‘
भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रेसीडेंट डॉ (ब्रिगे) सुरजीतसिंह पाब्ला ने कहा, ‘‘आरयूजे समूह का दृष्टिकोण इन पुरस्कारों के अनुरूप ही है। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के साथ यह समूह लोगों को कौशल युक्त बनाने की कोशिश कर रहा है, जहां विद्यार्थियों को न केवल नौकरी के लिए तैयार किया जाता है, बल्कि अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से उन्हें भारतीय और विदेशी प्रशिक्षकों के साथ विशेषज्ञता हासिल करने के लिए अनुभवी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस तरह के सम्मान हासिल करने से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के लिए प्रशिक्षित करने और हमारे अपने सिस्टम में निरंतर उन्नयन करने के हमारे आदर्श वाक्य को मजबूती मिलती है।‘‘

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