रायला नवग्रह आश्रम में रोगोपचार के लिए आयुष्मान भव पुस्तिका का लोकार्पण

केंसर मुक्त भारत निर्माण के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आना होगा- चोधरी
आस्था व विश्वास के सिद्वांत पर आयर्वुेद से केंसर सहित असाध्य रोगों का उपचार करने का केंद्र बना नवग्रह आश्रम
नवग्रह आश्रम में टोल फ्री नंबर सेवा भी प्रांरभ

रायला (भीलवाड़ा)-मूलचन्द पेसवानी
जिले के रायला के निकट स्थित श्रीनवग्रह आश्रम सेवा संस्थान इन दिनों देश भर में केंसर रोक के निवारण का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। यहां की खासियत यह है कि यहां केंसर रोगियों का उपचार बिलकुल निःशुल्क किया जाता है। शनिवार को आश्रम में केंसर सहित अन्य सैकड़ों रोगियों की मौजूदगी आश्रम द्वारा केंसर सहित अन्य बिमारियों के रोगोपचार के संबंध में आयुर्वेद पद्वति से उपचार के बारे में तैयार की पुस्तक आयुष्मान भव का लोकार्पण किया गया। इस पुस्तिका के माध्यम से रोगियों को बिमारियों को जड़मूल से नष्ट करने, उनके उपचार और सावधानियों के बारे में बताया गया है। आश्रम के संचालक वैद्य हंसराज चैधरी ने इस पुस्तिका का संपादन तैयार कर मुद्रण कराया है। इसे आम लोगों को उपलब्ध कराया जायेगा।
आश्रम परिसर में सैकड़ों रोगियों की मौजूदगी में आयोजित समारोह में संचालक वैद्य हंसराज चैधरी, रसधारा भीलवाड़ा के ख्याति प्राप्त कलाकार गोपाल आचार्य, बाल सेवा समिति के राजीव जैन, विजयपाल वर्मा, राजेश शर्मा, गोपाल पारीक, प्रकाश, वाजपेयी, चिकित्सक टीम के सदस्य डा. शिवशंकर राड और डा. प्रदीप कुमार, डा. प्रदीप, संचिना कला संस्थान के अध्यक्ष रामप्रसाद पारीक, जीव दया सेवा समिति के संयोजक अत्तू खां कायमखानी, सामाजिक कार्यकर्ता नारायणलाल भदाला, शंकर जाट, मुकेश जाट, दिनेश जाट, कैंसर सैनिक सुरेंद्र सिंह सहित आगुंतक अतिथियों व रोगियों ने एक साथ पुस्तिका का लोर्कापण किया।
अतिथियों ने कहा कि आज के भौतिकवाद के दौर में केंसर जैसी दर्जनों बिमारियों का उपचार करने का सुअवसर प्राप्त कर नवग्रह आश्रम देश भर में प्रसिद्वी पा चुका है। संचालक हंसराज चैधरी मानवता की प्रतिमूर्ति बनकर जिस प्रकार से मरीजों की सेवा कर रहे है वो निश्चित रूप से सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है। उन्होंने कहा कि सेवा करना ही सनातन संस्कृति का परिचायक है। उन्होंने पुस्तक में अपने अनुुभवों को संग्रहित किया हैं उन्होंने बताया कि रोगियों के लिए यह सहयोगी साबित होगी। उनकी सेवा भाव के कारण देश भर के कई विद्वान संत तक यहां पहुंच कर मरीजों को न केवल आर्शिवाद देते है वरन इसे ही सुख का सागर मानते है।
उल्लेखनीय है कि यहां स्थापित आश्रम से इन दिनों 29 विभिन्न असाध्य रोगों का उपचार वानस्पतिक व आयुर्वेद पद्वति से किया जा रहा है। प्रति शनिवार व रविवार को यहां मरीजों का हुजूम लगता है। इसे देश में असाध्य रोगों के उपचार केंद्र की संज्ञा भी दी जा सकती है। विभिन्न रोगों के उपचार के लिए देश विदेश के 410 प्रकार की औषधीय प्रजातियों के पौधे यहां लगे है। चैधरी को आयुर्वेद व वानस्पतिक पद्वति से इतना लगाव हुआ कि उन्होंने बाकायदा आयुर्वेद व पंचकर्म का डिप्लोमा भी किया।
चोधरी आज किसी परिचय का मोहताज नहीं है क्यों कि देश से इनके पास आने वालों की संख्या में दिन प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। उनका संकल्प है कि यह आश्रम हर प्रकार के रोगों के उपचार का केंद्र बिंदू बने तथा भारत केंसर मुक्त हो सके। हमेशा से ही आर्थिक लाभ से दूर रहने का संकल्प दोहराते हंसराज चोधरी कहते है कि उनके यहां आने वाला रोगी उनके उपचार पद्वति से ठीक हो जाता है तो उसे आत्मिक सकून मिलता है, मरीज से वो केवल इतना चाहते है कि वो भी इसी प्रकार लोगों की सेवा करें तथा अपने जैसे अन्य मरीजों को उनके यहां लाकर उनको ठीक करावें। उन्होंने अपनी पद्वति से नई पीढ़ी को पारंगत करने के लिए बाकायदा अपने यहां गुरूकुल भी प्रारंभ किया है जहां इन दिनों एक दर्जन विद्यार्थी उनसे शिक्षा दीक्षा ग्रहण कर रहे है। चैधरी चाहते है सनातन संस्कृति का हिस्सा रही प्राचीन चिकित्सा पद्वति की ओर से सामान्य लोगों का रूझान एक बार फिर बढे।
चोधरी बताते है कि उनके यहां रोपित किये गये 410 प्रकार के औषधिय पौधों से केंसर, टीबी, डायबिटिज जैसी गंभीर बिमारियों का निःशुल्क उपचार किया जाता है। दुर्लभ पत्तियों से मरीज का शर्तीया इलाज किया जाता हैं इन पत्तियों से केंसर, टीबी, डायबिटिज के अलावा दमा, टाईफाईड, मोटापा, ल्यूकोरिया, चर्मरोग, रेतीरोग रसौली, गठिया बाय, पाईल्स, पीलिया, साईटिका, मानसिक रोग जैसी बिमारियों का उपचार होता है।
अपने आपको सनातन संस्कृति का संवाहक व संर्वधक मानकर मरीजों की सेवा के कार्य में लगे हंसराज चोधरी वहां आने वाले मरीज के साथ काउंसलिंग कर पहले तो बिमारी के बारे में उसके मन में फैली भ्रांति को दूर करते है फिर उसे मानसिक रूप से ठीक होने के लिए तैयार करते है। आस्था व विश्वास के सिद्वांत पर उपचार प्रांरभ कर हंसराज चैधरी निर्धारित समय में हर रोग को ठीक करने का दावा करते है।
उल्लेखनीय है कि इस आश्रम में प्रत्येक शनिवार व रविवार को आने वाले लोगों को निःशुल्क आयुर्वेदिक जानकारियां एवं मरीजों का इलाज किया जाता है। आश्रम के संचालक हंसराज चैधरी का दावा है कि वे विगत वर्षों में अब तक हजारों लोगों के कैंसर का इलाज आयुर्वेद पद्धति से सफलतापूर्वक कर चुके है। दरअसल वे कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने का भी अभियान चला रहे है।
संचालक हंसराज चैधरी ने बताया कि यों तो आश्रम की गतिविधियां यु ट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया के जरिये लाखों लोगों तक पहुंच रही है पर असाध्य रोगों के संबंध में भ्रांतियों को दूर करने, उनके उपचार की विधि विस्तार से बताने के लिए यह सीडी रिसर्च टीम ने तैयार की है। इसमें संचालक की ओर से रोगों के बारे में जानकारी के अलावा असाध्य रोगों से लड़कर रोगमुक्त हो चुके रोगियों की स्वयं की जुबानी में भी उनकी बात को इसमें शामिल किया गया है।
नवग्रह आश्रम में टोल फ्री नंबर सेवा भी प्रांरभ-
न्वग्रह आश्रम का टोल फ्री नंबर भी लांच कर दिया गया है। जिले में किसी भी संस्थान में यह पहला टोल फ्री नंबर सेवा देने वाला संस्थान बना है। यहां के टोल फ्री ंनबर है- 8448449569 इस नंबर पर प्रातः 8 बजे से सांय 6 बजे तक देश व दुनियां से कहीं से भी बिना शुल्क से आसानी से बात संभव हो सकेगी।

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