गृह विज्ञान महाविद्यालयः छात्राओं ने ‘गरबा’ के साथ दिया ‘षत-प्रतिषत मतदान का संदेष

बीकानेर, 16 अक्टूबर। गृह विज्ञान महाविद्यालय की छात्राओं ने मंगलवार को ‘गरबा महोत्सव’ के दौरान शत-प्रतिषत मतदान का संदेष दिया। महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. दीपाली धवन ने बताया कि छात्राओं ने परम्परा निर्वहन के साथ जागरूक नागरिक होने के दायित्व के साथ यह नवाचार किया। छात्राओं ने 7 दिसम्बर को होने वाले विधानसभा चुनावों में मतदान करने के साथ दूसरों को प्रेरित करने का संकल्प लिया। जिला स्तरीय स्वीप कोर कमेटी के सदस्य गोपाल जोषी, अनूप गोस्वामी तथा भूरमल सोनी ने मतदान के महत्त्व पर प्रकाष डाला। डॉ. धवन ने बताया कि मंगलवार को ‘वर्ल्ड फूड डे’ मनाया गया। इसके तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं।

‘जॉब प्रोवाइडर’ बने कृषि विज्ञान के विद्यार्थी-डॉ. जैन
बीकानेर, 16 अक्टूबर। विष्व बैंक के पूर्व वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. टी. के. जैन ने मंगलवार को स्वामी केषवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों तथा नर्सरी का अवलोकन किया। विद्यार्थियों से ‘सतत कृषि विज्ञानः कल, आज और कल’ विषय पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान के विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपना अध्ययन पूर्ण करने के बाद ऐसे नवाचार करें, जिससे वे ‘जॉब सीकर’ की बजाय ‘जॉब प्रोवाइडर’ बन सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का लक्ष्य सिर्फ नौकरी प्राप्त करना नहीं हो। नर्सरी के अवलोकन के दौरान उन्होंने यहां की विभिन्न गतिविधियां देखीं तथा कहा कि इसे ‘मॉडल नर्सरी’ के रूप में विकसित किया जा सके, इसके लिए कार्ययोजना बनाकर सक्षम स्तर पर भिजवाई जाए। उन्होंने कहा कि सरकार की पौधों की मांग को नर्सरी के माध्यम से पूरा करने की बजाय, किसानों को इसके लिए सक्षम बनाने की दिषा में कार्य हो। उन्होंने कृषि तथा गृह विज्ञान महाविद्यालय एवं आईएबीएम का अवलोकन किया। इस दौरान कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा, प्रसार षिक्षा निदेषक डॉ. एस. के. शर्मा सहित विभिन्न डीन-डायरेक्टर साथ रहे।
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केवीके मेें मनाया कृषक महिला दिवस
बीकानेर, 16 अक्टूबर। कृषि विज्ञान केंद्र, बीकानेर में सोमवार को कृषक महिला दिवस का आयोजन किया गया, इसमें 20 महिलाओं ने भाग लिया।
इस अवसर पर शस्य वैज्ञानिक डॉ. मदन लाल रैगर ने विभिन्न रबी फसलों की उन्नत खेती तथा दलहनी व तिलहनी फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्वों के प्रबंधन के बारे में बताया। उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार ने रबी में बोई जाने वाली सब्जियों की जानकारी देते हुए मूल्य संवर्धन की उपयोगिता के बारे में भी चर्चा की तथा फल एवं सब्जियों के परीरक्षण के अंतर्गत अचार, मुरब्बा जेम, जैली आदि के बारे में जानकारी दी। पशु पालन वैज्ञानिक डॉ. उपेंद्र कुमार ने पशुओं की विभिन्न उन्नत दुधारू नस्लों के बारे में जानकारी दी। पशुओं के संतुलित आहार, हरा चारा तथा दूध व दूध से बने उत्पादों की समूह के माध्यम से बाजार में उत्पाद को समूह का लेबल लगाकर बाजार में बेचने की जानकारी दी। पौध-संरक्षण वैज्ञानिक डॉ. भागीरथ सिंह मिठारवाल ने रबी फसलों में लगने वाले कीट व बीमारियों, फल एवं सब्जियों में पौध संरक्षण तथा फसलों व सब्जियों की जैविक खेती की जानकारी दी। नीम आधारित कीटनाशकों के उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. दुर्गा सिंह ने बच्चों व महिलाओं में कुपोषण की जानकारी देते हुए संतुलित आहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। समन्वित खेती प्रणाली के घटकों जैसे मुर्गी पालन (कड़कनाथ व प्रताप धन), बकरी पालन (सिरोही नस्ल), जैविक सब्जी व फल उत्पादन के बारे में कृषक महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रणाली के अंतर्गत किसानों को पूरी साल आमदनी लगातार होती रहती है तथा बताया कि खेत में किस प्रकार से श्रम कम किया जा सकता है।

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