बाल संरक्षण की अभिनव पहल से जुड़ेगा समाज-डा.सिंह

जयपुर। ऊर्जा तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ जितेंद्रसिंह ने कहा कि षिक्षा से ही विकास का मार्ग प्रषस्त होता है। षिक्षा के जरिए ही बच्चों एवं समाज का विकास हो सकता है। डॉ सिंह मंगलवार को लोक संवाद संस्थान की ओर से यहां कपिल ज्ञानपीठ में आयोजित चाइल्ड राइट्स एडवोकेट्स/मोटिवेटर्स नेटवर्क परियोजना के षुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि बच्चे अपने अधिकारों के प्रति जानें, इसके लिए उनका षिक्षित होना जरूरी है। वे षिक्षित होकर ही अपने अधिकारों की मांग कर सकेंगे। लोक संवाद संस्थान की ओर से समाज को इस अभियान से जोड़ने की पहल करने का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि चाइल्ड राइट एडवोकेट मोटिवेटर्स नेटवर्क की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि जीवन को परिवर्तित करने में षिक्षा का बहुत बड़ा रोल होता है। आज षिक्षा के क्षेत्र में बहुत जागरूकता आई है। षिक्षा का अधिकार कानून लागू किया गया है। स्कूली बालकों को मिड डे मील मुहैया कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री अषोक गहलोत के ऐलान पर इस साल से मेरिट में आने वाले एक लाख बच्चों को 500 रूपए महीना स्कॉलरषिप दी जा रही है। मेरिट में आने वाले बालकों को लैपटॉप दिए जाएंगे। इस तरह से बालकों में षिक्षा के प्रति प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने मातृ व षिषु के लिए कई तरह की योजनाएं प्रारंभ की हैं। इनमें जननी षिषु सुरक्षा योजना भी शामिल है। इसमें माता व षिषु को एक महीने तक सरकारी अस्पतालों में तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री निषुल्क दवा योजना के तहत सरकारी अस्पतालों में आने वाले सभी रोगियों की निषुल्क दवाएं दी जा रही हैं। डॉ सिंह ने कहा कि आज षिक्षा एवं स्वास्थ्य का सबसे बडा चैलेंज है और राज्य सरकार इन पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है।
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार एवं राज्य आयोजना बोर्ड के उपाध्यक्ष प्रो वीएस व्यास ने कहा कि बच्चों के मानसिक विकास की षुरूआत प्री प्राइमरी से होती है। एक से छह साल तक की उम्र के बीच बच्चों के भविष्य की नींव मजबूत करने के लिए अभिभावकों एवं समाज को जागरूक करना होगा। इस मुहिम में केवल सरकार को ही नहीं बल्कि लोगों को भी जुड़ना होगा। इस मौके पर प्रो व्यास ने दो सुझाव देते हुए कहा कि प्री प्राइमरी स्कूलों के लिए मानक तय किए जाएं ताकि ये दूसरी दुकानों की तरह व्यवसाय का साधन न बन जाएं। इसके अलावा प्री प्राइमरी लेवल पर भी पीपीपी मोड को अपनाने की आवष्यकता है। प्रो व्यास ने कहा कि इन सुझावों पर अमल किया जाए तो हमें अपने ध्येय में सफलता मिलेगी।
राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष दीपक कालरा ने कहा कि बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए बच्चों को खुद आगे आना होगा और अपने अधिकार मांगने होंगे। जागरूक होकर और सहभागी बनकर ही वे अपने अधिकार सुरक्षित रख सकेंगे। इसमें समाज की भागीदारी भी जरूरी है। उन्होंने इस बात पर खुषी जताई कि राजस्थान देष के उन 11 राज्यों में षामिल है जहां राज्य बाल संरक्षण आयोग गठित हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में अब बाल अधिकारों के लिए आयुसीमा बढाकर 18 साल कर दी गई है। इस मामले में राजस्थान देष में तीसरा प्रदेष है। इससे बालश्रम पर भी अंकुष लगाने में मदद मिलेगी। कालरा ने कहा कि जहां कहीं भी बाल अधिकारों का हनन दिखाई दे, तो आयोग को इस बारे में सूचित करें, उस पर एक पखवाड़े में कार्रवाई होगी।
यूनीसेफ की षिक्षा विषेषज्ञ सुलगना रॉय ने इस मौके पर मौजूद स्कूली बालकों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि आज बाल अधिकारों को समझने की आवष्यकता है। इसमें पेरेंटस, टीचर व डाक्टर का क्या रोल है। रॉय ने कहा कि बच्चों की ऑपिनियन बहुत मायने रखती है, उस पर गौर करने की आवष्यकता है। उन्होंने स्कूलों में बाल कमेटियां एवं बाल चार्टर बनाने की आवष्यकता भी जताई ताकि बालमित्र माहौल बन सके।
स्ंायुक्त राष्ट्र संघ के बाल अधिकारों से जुड़े विषेषज्ञ कुलभूषण कोठारी ने कहा कि समाज के विकास में बालकों की भागीदारी जरूरी है। इसके लिए हमें बच्चों के अधिकारों के बारे में सोचना होगा। उनके बोलने के अधिकार को प्रोत्साहित करना होगा। कोठारी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की संधि पर अब तक 192 देष हस्ताक्षर कर चुके हैं।
प्रारंभ में लोक संवाद संस्थान के सचिव कल्याणसिंह कोठारी ने संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी और बताया कि चाइल्ड राइट्स के लिए एक पैनल बनाया गया है, इसमें प्रो वीएस व्यास, जस्टिस टिबरेवाल एवं सुप्रसिद्ध संगीतज्ञ ग्रेमी अवार्ड विजेता विष्वमोहन भट्ट जैसे राज्य और देष के नामी-गिरामी लोग षामिल किए गए हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल जस्टिस एन एल टिबरेवाल ने की जबकि जस्टिस पानाचंद जैन भी विषिट अतिथि के रूप में षामिल थे। संचालन ज्योत्सना राजवंषी ने किया। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही बाल अधिकारों पर कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा बडी संख्या में स्कूली बालकों ने भाग लिया। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री डॉ जितेंद्रसिंह ने चाइल्ड राइट एडवोकेट-मोटिवेटर्स नेटवर्क परियोजना संबंधी रंगीन फोल्डर का विमोचन किया।
-कल्याणसिंह कोठारी
सचिव, लोक संवाद संस्थान
फोन-94140 47744

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