स्वाइन फ्लू को लेकर अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित

1848 घरों का सर्वे और 7,017 की ओपीडी में स्क्रीनिंग

बीकानेर। स्वाइन फ्लू के बढ़ते मामलों पर लगाम के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा हर मोर्चे पर प्रयास जारी है। मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में संयुक्त निदेशक डॉ. एच.एस. बराड़ की अध्यक्षता में अन्तर्विभागीय बैठक आयोजित कर स्वाइन फ्लू के नियंत्रण पर मशक्कत की गई। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुनील बोड़ा व प्रारम्भिक के अजय रंगा द्वारा समस्त विद्यालयों में एच 1 एन 1 को लेकर नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजन की जानकारी दी गई। डॉ. बराड़ के निर्देश पर विद्यालयों व नर्सिंग कॉलेजों में किसी भी विद्यार्थी के सर्दी-जुकाम-बुखार का रोगी पाए जाने पर उसे तुरंत चिकित्सालय भेजने और ठीक होने तक घर पर ही रहने देने की नीति को अपनाया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. बी. एल. मीणा ने आयुर्वेद विभाग के अस्पतालों व निजी चिकित्सालयों पर आने वाले बी 2 श्रेणी के आईएलआई लक्षण वाले मरीजों को तुरंत सरकारी चिकित्सालय रेफर करने के निर्देश दिए और उन्हें स्वाइन फ्लू ट्रीटमेंट गाइडलाइन बताई। उन्होंने नियमित रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर भी बल दिया। डॉ. बराड़ ने स्वाइन फ्लू प्रभावित क्षेत्रों में आयुर्वेद विभाग द्वारा नियमित काढ़ा वितरण के लिए कहा। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र में गर्भवतियों व 5 वर्ष से छोटे बच्चों में फ्लू के लक्षणों पर नजर रखेंगी और संदिग्ध केस की जानकारी स्वाइन फ्लू जिला कण्ट्रोल रूम 0151-2204989 पर देंगी। बैठक में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. इंदिरा प्रभाकर, डॉ. योगेन्द्र तनेजा, एपिडेमियोलोजिस्ट नीलम प्रताप सिंह, जिला आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य, महेंद्र सिंह चारण, डॉ. हंसराज चैधरी, डॉ. सुधीर चांडक, डॉ. एमपी खत्री, डॉ. वी.के. असवाल व आईसीडीएस से विमला भाटिया सहित विभिन्न निजी चिकित्सालयों व नर्सिंग कॉलेजों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

रैपिड रेस्पोंस से स्वाइन फ्लू पर नियंत्रण
जिले में जहां भी स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मामला निकलता है वहां उसी दिन बल्कि रातों-रात रेपिड रेस्पोंस टीम (आरआरटी) द्वारा पूरे घर व सीधे संपर्क वाले व्यक्तियों को टेमी फ्लू दवा दी जा रही है। सीएमएचओ डॉ. बी. एल. मीणा के अनुसार यही कारण है कि 27 केस होने के बावजूद जिले में अभी तक कोई जन हानि नहीं हुई है। अगले दिन तक प्रभावित क्षेत्र के घरों में सर्वे कर बीमारी को फैलने से रोका जा रहा है। इसके साथ ही स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन जनजागरण अभियान जारी है। मंगलवार को भी जिले के कोने-कोने में स्वास्थ्य कर्मियों ने नजदीकी विद्यालयों में जाकर विद्यार्थियों व गुरुजनों को स्वाइन फ्लू के लक्षण, बचाव, उपचार व एहतियात की जानकारी दी।
जिले में विज्ञप्ति जारी होने तक संदिग्ध 209 मरीजों के स्वाब के नमूने जांच किए गए जिसमे से 27 व्यक्तियों में स्वाइन फ्लू पोजिटिव पाया गया है। गुरूवार को स्वास्थ्य कर्मियों के 93 दलों ने कुल 1848 घरों का सर्वे कर 227 सर्दी-जुकाम के रोगी चिन्हित कर उन्हें दवा दी जबकि जिले के चिकित्सा संस्थानों पर ओपीडी में 7,017 की स्क्रीनिंग कर 998 व्यक्तियों को आईएलआई लक्षणों के साथ चिन्हित कर उपचार किया। स्वास्थ्य विभाग के आयुष दल ने मंगलवार को नत्थूसर गेट के बाहर यूपीएचसी न. 6 में शिविर लगाकर कुल 854 व्यक्तियों को डेंगू-मलेरिया-स्वाइन फ्लू के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला आयुर्वेदिक काढ़ा पिलाया। आयुष दल में शामिल डॉ. गजेन्द्र तंवर, डॉ. सुनील मीणा व डॉ. संध्या शर्मा ने नीम-गिलोय व अन्य औषधियों से तैयार आयुर्वेदिक क्वाथ पिलाया। यूपीएचसी प्रभारी डॉ. सरिता पारीक व डॉ. वैभव पंवार का सक्रिय सहयोग रहा। इसके अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विभिन्न स्थानों पर शिविर लगाकर काढ़ा वितरित किया गया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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