‘मेरा गौरव मेरा प्रतिष्ठालय’ अभियान प्रारम्भ

बीकानेर, 30 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के स्मार्ट इनिशिएटिव विलेज गुसांईसर में ‘मेरा गौरव मेरा प्रतिष्ठालय’ अभियान बुधवार को शुरू हुआ। जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत जिला प्रमुख सुशीला सींवर, जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा देवठिया और सरपंच सरोज जाखड़ ने राजकीय आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय से की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कृषि और गृह विज्ञान महाविद्यालय की छात्राओं के साथ स्कूली विद्यार्थियांे ने घर-घर पहुंचकर ग्रामीणों को खुले में शौच न त्यागने के लिए जागरुक किया। साथ ही प्रत्येक शौचालय के आगे ‘मेरा गौरव मेरा प्रतिष्ठालय’ लिखा और इस पर फूल-पत्तियां उकेरीं।
इस अवसर पर जिला प्रमुख सुशीला सींवर ने कहा कि खुले में शौच त्यागना किसी अभिशाप से कम नहीं है। इस प्रवृति का तत्काल त्याग करना चाहिए। यह हमारी प्रतिष्ठा से जुड़ा प्रश्न है। इसके प्रति जागरुकता अभियान चलाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एसकेआरएयू द्वारा इस दिशा में की गई पहल सराहनीय है। गांव के प्रत्येक घर तक यह संदेश पहुंचे, ऐसे प्रयास हों। उन्होंने स्वच्छता का महत्त्व बताया तथा कहा कि स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए सरकार सतत प्रयासरत है, लेकिन ग्रामीण भी इसमें यथायोग्य मदद करें।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवठिया ने ‘मेरा गौरव मेरा प्रतिष्ठालय’ अभियान के बारे में बताया तथा कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को खुले में शौच नहीं त्यागने के लिए जागरुक होना पड़ेगा। तभी इसके सार्थक परिणाम आएंगे। विकास अधिकारी भोमसिंह इंदा ने कहा कि बीकानेर को राज्य का पहला ओडीएफ जिला होने का गौरव प्राप्त है। इसकी निरंतरता बनी रहे, इसके लिए खुले में शौच नहीं त्यागने की प्रवृति को अपनाना होगा। कृषि विज्ञान केन्द्र, बीकानेर के प्रभारी डाॅ. दुर्गासिंह ने ‘स्मार्ट इनिशिएटिव विलेज’ योजना के बारे में बताया।
स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक पवन पंचारिया ने खुले में शौच त्यागने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जिला प्रषासन द्वारा शौचालय को ‘इज्जतघर’ नाम दिया तथा अब इसे ‘प्रतिष्ठालय’ की संज्ञा दी गई है। गुमानाराम जाखड़ ने कहा कि गुसांईसर के सभी परिवारों तक इस मुहिम को पहुंचाया जाएगा। प्रधानाचार्य नरेन्द्र सोनी ने आभार जताया।
ली तम्बाकू त्यागने की शपथ
इस अवसर पर स्कूल-काॅलेज विद्यार्थियों और ग्रामीणों ने तम्बाकू और दूसरा नशा त्यागने की शपथ दिलाई। गुसांईसर के स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डाॅ. संजय खान ने नशे के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। इस अवसर पर फाॅलिक एसिड की गोलियां भी वितरित की गईं। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के डाॅ. भागीरथ मिठारवाल, डाॅ. सुशील कुमार, डाॅ. प्रसन्नलता आर्य सहित अन्य सरकारी कार्मिक, विद्यार्थी और ग्रामीण मौजूद रहे।
टोलियां बनाकर पहुंचे घर-घर
विद्यालय परिसर में अभियान की शुरूआत के बाद विश्वविद्यालय की छात्राओं के नेतृत्व में ग्रामीण बच्चे टोलियां बनाकर गांव के घर-घर पहुंचे तथा ग्रामीणों को स्वच्छता का महत्त्व बताया। इस दौरान महिलाओं से बातचीत करते हुए स्वच्छता के लिए पहल करने का आह्वान किया। जिला प्रमुख और सीइओ ने भी कई घरों में पहुंचकर ग्रामीणों से बातचीत की तथा उनकी समस्याएं सुनीं।
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एसकेआरएयूः सम्बद्ध-संगठक महाविद्यालयों की सेमिनार सम्पन्न
बीकानेर, 30 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के सम्बद्ध एवं संगठक काॅलेजों का तीन दिवसीय सेमिनार बुधवार को सम्पन्न हुआ।
कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित समापन समारोह के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय के निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा थे। उन्होंने कहा कि प्रतिभागी तीन दिनो में प्राप्त ज्ञान का उपयोग अपनी संस्थाओं में करें। परीक्षा से संबंधित संपूर्ण प्रक्रिया को गोपनीय तथा पारदर्षी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी-अधिकारी के लिए संस्था सर्वोपरि है। इसकी साख बरकरार रहे, इसके लिए प्रतिबद्ध रहें। उन्होंने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया में विद्यार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका भी ध्यान रखें। प्रत्येक कार्मिक को नियमों की जानकारी हो तथा इसके अनुसार कार्यवाही की जाए।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता तथा सेमिनार प्रभारी डाॅ. आई. पी. सिंह ने कहा कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान काॅलेजों में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं एवं उनके समाधान पर चर्चा के प्रयास किए गए। परीक्षा नियंत्रक डाॅ. ए. के. शर्मा ने आभार जताया। इससे पहले राजूवास के परीक्षा नियंत्रक डाॅ. जी. एस. गहलोत ने परीक्षा प्रणाली के विभिन्न बिंदुओं के बारे में बताया।
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महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रखा दो मिनट का मौन
बीकानेर, 30 जनवरी। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में दो मिनट का मौन रखते हुए ‘बापू’ को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर कुलसचिव ताज मोहम्मद राठौड़ ने कहा कि हमें महात्मा गांधी के आदर्शों को अपने जीवन मंे उतारना चाहिए। इस दौरान वित्त नियंत्रक डाॅ. बी. एल. सर्वा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
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दो दिवसीय उद्यानिकी सेमिनार सम्पन्न
बीकानेर, 30 जनवरी। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कृषि अनुसंधान केन्द्र में दो दिवसीय उद्यानिकी सेमिनार का बुधवार को समापन हुआ। सहायक निदेशक, उद्यान कार्यालय द्वारा आयोजित सेमिनार में जिले के सौ से अधिक किसानों ने भाग लिया। निदेशक अनुसंधान डाॅ. एस. एल. गोदारा ने उद्यानिकी के महत्व के बारे में बताया। सेमिनार संयोजक डाॅ. रेणू वर्मा, उपनिदेशक उद्यान डाॅ. राधेश्याम नारवाल, सहायक निदेशक डाॅ जयदीप दोगने ने विभिन्न विषयों पर बात रखी। केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. पी. एस. शेखावत ने जैविक खेती, डाॅ. नरेन्द्र सिंह ने बागानी फसलों में बीमारी की रोकथाम, डाॅ. शीशराम ने उद्यान में उर्वरक प्रबंधन, डाॅ. ए. के. सिंह और डाॅ. चित्रा हेनरी ने उन्नत उत्पादन तकनीक के बारे में बताया। इस दौरान कृषकों को कृषि अनुसंधान केन्द्र का भ्रमण करवाया गाय। सेमिनार में आयोजित प्रश्नोत्तरी में पलाना के ईमरता राम प्रथम, पेमासर के मुश्ताक अहदम द्वितीय तथा झंझेउ के शिव सिंह तीसरे स्थान पर रहे। इस दौरान जया श्रीमाली, सोमेश कुमार, रघुवरदयाल, पवन दान चारण, शक्ति सिंह तथा रमजान अली आदि मौजूद रहे।
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‘उपज पर्यन्त फल व सब्जी उत्पाद’ विषय प्रशिक्षण प्रारम्भ
बीकानेर, 30 जनवरी। कृषि महाविद्यालय में राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना के तहत उपज पर्यन्त फल व सब्जी उत्पाद विषयक सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बुधवार को शुरू हुआ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. पी. एल. सरोज ने बताया कि देश में फल-सब्जी उत्पादन का 16 से 18 प्रतिशत उत्पाद परीरक्षण नहीं होने की वजह से खराब हो जाता है। इसे खराब होने से बचाया जा सकता है। जैसे ज्यादा पके हुए बेर से छुआरा व मदिरा बनाई जा सकती है। तरबूजे के खोल से आचार बनाया जा सकता है। इसी प्रकार किन्नू के छिलके से कई उपयोगी खाद्य उत्पाद बनाए जा सकते हैं। सब्जियों को सुखाकर बाजार में बेचना भी एक अच्छी उद्यमिता साबित हो रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डाॅ. आई. पी. सिंह ने फल व सब्जी परीरक्षण द्वारा कृषि में उद्यमिता के अवसरों के बारे में बताया। बागवानी विभागाध्यक्ष व प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. पी. के. यादव ने बताया कि सात दिवसीय कार्यक्रम में दिल्ली व राजस्थान के कृषि संस्थानों से विषय-विशेषज्ञां द्वारा विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर एवं विद्या वाचस्पति विद्यार्थियों को फल व सब्जी उत्पाद बनाने की विधियों पर प्रयोगिक परीक्षण और व्यावहारिक ज्ञान दिया जाएगा। सहायक प्राध्यापक बागवानी डाॅ. राजीव कुमार नारोलिया ने सात दिवसीय प्रशिक्षण की कार्ययोजना बताई। डाॅ. कोमल कथुरिया ने आभार जताया।

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