बाल अधिकार संरक्षण के लिए हों समन्वित प्रयास-सिंह

बाल अधिकारों के संरक्षण की समीक्षा बैठक आयोजित
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर जताई नाराजगी
बीकानेर, 18 फरवरी। राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य एस पी सिंह ने कहा कि बच्चों के अधिकारों का सरंक्षण सामूहिक जिम्मेदारी है। इस सम्बंध में किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए और बाल अधिकारों से जुड़े प्रकरणों को प्राथमिकता पर रखकर कार्यवाही करें।
जिला कलक्ट्रेट सभागार में सोमवार को बाल अधिकार संरक्षण की समीक्षा बैठक लेते हुए आयोग सदस्य सिंह ने बैठक में श्रम, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सहित कई विभागों के अधिकारियों के समय पर उपस्थित न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बाल अधिकारों के संरक्षण में सबकी सक्रिय भागीदारी इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि बच्चे अपने अधिकारों की सुरक्षा स्वयं करने में सक्षम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सम्बंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही मिलने पर गंभीरता से लेते हुए प्रकरण को राज्य सरकार के पास भिजवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि बच्चों का वर्तमान सुरक्षित होगा और उन्हें अधिकार मिलेंगे तभी उनका भविष्य भी सुरक्षित बन सकेगा और देश का भविष्य भी सही दिशा में जा सकेगा।
सिंह ने कहा कि श्रम विभाग यह सुनिश्चित करें कि ईंट भट्टों, पटाखे जैसे कार्यों में बच्चे नियोजित नहीं हों और यदि इस प्रकार की सख्त परिस्थितियों में बच्चे कार्यरत मिलते हैं तो तुरंत कार्यवाही करते हुए ऐसे बच्चों को छुड़वाएं और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉक स्तरीय चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटियां सक्रिय हों तथा इनकी बैठक की सूचना नियमित रूप से आयोग को भिजवाई जाए। सिंह ने कहा कि बच्चों का भविष्य संवारने में संसाधनों की कोई कमी नहीं हैं। उन्हें उचित शिक्षा और सुरक्षित वातावरण मिले इसके लिए आयोग अति गंभीर है, अन्य विभाग भी इस विषय की गंभीरता को समझे और समन्वित प्रयास कर बाल अधिकारों का संरक्षण करें। सीडब्ल्यूसी को थानों में बाल डेस्क, बाल कल्याण अधिकारी आदि से जुड़ी यदि कोई शिकायत है तो इस सम्बंध में आयोग को सूचित करें।
बाल वाहिनियों की हो नियमित जांच
एस पी सिंह ने कहा कि बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में नियोजित वाहनों में आयोग के दिशानिर्देशों के अनुरूप सुरक्षा मानकों की पालना सुनिश्चित करवाएं और चालक-सहचालक आदि के चरित्र सत्यापन हो तथा वाहन पर मोबाइल नम्बर डिस्पले हो। जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष अब तक 44 बाल वाहिनी वाहनों पर नियमों का अनुपालना नहीं करने के चलते कार्यवाही की गई। अनुपस्थिति पर मांगा स्पष्टीकरण
सिंह ने बैठक में चिकित्सा, श्रम सहित कई विभागों के सक्षम अधिकारियों के अनुपस्थित रहने पर नाराजगी जताई। उन्होंने अनुपस्थित विभागों के अधिकारियों को बैठक में अनुपस्थित रहने के सम्बंध में कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि जिले में एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे इसके लिए कार्ययोजना बनाई जा रही है। इस कार्ययोजना के तहत ईंट भट्टों, भीख मांगते सहित अन्य कारणों से शिक्षा से वंचित रह रहे बच्चों का सर्वे करवाया जा रहा है। सर्वे द्वारा चिन्हित बच्चों को अनिवार्य रूप से आगामी सत्र में शिक्षा से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता के लिए कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। जिला कलक्टर ने कहा कि बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
आयोग की पूर्व सदस्य उमा रतनूं ने कहा कि संसाधनों का उचित इस्तेमाल कर बच्चों को अधिकाधिक लाभान्वित करें। बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए अतिरिक्त संवेदनशीलता से कार्य करें। बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) एक पत्र जारी कर स्कूलों में चाइल्ड राइट्स क्लब की सक्रियता को सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पोषण, जैसी आवश्यकताओं की पुख्ता व्यवस्था करने के लिए सम्बंधित विभागों का समन्वयपूर्ण कार्य करना सबसे महत्वपूर्ण है। बाल अधिकार आयोग सदस्य ने देशनोक, जयनारायण व्यास कॉलोनी सहित चार पुलिस थानों का औचक निरीक्षण कर जानकारी ली।
सिंह ने बताया कि जिले में थानों में निरीक्षण के दौरान भी बाल डेस्क, बाल रजिस्टर नहीं होने तथा बाल कल्याण अधिकारी की अनुपस्थिति जैसी अनियमिताएं पाई गई हैं। बाल अधिकारों के संरक्षण में लापरवाही दिखती है यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि पोक्सो, जुवेनाइनल जस्टिस आदि मामलों में पुलिस को अतिरिक्त सचेत होकर काम करने की आवश्यकता है।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक रचना भाटिया ने बताया कि जिले में 7 हजार कुपोषित बच्चे हैं। बाल अधिकारिता सहायक निदेशक कविता स्वामी ने कहा कि बाल श्रम में एक से अधिक बार आने वाले बच्चों के समुचित पुनर्वास की व्यवस्था के लिए अतिरिक्त आवास की आवश्यकता है इस पर सदस्य ने इस सम्बंध में प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) शैलेन्द्र देवड़ा, जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रतिभा देवठिया, सीओ सदर मुकेश सोनी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार, डॉ विमला डुकवाल सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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20 फरवरी को पौंग बांध विस्थापन बैठक में शामिल होंगे गौतम
बीकानेर, 18 फरवरी। जिला कलक्टर और आयुक्त उपनिवेशन कुमार पाल गौतम 20 फरवरी को पौंग बांध विस्थापितों के सम्बंध में शिमला में आयोजित होने वाली बैठक में शामिल होंगे।
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टीम ने किया कार्यालयों का औचक निरीक्षण
की उपस्थिति की जांच, कई कार्मिक मिले अनुपस्थित
बीकानेर, 18 फरवरी। प्रशासनिक सुधार विभाग, शासन सचिवालय के निर्देश में उप शासन सचिव चन्द्र प्रकाश के नेतृत्व में सचिवालय से आई टीम ने सोमवार को बीकानेर मुख्यालय स्थित विभिन्न कार्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया। टीम द्वारा हाजरी रजिस्टर जब्त कर कार्यवाही की गई। चन्द्र प्रकाश ने बताया कि निरीक्षण के दौरान कई कर्मचारी-अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। उन्होंने बताया कि अनुपस्थित कर्मचारियों व अधिकारियों के विरूद्ध आवश्यक अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। टीम द्वारा आंकड़े जुटाए जाएंगे। निरीक्षण दल में अनुभाग अधिकारी वेद प्रकाश मीना, निरीक्षण अधिकारी राजेन्द्र शर्मा, मोहम्मद वकील शामिल है।

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