महिलाओं के उत्पीड़न व शोषण को रोकने के लिए आम लोगों में जागृति आवश्यक

बीकानेर, 1 मार्च। अतिरिक्त जिला कलक्टर ए.एच. गौरी ने कहा है कि भारतीय संविधान ने महिलाओं को समान दर्जा दिया है। महिलाओं के साथ यौन शोषण, अत्याचार करने एवं भेदभाव पूर्ण भावना रखने वालों के खिलाफ पर्याप्त कानून व अधिनियम बने हुए है। सामाजिक एवं स्वयं सेवी और श्रमिक संगठन, कानून एवं अधिनियम की जानकारी अधिकाधिक लोगों देकर महिलाओं में जागरूकता के प्रयास करें।
गौरी शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभाकक्ष में संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त कार्यालय,बीकानेर की ओर से राजस्थान सरकार की जन घोषणा के अनुसार आयोजित संभाग स्तरीय कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों, विभिन्न निजी प्रतिष्ठानों व उद्योगों में महिलाओं के उत्पीड़न रोकने व उसकी शिकायत के लिए जिला स्तर व विभाग स्तर पर समिति का गठन किया हुआ है। समिति को महिलाएं अपनी शिकायत को दर्ज करवाकर राहत प्राप्त कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अप्रेल 2013 में महिलाओं का कार्य स्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण प्रतिषेध एवं प्रतितोष ) अधिनियम के साथ राजस्थान पीड़ित प्रतिकार स्कीम 2011 सहित विभिन्न कानून एवं अधिनियम जारी किए हुए है। जिला विधिक प्राधिकरण के प्रतिनिधि, श्रमिक व विभिन्न सामाजिक एवं स्वयं सेवी संगठन इनकी जानकारी अधिकाधिक लोगों, विशेषकर समाज में पिछड़ी, अल्प संख्यक, गरीब तबके की महिलाओं को देकर उनमें जागरूकता लाएं।
संभागीय संयुक्त श्रम आयुक्त ओ.पी.सहारण ने कार्यशाला की उपयोगिता और आयोजन की महता को उजागर किया। उन्होंने बताया कि अधिनियम की धारा के अनुसार प्रत्येक नियोक्ता को अपने कार्य स्थल के लिए एक आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। ऐसे कार्यालय/प्रशासनिक इकाई जिनके कार्य स्थल विभिन्न संभागों अथवा उप खंड स्तर पर स्थित हे, आंतरिक शिकायत समिति का गठन प्रत्येक कार्यालय अथवा प्रशासनिक इकाई पर किया जाना आवश्यक है।
बैठक में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ.इंदिरा प्रभाकर, वरिष्ठ निरीक्षक कारखाना एवं बाॅयलर्स दिनेश शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पुष्करराज, शहनाज परवीन, श्रीमती आशा नैनवाल, ब्रजेश ओझा, राजस्थान निर्माण कामगार संघ के प्रदेश महामंत्री गौरी शंकर व्यास, भवन एवं अन्य संनिर्माण वर्कर्स एकता यूनियन सीटू के जिला महामंत्री मूलचंद खत्री, वरिष्ठ श्रमिक नेता प्रसन्न कुमार, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष शिव कुमार व्यास, प्रमोद सिंह शेखावत, मनोज कुमार, ब्रजेश ओझा, डाॅ.प्रभा भार्गव, अरुणा भार्गव, मणिमाला, शिव कुमार कच्छावा व हर गोविंद मित्तल आदि ने कार्यशाला में महिलाओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए रचनात्मक सुझाव दिए। बैठक में विभिन्न संगठनों के समन्वय के साथ करने का निर्णय लिया गया।

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