सरहद पर उड़ी शारदा एक्ट की धज्जियां, दर्जनों बाल विवाह सम्पन

*बाडमेर सरहदी जिले बाडमेर में अक्षय तृतिया के एक दिन पहले आखा बीज पर दर्जनों की संख्या में बाल विवाह सम्पन हुए।जिनमे कई तो दूध मुंह बच्चो के विवाह भी शामिल थे। जबकि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन दावे कर रहा था कि जिले में बाल विवाह रोकने के पर्याप्त कदम उठाए है कंट्रोल रूम स्थापित किया। जबकि ऐसे विवाहों की सूचना के लिए गांव स्तर पर ग्राम सेवक ,पटवारी अधिकृत किये गए थे इसके बावजूद जिला प्रशासन बाल वुवः रोकने में विफल रहा।।

जानकारी के अनुसार बाडमेर जिला मुख्यालय से मात्र 13 किलामीटर दूरी पर सोनवार रात्रि को अबूझ सावे के तहत दूध मुन्हें दो जोड़ो की शादी परिजनों और ग्रामीणों की उपस्थिति में सामोन हुआ इसमे कुछ सरकारी कर्मचारी भी शामिल हुए।

पश्चिमी राजस्थान में परंपरागत रूप से आखा तीज के अबूझ सावे पर बाल विवाह की परम्पराए ग्रामीण अंचलि में सदियों से चली आ रही है।।इसे रोकने के प्रयासो के नाम जिला प्रशासन खूब मशक्कत करता है फिर भी बाल विवाह रुकने का नाम नही ले रहे।।इस वर्ष भी ग्रामीण अंचलों में दर्जनों बाल विवाह सम्पन हुए।।जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा शारदा एक्ट की धज्जियां उड़ती रही।इसका जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के पास कोई जवाब नही।।दूध मुंहे बच्चो को गोदी में लेकर फेरे करवाए गए।।जिले में कई समाजो में परंपरागत रूप से बाल विवाह अक्षय तृतिया पर किये जाते हैं।

चन्दन सिंह भाटी

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