उपचाराधीन हृदय रोगी को अंतराल से जांच करवानी चाहिए

बीकानेर, 21 सितम्बर। जिन लोगों को हृदय रोग, बीपी, कोलेस्ट्रोल संबंधित दवा नियमित लेनी होती है उन्हें डॉक्टर की सलाह से तय अंतराल के बाद जांच करवाते रहना चाहिए । इससे रोगी को यह फायदा होगा कि कोई भी दवा अनावश्यक रूप से उसे नहीं लेनी पड़ेगी और उसे दवाइयों के साइड इफेक्ट की आशंका न होगी।

कुछ ऐसी ही सलाह दी मैदान्ता हाॅस्पिटल के हृदय रोग के एसोसियट डायरेक्टर एवं इन्टरनेशनल कार्डियोलोजिस्ट डॉ नागेंद्र चौहान ने और अवसर था सादुल गंज स्थित लायंस क्लब में निशुल्क जांच परामर्श शिविर का । लॉयन्स क्लब बीकानेर ने अपने सामाजिक सरोकार कार्यक्रम के तहत शनिवार को लाॅयन क्लब में हृदय रोग निःशुल्क जांच और परामर्श चिकित्सा शिविर आयोजित किया।

चिकित्सा शिविर में डाॅ.नागेन्द्र सिंह चौहान और डायरेक्टर कार्डियक सर्जरी डाॅ.सुरिन्द्र बजाज ने उपचार के लिए पहुंचे लोगों की हृदय रोग से संबंधी जांच की और रोगियों को अपनी दिनचर्या में बदलाव की सलाह दी। इस दौरान उन्होंने 78 रोगियों की जांच करते हुए 56 रोगियों का हार्ट रोगी के रूप में चिन्हित किया। शिविर में लाॅयन क्लब के अध्यक्ष अनिल माथुर, सहयोगी लाॅयन बेजनाथ बाहेती, नवल राठी, राकेश, मनीष गेगल, राजेश मिढ्ढा , प्रो.एस.सी.जैन ने अपनी सेवाएं दी।
लाॅयन क्लब के अध्यक्ष अनिल माथुर के अनुसार शिविर में रोगियों की मधुमेह जांच,ब्लड प्रेशर व इ.सी.जी. निःशुल्क की गई। शिविर दो माह बाद फिर आयोजित होगा। इस दौरान लाॅयन क्लब के पदाधिकारियों ने शिविर में अतिथि चिकित्सक और अन्य स्टाॅफ का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।
डाॅ.नागेन्द्र सिंह चौहान ने इस मौके पर बताया कि हार्ट अटैक की रोकथाम के लिए अभिनव दृष्टिकोण और अंततः उन्मूलन के लिए वैज्ञानिक खोज जारी रखे हुए है। सार रूप में हृदय रोगों को रोकने या कम करने के लिए योग और ध्यान तकनीक दुनिया भर में लोकप्रिय हो रही हैं। हृदय संबंधी विकारों के उपचार में योग के उपयोग से संबंधित नवीनतम अध्ययनों और हालिया साहित्य की समीक्षा भी की है। तीव्र और पुरानी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त रोगियों पर योग चिकित्सा के अध्ययन से तनाव, रक्तचाप से संबंधित रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल के स्तर और शरीर के वजन में महत्वपूर्ण कमी देखी गई। इस समीक्षा का उद्देश्य उच्च रक्तचाप, मोटापा और कोरोनरी हृदय रोग पर योग चिकित्सा के प्रभाव का मूल्यांकन भी किया है। उन्होंने बताया कि हमें अपनी दिनचर्या और खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
हृदय रोग में मृत्यु का प्रमुख कारण अक्सर जीवनशैली कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है जो एथेरोस्क्लेरोसिस या धमनियों के संकीर्ण होने का खतरा बढ़ाते हैं। धूम्रपान, खराब नियंत्रित उच्च रक्तचाप ( उच्च रक्तचाप ) और मधुमेह के साथ, कोरोनरी धमनियों की अंदरूनी परत की सूजन और जलन का कारण बनता है।
-✍️ मोहन

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