देवनानी ने कहा कि थोथी वाहवाही लूटने और अपने आकाओं को राजी करने के लिए गहलोत नागरिकता संशोधन के विरोध के नाम पर रैली के लिए दिल्ली तो पहुंच जाते है जबकि उनके कार्यक्षेत्र में आ रहे कोटा जाने का उनके पास वक्त नहीं है। पिछले एक माह में सौ से अधिक मासूम जेकेलोन हाॅस्पिटल में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में काल के ग्रास बन चुके है। राजस्थान के मुखिया को इनकी सुध लेने तक का समय नहीं है।
चिकित्सा मंत्री भी संवेदनहीनता में नहीं रहे पिछे – चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा भी इस मामले में संवेदनहीनता का परिचय देने में गहलोत से पिछे नहीं रहे। वे भी कल ही कोटा पहुंचे है जबकि गहलोत ने बीस दिन निकलने के बाद भी वहां जाकर मामले पर कोई ठोस कार्यवाही करने का प्रयास नहीं किया है। मुख्यमंत्री गहलोत व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के उदासीन रवैये से तो स्पष्ट लग रहा है कि वे मासूमों की मौत के मामले में दोषी चिकित्सा अधिकारियों को बचाने का प्रयास कर रहे है। राजस्थान की जनता मुखिया गहलोत को अपनी टकटकी नजरों से देख रही है और समय आने पर इसका माकूल जवाब भी देगी। उन्होंने कहा कि गहलोत इस संबंध में एक प्रतिशत भी जिम्मेदारी समझते है तो उन्हें आज ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।