आड़े आ गए नियम कायदे, उपलब्ध नही हुई 108 एम्बुलेंस

श्रीधर केसरी/रतन लाल दगदी
सरकार ने भले ही ग्रामीणों के सुविधार्थ 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रखी हैं, पर इसके नियम कायदों के चलते कई बार सरकार की यह सुविधा ग्रामीणों को उपलब्ध नहीँ हो पाती। इसका ताजा एवं महत्वपूर्ण उदहारण हाल ही में सामने आया। मामले से जुड़े बिंदुओं के अनुसार मसूदा उपखण्ड क्षेत्र के ग्राम उत्तमी निवासी रसूल की पत्नी ने मसूदा सामुदायिक चिकित्सालय में 1 बच्चे को जन्म दिया। जन्म से ही बच्चे की बेहोशी हालत देखकर यहाँ के चिकित्सकों डॉ 0 लोकेश कुमावत , डॉ0 दुर्गा दत्त व डॉ0 के डी सोलंकी ने बच्चे को होश में लाने का प्रयास किया , पर काफी प्रयासों के बाबजूद भी सफलता नही मिलती दिखाई देने पर डॉक्टरों ने बच्चे को रेफर कर दिया। ऐसी स्थिति में 108 को सुचित किया। संयोग से 108 एक अन्य घटना में घायल हुए एक बच्चे को लेने गई हुई थी। और घायल बच्चे को लाकर चिकित्सालय में भर्ती भी करवा दिया। चूंकि 108 की लोकेशन पर नवजात शिशु के लिए ब्यावर से एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई। पर 25 कि 0 मी0 की दूरी होने से वह भी समय से नही पहुँच पा रही थी। इधर नवजात को समय पर ब्यावर ले जाना आवश्यक था। इसी दौरान 108 जिस घायल बच्चे को लेकर आई थी डॉक्टरों ने उसकी गम्भीर हालत से उसे भी ब्यावर के लिए रेफर कर दिया था। जब नवजात शिशु सहित चिकित्सालय स्टाफ ने 108 के चालक व कम्पाउंडर से नवजात शिशु को भी ले जाने किए कहा पर, 108 चालक जावेद पठान व कम्पाउंडर अनूज शर्मा ने नवजात शिशु को यह कहकर ले जाने से मना कर दिया कि उनके पास जिस घायल बच्चे की कॉल आई थी उसे लेकर मसूदा कित्सालय में भर्ती करवाया हैं उसकी हालत गम्भीर हैं जब तक उसकी कोल कम्प्लीट नही हो जाती तब तक और उनके पास नवजात शिशु को ले जाने की कोई कॉल नही आती तब तक नही ले जा सकते।