बीकानेर के लेखकों ने नवाचार सहित भाव-रंगों को पहनाया शब्दों का जामा

होली के हीरो संग शब्दसंगत-लोकरंगत का भव्य आयोजन
बीकानेर। गीत, गजल कविता, दोहो के संग
लोकगीतों एवं व्यंग्य की तरंग के संग शनिवार की शाम शब्दों
की संगत लोक की रंगत से सराबोर रही। मौका था प्रज्ञालय
संस्थान एवं श्रीमती कमला-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट के साझा
आयोजन का। नालन्दा पब्लिक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के
सृजन सदन में आयोजित इस कार्यक्रम का आगाज वरिष्ठ
लोकगायक मदन जैरी ने अपने अनूठे अंदाज में एक से एक
उम्दा स्वरचित नवगीतों की प्रस्तुति से कई रंग बिखेरे। युवा
लोकगायक मुन्ना सरकार ने होली के रंग में रंगी रचनाएँ रखी।
लोक रंगों में रंगे इस कार्यक्रम में वरिष्ठ शायर जाकिर अदीब
ने अपनी ताजा गजल के शेरों से कई रंगों की सुगंध बिखेरी।
तो वही नगर के वरिष्ठ हास्य-व्यंग्य कवि विजय धमीजा ने
अपने अनोखे अन्दाज में व्यंग्य के कई तीर छोड़े तो वरिष्ठ
कवि नरपत सिंह सांखला ने होली की रंगत में रची रचना
प्रस्तुत की। शायर कासिम बीकानेरी ने देश भावना का रंग
भरा इसी क्रम में शायर सागर सिद्दीकी ने होली के पावन रंग
को रखा वही शायर वली गौरी ने अपने गीत की शानदार
प्रस्तुति दी। राजस्थानी के कवि कमल रंगा ने आज के
हालातों को अलग रंग में रख मानवीय पीड़ा को उकेरा। कवि
प्रमोद शर्मा ने कैसे फाग सुना कर पीड़ा रखी इसी तरह मुक्ता
तैलंग ने अपनी गजल के शेर पढ़कर मुहब्बत की पावनता
रखी। डॉ. कृष्णा आचार्य ने अपने गीत में फाग को गूंथा, डॉ.
आशा मार्गव ने अपनी रचना से महिलाओं की भावनाओं को
रखा। कवि जुगल पुरोहित ने होली पर केन्द्रित अपनी रचना
का सस्वर वाचन किया। युवा कवि विप्लव व्यास ने अपने
नव गीत से होली की रंगत श्रोताओं में बिखेरी। कवि गिरीराज
पारीक ने रंग रंगीली होलीे को अपने ढंग से रखा तो युवा
कवि अजीत राज ने एक अन्य रंग के साथ नई कविता का
वाचन किया। कवि आनन्द सिंह चौहान एवं हनुमन्त गौड़ ने
अपनी प्रस्तुति को शब्दों की संगत दी।
इस अवसर पर संस्कृतिकर्मी शिव शंकर भादाणी
एवं बी. डी. भादाणी ने होली पर चौपाइयाँ पेश की। वही
व्यंग्यकार आत्माराम भाटी एवं चित्रकार योगेन्द्र पुरोहित ने
कुछ हास्य प्रसंग सुनाकर हंसी की फुहार बिखेरी। कवि शिव
दाधीच ने अपनी रचना का वाचन किया। कार्यक्रम में
हरिनारायण आचार्य, भवानी सिंह, योगेश व्यास, रमेश
जाजड़ा, नन्द किशोर गालरिया, विक्रम सिंह, अशोक पुरोहित,
तोलाराम, घनश्याम ओझा, अशोक शर्मा, सुनील व्यास,
शुभम व्यास सहित दर्जनों श्रोताओं ने अपनी सक्रिय
भागीदारी निभाते हुए हास्य प्रसंग और हास्य बातपोशी पेश
की। प्रारंभ में सभी का स्वागत राजेश रंगा ने किया।
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण नवाचार के रूप में शब्द-
शिल्प, भाव-संवेदना, प्रतीक-बिम्ब
एवं ट्रिटमेन्ट थे साथ ही
पूरे कार्यक्रम का लाईव प्रसारण किया गया और खास तौर से
इस लाईव कार्यक्रम का देश ही नहीं विदेशों तक आनन्द लेते
हुए लोकगायक मदन जैरी को हजारों लोगों ने सुना और
लाइक व कमेन्ट्स दिये। कार्यक्रम का संचालन कासिम
बीकानेरी ने किया।

-✍️ मोहन थानवी

error: Content is protected !!