वाधवानी फाउंडेशन ने एसएमई के लिए लांच की नई पहल ‘सहायता’

जयपुर, 7 जुलाई 2020- वाधवानी फाउंडेशन (डब्ल्यूएफ) ने आज आर्थिक संकट के दौर से गुजरते एसएमई और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मदद देकर कोविड-19 के बारे में उनके ज्ञान और कौशल को बेहतर बनाने के लिए ‘सहायता’ की पहल करने की घोषणा की। वाधवानी फाउंडेशन भारत और अन्य विकासशील देशों का प्रमुख गैर-आर्थिक लाभ फाउंडेशन है। इसका मिशन बड़े स्तर पर उद्यमिता के विकास, एसएमई की प्रगति और लोगों के कौशल विकास के माध्यम से रोजगार बढ़ाना है।
वाधवानी फाउंडेशन ने 200 करोड़ के निवेश की प्रतिबद्धता की है और साझेदारों का इकोसिस्टम बना रहा है जिसमें सरकार के विभिन्न मंत्रालय और एजेंसियां, बैंक और सलाह प्रतिष्ठान शामिल होंगे जो इस बड़ी और जटिल पहल के संचालन में मदद करेंगे। इस पहल ‘सहायता’ के तीन प्रोग्राम हैं: सहायता बिजनेस स्टैबलीटी प्रोग्राम, सहयाता कोविड-19 स्किलिंग प्रोग्राम और सहायता पब्लिक हेल्थ इनोवेशन प्रोग्राम। फाउंडेशन ने 90 दिनों के अथक प्रयास से तीनों सहायता प्रोग्राम बनाए हैं और अगस्त 2020 में इन्हें तेजी से लागू किया जाएगा।
पद्म श्री डॉ. रोमेश वाधवानी, संस्थापक और अध्यक्ष, वाधवानी फाउंडेशन ने कहा, “कोविड-19 से स्वास्थ्य और आर्थिक दोनों संकट पैदा हो गया है। खास कर एसएमई और लोगों के रोजगार को भारी नुकसान पहुंचा है। एसएमई क्षेत्र को वित्तीयन और उचित परामर्श के अभाव में छोटी और लंबी अवधि में भारी क्षति होगी। ‘सहायाता’ में फाउंडेशन के बड़े निवेश से 10,000 एसएमई को जो स्टिमेलस पैकेज मिलेगा उससे सरकार के प्रयासों में मजबूती आएगी। उन्हें परामर्श सेवाएं देकर कारोबार बचाने, स्थिरता लाने और अंततः सफल होकर 100,000 रोजगार बचाने या बनाने में मदद मिलेगी। फाउंडेशन के अपने सलाहकार, वर्तमान में उपलब्ध और नई सामग्री, और तकनीक यह सब एसएमई को निःशुल्क प्रदान किया जाएगा।’’
सहायता बिजनेस स्टैबलीटी प्रोग्रामः एसएमई किसी अर्थव्यवस्था की बुनियाद होते हैं लेकिन कोविड-19 से उत्पन्न आर्थिक संकट ने इसे तबाह कर दिया है। सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं के विकास को बढ़ावा देते एसएमआई गहरे संकट में हैं। बड़े उद्यमों की तुलना में यह नुकसान कहीं अधिक है। बड़ी कंपनियों में ऐसे संकट से निपटने का अधिक लचीलापन होता है। बैलेंस शीट आम तौर पर बड़ी और अधिक मजबूत होती है। उन्हें पूंजी और प्रबंधन के संसाधन सुलभ होते हैं। लेकिन एमएसएमई इतने लचीले नहीं होते हैं। आज उन्हें अस्तित्व बचाने के लिए पूंजी और विशेषज्ञता दोनों चाहिए। निकट भविष्य में उनकी स्थिरता का लक्ष्य है और मध्यम और लंबी अवधि में विकास के लिए उन्हें खुद को तैयार करना होगा। हाल में भारत सरकार ने एसएमई के लिए एक व्यापक और आवश्यक क्रेडिट (वित्तीयन) प्रोग्राम शुरू किया है। लेकिन एसएमई को सही रणनीति और कार्य परचिालन का गहन ज्ञान भी चाहिए ताकि ग्राहक, सप्लाई चेन, प्रबंधन और कार्मिक बचाए रखने संबंधी तमाम चुनौतियां से उबर पाएं।
सहायता बिजनेस स्टैबलिटी प्रोग्राम लगभग 10,000 एसएमई को व्यवसाय में बड़े बदलाव की सलाह के साथ अस्तित्व बचाने, स्थिरता लाने और प्रगति करने की विशेषज्ञता देगा।
वाधवानी फाउंडेशन ने सिडबी, क्लिक्स कैपिटल, आईआईएफएल फाइनेंस, पावर 2 एसएमई और मैग्मा फिनकॉर्प से साझेदारी कर इस प्रोग्राम के लिए संयुक्त रूप से एसएमई चयन करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही अपनी आंतरिक टीम का विस्तार कर 100 एसएमई व्यवसाय सलाहकार तैयार कर रहा है। इसके अतिरिक्त फाउंडेशन की योजना केपीएमजी, फ्लेक्सींगट, ग्रोकर्व, स्ट्रैटजी गराज,बड़ा बिजनेस, वंचरबीन कंसल्टिंग, द कैटलिस्ट, इमबाइब कंसल्टेंसी सर्विसेज़, ब्लैक ब्रिक्स सर्विसेज़, कोनेक्टअप, सीएफओब्रिज, मिडाससीएफओ, धनबढ़ाओडॉटकॉम और कई विषय के व्यक्तिगत विशेषज्ञ, विषय के जानकार, सलाहकार और परामर्शदाता से साझेदारी करने की है। इसके तहत वे निःशुल्क या बहुत रियायत पर एसएमई सलाहकार प्रदान करेंगे। सलाहकारों की यह संयुक्त टीम व्यवसाय में बड़े बदलाव के लिए फाउंडेशन के व्यापक और बढ़ते डिजिटल वीडियो लाइब्रेरी और सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रक्रिया की सामग्री और एसएमई के लिए फाउंडेशन के आधुनिक टेक्नोलॉजी प्लैटफार्म का उपयोग करेगी। वाधवानी फाउंडेशन एसएमई सलाहकारों को ‘सहयाता’ की सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रक्रिया, सामग्री और तकनीक का प्रशिक्षण देने के लिए एक अकादमी भी स्थापित कर रहा है।
अगस्त 2020 से शुरू सहायता प्रोग्राम में प्रति माह 50 एसएमई शालिम किए जाएंगे। यह संख्या बढ़ कर प्रति माह 500 एसएमई तक होगी। शुरू में 250 करोड़ रु. रेवेन्यू वाली बड़ीक म्पनी मॉडल को मदद देने के बाद वाधवानी फाउंडेशन मध्यम 2021 में नेक्स्ट-जेन,एआई-पावर्ड सेल्फ-सर्विस जीनी प्लेटफॉर्म लांच करेगा ताकि अधिक एसएमई जुड़ें।
भारत में केपीएमजी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण एम. कुमार ने कहा, “हम कोविड से तबाह एसएमई की मदद के लिए वाधवानी फाउंडेशन की ‘सहायता’ पहल से जुड़कर प्रसन्न हैं। फाउंडेशन और श्री रोमेश वाधवानी के के दूरदर्शी प्रयास से इस उद्योग की मदद करने का गर्व है जिसमें आनुपातिक रूप से ज्यादा नौकरियां और आजीविका हैं। ”
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मोहम्मद मुस्तफा ने कहा, ‘‘कोविड-19 के संकट में हमारा मानना है कि बड़े संगठनों को एमएसएमई की मदद के लिए आपसी साझेदारी करनी चाहिए। एसएमई में जान डालने और सफल बनाने के लिए वाधवानी फाउंडेशन के बिजनेस स्टैबलीटीं प्रोग्राम के बारे में जानकर खुशी हुई। एमएसएमई के मार्गदर्शन के लिए उनसे हमारा सहमति करार रहा है। नए प्रयास से वेबिनार, डू-इट-योरसेल्फ टूल्स, सलाहकारों और मेंटर्स की मुफ्त सेवा मिलेगी। इस तरह एमएसएमई मजबूत हो कर उभरेंगे और आत्मनिर्भर भारत का राष्ट्रीय मिशन पूरा होगा।’’
क्लिक्स कैपिटल के अध्यक्ष प्रमोद भसीन ने कहा, ‘‘सरकार ने एमएसएमई को सस्ती दर पर ऋण देने के विभिन्न उपाय किए हैं। पर उद्योग की विशेषज्ञता और प्रतिभा की कमी बड़ी चुनौती बनी हुई है। वाधवानी फाउंडेशन के साथ हम एमएसएमई भागीदारों के कौशल का अभाव दूर करेंगे और इस प्रयास के परिणाम मापे जा सकते हैं।’’

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