फ्लेगशिप योजनाओं ने दी गरीब को राहत

जयपुर, राज्य सरकार ने अपने पिछले चार वर्षीय कार्यकाल के दौरान आमजन को आधारभूत सुविधाएं प्रदान कर राहत देने की अपनी दृढ इच्छा शक्ति को ठोस धरातल प्रदान करते हुए अनेकों कल्याणकारी योजनाओं का सफल एवं सुचारु क्रियान्वयन किया है। सरकार के फ्लेगशिप कार्यक्रमों में परिणित इन योजनाओं से समाज के अंतिम पंक्ति में बैठे हुए व्यक्ति को भी आर्थिक, शैक्षिक एवं सामाजिक उन्नयन करने के अवसर प्राप्त होने के साथ ही उसे विकास की मूलधारा से जुडऩे का हौंसला प्राप्त हुआ। डूंगरपुर जिले में सरकार की इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से क्षेत्र के गरीब वांशिदें न केवल लाभान्वित हुए हैं बल्कि उनके जीवन स्तर में भी उन्नयन हुआ है। साथ ही साथ मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना जैसी अन्य महत्ती योजनाओं के सुचारु संचालन ने हर वर्ग के व्यक्ति को लाभान्वित किया है।
उम्मीदों को मिला आधार और सपनें बदले हकीकत में हर व्यक्ति का अपने घर का एक अदद सपना होता है। यह सपना तब और भी ज्यादा अहमियत रखने लगता है जब दो जून की रोटी के लिए मेहनत करने वाला व्यक्ति इसकी कल्पना करने से भी डरता है। ऐसे में यदि एक आम गरीब व्यक्ति का अपना घर बनाने का सपना साकार होने लगे तो उसके लिए ये किसी परी लोक की कथा से कम नहीं होता। राज्य सरकार द्वारा प्रारंभ की गई महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के सफल क्रियान्वयन ने इस जनजाति जिलें मेें गरीब व्यक्ति के ऐसे ही सपनों को मूर्त रूप प्रदान किया है।
सरकार की मंशा के अनुरूप इस जनजाति जिलें में 46 हजार 903 बीपीएल परिवारों को लाभान्वित करते हुए उनके आशियाने के सपने को साकार किया जा रहा है।
वर्ष 2011 में इस योजना के तहत डूंगरपुर जिलें की आसपुर पंचायत समिति में 3 हजार 326, बिछीवाडा में 5 हजार 983, डूंगरपुर में 4 हजार 184, सागवाडा में 3 हजार 32 एवं सीमलवाडा में 5 हजार 382 आवास उपलब्ध करानें के लिये स्वीकृतियां जारी करते हुए 21 हजार 907 लाथार्थियों को प्रथम किश्त के रूप में 54.767 करोड रुपयों की राशि जारी की गई। इसके साथ ही द्वितीय किश्त के रूप में 34.60 करोड की राशि भी जारी की जा चुकी है। इस योजनान्तर्गत जिलें में अब तक 3 हजार 688 लाभार्थियों ने मकान निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए हैे और वर्तमान में बीपीएल लाभार्थियों के 18 हजार 219 आवास प्रगति पर हैं। वर्ष 2012 में जिले की विभिन्न पंचायत समितियों में कुल 15930 आवास उपलब्ध करानें के लिये स्वीकृतिया जारी करते हुए प्रथम किश्त के रूप में 40.89 करोड़ रुपये की राशि 16 हजार 358 लाथार्थियों के खातों में हस्तांतरित कर दी गई है।
आहत को मिली राहत
सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री अन्न सुरक्षा योजना ने दो जून की रोटी के लिए मशक्कत करने वाले गरीब परिवारों को सस्ती दरों पर गेहूं उपलब्ध करवाकर आर्थिक रूप से आहत परिवारों को राहत प्रदान की है। इस योजना के तहत जिले में बीपीएल एवं स्टेट बीपीएल परिवारों को 2 रुपये प्रति किलो की दर से प्रति परिवार 25 किलो गेहूं निरन्तर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी प्रकार अन्त्योदय परिवारों को 35 किलो गेहूं 2 रुपये प्रति किलो की दर से तथा 5 हजार चौदह चयनित अन्नपूर्णा परिवारों को 10 किलो गेहूं प्रतिमाह नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है। वर्तमान में इस योजना के तहत जिले में स्टेट बीपीएल योजना में 37 हजार 277 एवं बीपीएल में कुल 1 लाख 20 हजार 321 परिवारों सहित कुल 1 लाख 57 हजार 598 परिवारों को लाभान्वित करते हुए योजना के सफल क्रियान्वयन द्वारा गरीब व्यक्ति को सुकून पहुंचाया है।
हर वर्ग को दिया स्वास्थ्य संबल
प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने की अभिलाषा के साथ सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना ने गरीब के साथ-साथ हर वर्ग के व्यक्ति के जेब पर पडने वाले भार को हल्का कर आमजन को स्वास्थ्य संबंल के साथ ही सुुकून प्रदान किया है। इस योजना के तहत वर्तमान में जिला औषधि भण्डार में 409 दवाइयां (307 दवाइयां + 102 सर्जिकल) आईटम उपलब्ध हैं जिनका वितरण किया जा रहा है। आरएमएससी से अब तक कुल 42242097.38 रुपये राशि की दवाइयां प्राप्त हुई है। जिनमें से 2704464.96 रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है।
योजना शुरू होने के बाद जिले के चिकित्सा संस्थानों पर ओपीडी में 36.49 प्रतिशत एवं आईपीडी में 14.40 प्रतिशत मरीजों की संख्या में बढोतरी दर्ज हुई है। योजना के प्रारंभ से अब तक कुल 77 हजार 686 ओपीडी मरीजों तथा 104477 आईपीडी मरीजों को लाभान्वित किया जा चुका है। कुल 95 प्रतिशत रोगी नि:शुल्क दवा योजना के तहत सभी दवाईयां नि:शुल्क प्राप्त कर रहे है। 2 अक्टूबर 2012 से समस्त दवा वितरण केन्द्रों को ऑनलाईन किया जा चुका है।
प्रसूताओं को दिया नवजीवन :
प्रसूताओं एवं नवजात को स्वास्थ्य संबंल प्रदान करने के लिए शुरू की गई जननी शिशु सुरक्षा योजना ने दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत कई प्रसूताओं को समय पर चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही पूर्ण देखभाल प्रदान कर उन्हें नवजीवन प्रदान किया है। इस योजना के तहत अब तक 28 हजार 825 संस्थागत प्रसव करवाये जा चुके हैं। योजनान्तर्गत घर से चिकित्सा संस्थान तक 74.28 प्रतिशत प्रसूताओं को एवं चिकित्सा संस्थान से वापस घर हेतु 85.67 प्रतिशत प्रसूताओं को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। इसके साथ ही 28954 प्रसूता महिलाओं को दवा, 27123 को लेब जांच, 28165 को नि:शुल्क भोजन, 417 को रक्त सुविधा एवं 31406 नवजात को दवा तथा 2740 को लेब जांच नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई है। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम प्रारम्भ होने के बाद समान अवधि में घरेलू प्रसव में 59.24 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है जो इस जनजाति क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री बी.पी.एल. जीवन रक्षा कोष योजना :
सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बी.पी.एल. जीवन रक्षा कोष के अन्तर्गत विभिन्न चिकित्सा संस्थानों में बी.पी.एल. परिवारों को नि:शुल्क दवाइयां एवं जांच उपलब्ध करवाते इस जिले के गरीब लोगों को राहत प्रदान की गई। योजना के अन्तर्गत वर्ष 2009 से माह अक्टूबर 2012 तक कुल एक लाख 12 हजार 881 मरीजों को लाभ पहुंचाते हुए कुल 1 करोड़ 14 लाख 25 हजार 750 रुपये की राशि व्यय कर गरीब व्यक्ति को सरकार की मंशानुरूप लाभान्वित किया जा चुका है।
इसी प्रकार फ्लेगशिप योजना के तहत शुरू की गयी अन्य योजनाओं के सफल क्रियान्वयन से इस जिले के गरीब परिवारों को मिलने वाली आधारभूत सूविधाओं ने न केवल लाभार्थियों को राहत प्रदान की है बल्कि उनका जीवन स्तर भी सुधार की ओर अग्रसर है। राज्य सरकार ने इस योजना के द्वारा जहां गरीब व्यक्ति की उम्मीदों को पूरा कर संवदेनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेही सुशासन देने की अपनी प्रतिबद्घता को दोहराया है वहीं अपने कभी पूरे न होने वाले सपनों को हकीकत में बदलते देख लाभार्थियों के चेहरे पर मुस्कान एवं आंखों में खुशी के भाव सरकार के प्रति अपनी कृतज्ञता को प्रकट करते हैं।

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