सूर्यगढ़ अशोक गहलोत के लिए महफूज नहीं ,कुछ विधायकों पर अब भरोसा नहीं

जैसलमेर जयपुर की कांग्रेस भाजपा भाजपा और बागियों की त्रिकोणीय सियासी जंग महलो और हवेलियों की नगरी के सियासी गलियारों तक पहुँच गयी ,अशोक गहलोत ने कांग्रेस की सियासी जंग को बियाबान रेगिस्तान के हवाले किया ताकि 14 अगस्त को उनकी सरकार महफूज रहे,,राजनीती विशेषज्ञों को अशोक गहलोत के द्वारा विधायकों को भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र राठोड के करीबी मेघराज सिंह की शाही होटल सूर्यगढ़ को चुनने का राज समझ नहीं आया ,ये मेघराज सिंह वही हे जिनके बजरी के ठेको पर अशोक गहलोत ने बड़ी सियासत की थी ,बजरी ठेको पर वसुंधरा के खिलाफ गहलोत की सियासी जंग के चलते ही हाई कोर्ट बजरी खनन पर सख्त हुआ था ,गहलोत की सरकार उन्ही मेघराज सिंह की शरण में हैं, गहलोत वसुंधरा राजे के जिस तरह सार्वजनिक गुण गए रहे हे वो वसुंधरा राजे के लिए ठीक नहीं लग रहे ,गहलोत के हर बयान पर भाजपा की नज़र हे ,ऐसे में गहलोत द्वारा वसुंधरा राजे के गुणगान वसुंधरा राजे के लिए राजनीती संकट खड़ा कर सकते हैं ,अशोक गहलोत इशारो इशारो में कई बार इशारा कर चुके हे की विधानसभा सत्र की तारिख आने के बाद हॉर्स ट्रेडिंग की कीमते बढ़ेगी ,इशारा साफ़ हे उन्हें खुद के कैम्प के कुछ विधायकों पर भरोसा नहीं हैं ,गहलोत जानते हे की कुछ विधायक गुड़ामालानी विधायक हेमाराम चौधरी के संपर्क में हैं ,सचिन कैम्प के कम से कम दस से बारह विधायक गहलोत के साथ हे मगर अशोक गहलोत की सियासी पारखी नजर इन ज्यादा विश्वास नहीं कर रही ,दिव्या मदेरणा को गहलोत अपने साथ ले आये इसका राजनितिक मतलब विशेषज्ञ आसानी से निकल सकते हैं ,निर्दलीय और बी एस पी के विधायकों पर भी गहलोत आँखे मूँद के भरोसा नहीं कर रहे ,ये बाड़ाबंदी और एकांतवास ऐसे विधायकों के लिए हैं ,इनकी सुरक्षा इतनी चाक चौबंद हे की परिंदा भी पर नहीं मार सकता ,मगर डील अंदरखाने में ही हो गयी तो अशोक गहलोत क्या करेंगे ,सूर्यगढ़ सुरक्षा की दृष्टि से जरूर महफूज हैं मगर राजनीती के लिए महफूज नहीं।साथ ही जैसलमेर का गर्म वातावरण भी विधायकों को सत्ता रहा हैं ,विधायक चार दिन बाद भी सूर्यागढ़ में सहज नजर नहीं आ रहे,शनिवार शाम को मुख्यमंत्री जैसलमेर पहुंच सीधे गोरबंध होटल पहुंचे,यहाँ उनके विश्वशनीय मंत्री और विधायक रुके हे ,बी डी कल्ला से फीडबैक लिया ,राजनितिक हालत पर चर्चा कर सूर्यगढ़ रवाना हो गए ,

प्रेम सिंह बाजार की एंट्री से खलबली
रविवार को बजरी ठेको में नाम कमा चुके वसुंधरा राजे के खास और सूर्यगढ़ के मालिक मेघराज सिंह के बिजनेस पार्टनर प्रेम सिंह बाजौर के जैसलमेर पहुंचने की खबर भर से हड़कंप मच गया ,बाजौर की इस सियासी संकट में जैसलमेर में उपस्थिति ने चर्चाओं को जन्म दिया,अशोक गहलोत ने वसुंधरा राजे के कार्यकाल में बजरी खनन और बजरी माफियो को पनाह पर हल्ला बोला था ,वो बजरी के ठेकेदार प्रेम सिंह बाजौर ही थे ,बाजौर होटल से सम के लिए निकल गए थे

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