बाड़मेर ग्रामीण विकास योजनाओ को संचालित करने के लिए जिला परिषद जैसे
सशक्त संगठन सरकार संचालित कर रही हैं ,ताकि ग्राम स्तर पर सुनियोजित
विकास हो सके ,मगर बाड़मेर जिला परिषद इस वक़्त ताकतवर राजनितिक शिकंजे हैं
,राजनीती आकाओं ने एक सहायक अभियंता के लिए राजनीती प्रभाव का इस्तेमाल
कर जिला परिषद ,ग्रामीण प्रकोष्ट ,आठ से दस पंचायत समितियों के तकनिकी
कार्मिको के सुनियोजित स्थानांतरण करवा दिए,जिला परिषद में दो अधिशाषी
अभियंताओं ,सहायक अभियंता के भरे रिक्त कर इनके अतिरिक्त सहायक अभियंता
को गए ,इतना ही नहीं आठ से दस पंचायत समितियों के अभियंताओं के चार्ज भी
इन्ही पास हैं ,दुधारू गाय आकाओं को हमेशा अच्छी लगती हैं ,मजेदार बात हे
की यह सहायक अभियंता भी बायतु पंचायत समिति में स्थानांतरित हैं ,छह माह
से अधिक समय हो गया स्थानांतरित हुए मगर कार्यमुक्त करने बजाय अतिरिक्त
चार्ज पे चार्ज दिए जा रहे हैं ,केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी
ने जिला कलेक्टर विश्राम मीणा से इस अभियंता को तत्काल कार्यमुक्त कर
बायतु भेजने का कह चुके हैं ,बावजूद इसके दुधारू गाय खूंटे में बाँध रखी
हैं,ईमानदार और कर्मठ मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला कलेक्टर चाह कर
कुछ नहीं कर पा रहे ,इस अभियंता द्वारा बहुत ग्राम पंचायतो को नियम
विरुद्ध पांच पांच करोड़ के कार्य स्वीकृत करवा दिए जबकि इन ग्राम पचायतों
पूर्व में स्वीकृत कार्य अधूरे पड़े हैं ,यह उच्च स्तरीय जाँच का विषय हैं
,इस अभियंता ने अपनी राजनीती पहुंच के चलते ही वरिष्ठ लेखाधिकारी जिला
परिषद को हाथों हाथ रिलीव करवा कर जोधपुर भेज दिया ,लेखाधिकारी ने
अभियंता के गलत कार्यों पर अंकुश लगाया था ,पुरे राजस्थांन में अनूठा
उदहारण हे एक सहायक अभियंता अपने से वरिष्ठों तथा कनिष्ठों के दर्जन भर
अतिरिक्त चार्ज ले रखे. जिसका विपरीत ग्रामीण विकास योजनाओं पर पड़ रहा
हैं,सहायक अभियंता अपनी पसंद की पंचायतों में करोड़ों के कार्य स्वीकृत कर
रहे हैं व्ही अन्य पंचायतों में कार्यों की स्वीकृतियां नहीं निकाल रहे
,सत्ताधारी पक्ष के दर्जनों सरपंच सहायक अभियंता की कार्यशैली से दुखी
हैं ,मगर अपना दुखड़ा किसके सामने बताएं तो घोड़े भी इनके मैदान भी इनका ,