चारण समाज ने दी दाता को श्रद्धांजलि,जसोल का निधन ऐतिहासिक क्षति;देवल

जैसलमेर मारवाड़ प्रांतीय चारण महासभा की और से पूर्व केंद्रीय मंत्री
जसवंत सिंह जसोल के स्वर्गवास पर चारण छात्रावास में शोक सभा का आयोजन
किया गया।।

अखिल भारतीय चारण सभा के अध्यक्ष सी डी देवल ने अपने लिखित संदेश में कहा
कि जसोल का निधन चारण राजपूत सनातन संबंधों की ऐतिहासिक क्षति है।।अपने
संदेश में पूर्व सांसद एवम अखिल भारतीय चारण महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष
ओंकारसिंह लखावत ने कहा कि जसोल ने भारतीय सेना में शौर्य का प्रदर्शन
किया।।विदेश और रक्षा नीति के विशेषज्ञ थे।।इस क्षेत्र में उनका योगदान
ऐतिहासिक रहा।।आप प्राचीन राजस्थानी साहित्य के ज्ञाता और विद्वान
थे।।जसोल के स्वर्गवास से राजपूत चारण साहित्य को अपूरणीय क्षति
हुई।।कच्छ भुज से चार बार सांसद रहे पुष्पदान गढ़बी ने कहा कि जसोल ने
डिंगल शोध साहित्य संस्थान का गठन किया।।हिंगलाज यात्रा में उनका
परंपरागत प्रखर व्यक्तित्व प्रकट हुआ।समाज के हर जाति धर्म के लोगो को
साथ लेकर यात्रा की जो अनुकरणीय थी।।प्राचीन राजस्थानी साहित्य के हरिरस
देवयानी आदि ग्रंथ प्रकाशित करवाए।।प्रो सोहन दान चारण ने शब्दो मे
भावांजलि देते हुए अनेकों संस्मरण सुनाएं,जिनमे जसोल का सांस्कृतिक
व्यक्तित्व उजागर होता है।।जसोल की हिंगलाज यात्रा के साथी आर ए एस
कानदान बारहठ ने अपने अनुभव सुना भावांजलि अर्पित की।डॉ राजेन्द्र बारहठ
ने कहा कि जसोल के मन मे व व्यवहार में राजस्थानी भाषा साहित्य सर्वोपरि
थे।।वे राजस्थामी भाषा मान्यता के लिए सदैव तत्पर दिखे।।शोक सभा मे
छात्रावास प्रबंध समिति अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चारण,रितरयर्ड आर पी एस
मोहनदान रतनू,चारण विकास परिषद कर मदनदान,रेलवे चारण विकास परिषद के
मुकुंदान भिंयाड़,अभिमन्यु उज्ज्वल,महिपाल सिंह छात्रावास अधीक्षक सहित
समाज के मौजिज लोगो ने जसोल को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।कार्यक्रम का
संचालन डॉ राजेन्द्र बारहट ने किया ,

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