रामसर गडरा के 205 गांवो को मिलेगा मीठा पानी
नर्मदा रामसर गडरा परियोजना मानवेन्द्र के कार्यकाल में हुई स्वीकृत
चंदन सिंह भाटी
बाडमेर पश्चिमी राजस्थान के बाडमेर जिले का वह क्षेत्र जो हमेशा पेयजल की त्रासदी के कारण हमेशा सुर्खियों में रहा।।शिव क्षेत्र से विधायक रहे कर्नल मानवेन्द्र सिंह ने इस सीमांत सिंह द्वार तक नर्मदा का पानी पहुंचाने का जो सपना देखा था वो अब आठ साल बाद पूरा हुआ उनके कार्यकाल में बजट से लेकर हौज निर्माण,पाइप लाइन बिछाने तक का कार्य करवा लिए गए थे।।
यह परियोजना मार्च 2020 में पूर्ण होनी थी मगर जमीनों के विवादों के चलते यह परियोजना 15 माह देरी से पूर्ण हुई।।2013 में शिव क्षेत्र के विधायक मानवेन्द्र सिंह थे।।उंन्होने सरहदी क्षेत्र की जनता से पेयजल समस्या के स्थायी समाधान का वादा कर नर्मदा नहर परियोजना का पानी गडरा रॉड तक लाने का प्रयास शुरू किया।तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मानवेन्द्र सिंह के प्रयासों पर सहमति जताते हुए परियोजना को हरि झंडी देकर 610.791 करोड़ रुपये स्वीकृत किये।।मानवेन्द्र सिंह द्वारा इस परियोजना को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जल्द कार्य शुरू करवा दिए।। 25 जुलाई 2018 को प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक तक 205.21 करोड़ रुपये वताव किये जा चुके थे।इस समीक्षा बैठक में मानवेन्द्र सिंह ने जमीन आवंटन में हो रही देरी का मामला भी उठाया।उसके बाद सरकार चेती जमीन आवंटन का मामला निपटाया।।कार्य तेजी से प्रगति करने लगा।।नर्मदा रामसर गडरा परियोजना को बजट भाजपा सरकार के समय ही मिला।कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस परियोजना में हुए देरी से परियोजना की बढ़ी लागत 2800 करोड़ रुपये जरूर जारी किए।।अब चूंकि नर्मदा का पानी सरहद तक पहुंच चुका है ।।अब घर घर कनेक्शन जरिये पानी पहुंचाने की केंद्र सरकार की योजना की झूठी वाह वाही सत्ताधारी पार्टी लेने में लगी है।मगर यह हक़ीक़त है कि केंद्र सरकार ने जिले की समस्त सातों विधानसभा क्षेत्रों में घर घर पेयजल योजना स्वीकृत कर बजट आवंटन किया।।केंद्र सरकार के बजट पर राज्य के सत्ताधारी विधायक वाह वाही लेनें में जुटे है। मगर नर्मदा रामसर गडरा परियोजना की कल्पना को मूर्त रूप देने वाले कर्नल मानवेन्द्र सिंह अपना वादा पूरा होते देख बहुत खुश नजर आ रहे है।।मानवेन्द्र सिंह ने बताया की उनके पिता जसवंत सिंह ने अपने चुनाव के दौरान सरहदी जनता से नर्मदा का पानी लाने का वादा किया था।जसवंत सिंह का नर्मदा का नीर मुनाबाव तक पहुंचने का देखा सपना अब पूर्ण होता नजर आ रहा है।।मानवेन्द्र सिंह भी इस परियोजना में एक साल की देरी के बावजूद खुश है उंन्होने बताया कि अब सरहदी क्षेत्र के लोगों को हाई टी डी एस के पेयजल से छुटकारा मिलेगा साथ ही मीठा पानी नसीब होगा तथा पेयजल संकट का स्थायी समाधान होगा।।इस परियोजना में साफ पानी संग्रहण के लिए 16 सी डब्ल्यू आर, एक मुख्य संग्रहण स्थल,दो पम्पिंग स्टेशन,का निर्माण और गडरा रामसर में अलग अलग 86 स्थानों पर एलिवेट सर्विस रिजर्व वायर शामिल थे।इनमें से अधिकांश कार्य पूर्ण कर लिए है।।
रामसर गडरा के 205 गांवो के चार लाख लोग पेयजल योजना का लाभ उठा सकेंगे।इन लोगो को खारे पानी की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाएगा।अब जल्द इन 205 गांवो में घर घर नल कनेक्शन होंगे।।
नर्मदा का पानी रामसर तक लाने की पहल तत्कालीन विधायक मानवेन्द्र सिंह ने की थी।।बजट आवंटन उनके खास प्रयासों से शुरू हुआ था।।रामसर में जिस हौज में पानी एकत्रित हो रहा है उसका निर्माण मानवेन्द्र सिंह के कार्यकाल में ही पूरा हो गया था। सरहद की आमो अवाम मिठास पानी पीएगी।।मानवेन्द्र सिंह का क्षेत्र की जनता आभार व्यक्त करती है।
सवाई सिंह राठौड़,सामाजिक कार्यकर्ता ,रामसर
ये कार्य मानवेन्द्र सिंह ही करवा सकता है।।इंदिरा गांधी गडरा रोड नहर परियोजना का हश्र देख लोग निराश थे मगर मानवेन्द्र सिंह ने अपना वादा निभाकर नर्मदा का पानी रामसर तक ले आये सदियों से पेयजल समस्या के समाधान का सपना देख रहे ग्रामीण बेहद खुश है।।जिन गांवो के लोग बूंद बूंद पानी को तरसते थे आज नर्मदा का मीठा पानी पी रहे।।
हसन खान ,पूर्व प्रधान ,रामसर