उपभोक्ता जागृति पुस्तिका के विशेषांक एवं कैलेण्डर का लोकार्पण

जयपुर। मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने आज यहां अपने राजकीय निवास पर राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस (24 दिसम्बर) के अवसर पर उपभोक्ता जागृति पुस्तिका के विशेषांक, कैलेण्डर एवं पोस्टर का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्राी ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर ऐसे प्रकाशन जन चेतना की दृष्टि से महत्वूपर्ण है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता हमारी सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों के केन्द्र बिन्दु हैं। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और उन्हें जागरुक बनाना हम सब का दायित्व है। उन्होंने उपभोक्ता चेतना के प्रयासों की सराहना करते हुए इस दिशा में अधिक से अधिक प्रयास करने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष न्यायाधिपति अशोक परिहार, प्रमुख शासन सचिव खाद्य एवं आपूर्ति डॉ. ललित मेहरा, रजिस्ट्रार श्री भुवन गोयल, पुस्तिका के मुख्य सम्पादक डॉ. चंद्रिका प्रसाद शर्मा, सम्पादक मंडल के सदस्य श्री कमलराज सिंघवी, श्री उदयचंद्र बारूपाल तथा राज्य आयोग के न्यायिक एवं गैर न्यायिक सदस्य भी उपस्थित थे।
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जयपुर द्वारा प्रकाशित इस पुस्तिका के विशेषांक मेें राज्य आयोग एवं जिला उपभोक्ता फोरम की गतिविधियों के साथ-साथ उपभोक्ता अधिकारों व इनके प्रति जागृति पैदा करने वाली सामग्री का समावेश किया गया है। इसके साथ ही सूचना के अधिकार तथा लोक सूचना अधिकारियों व अपीलीय अधिकारियों का संपूर्ण विवरण भी उपलब्ध है।
मुख्यमंत्राी ने राज्य आयोग के वार्षिक कैलेण्डर का भी लोकार्पण किया। इस कैलेण्डर में सभी जिला उपभोक्ता मंच को महीने में एक दिन विधिक साक्षरता शिविर और लोक अदालतें आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे मुकदमों का प्रभावी निस्तारण शीघ्र हो सके।
इस अवसर पर उपभोक्ता संरक्षण आम आदमी एवं जन आंदोलन शीर्षक से प्रकाशित पोस्टर का भी विमोचन कराया गया।

क्रिसमस पर शुभकामनाएं
जयपुर। मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने क्रिसमस के पर्व पर प्रदेशवासियों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी है। श्री गहलोत ने अपने संदेश में कहा कि प्रभु यीशु ने गरीब, असहाय और दीन दुखियों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करने का उपदेश दिया। उन्होंने समाज में मौजूद चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने और जीवन में विनम्रता और सहृदयता के साथ व्यवहार करने की सीख दी। मुख्यमंत्राी ने प्रभु ईसा मसीह द्वारा दिये गये प्रेम एवं भाईचारे के संदेश को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा कि विश्व शांति और बंधुत्व के लिए हमें प्रभु यीशु द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ते हुए उनकी शिक्षाओं को जीवन में आत्मसात करने की आवश्यकता है।

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