प्रकृति, शील, स्वभाव के संयोजन से सुख की प्राप्ति :आचार्य

जयपुर । श्री दिगंबर जैन मंदिर वरुण पथ मानसरोवर में चल रहे चातुर्मास के अंतर्गत विराजमान परम पूज्य आचार्य गुरुवर विवेक सागर जी महाराज ने उपस्थित बंधुओं को मंगल आशीर्वाद देते हुए कहां की सोलह कारण भावना उत्कृष्ट पुनीत अवसरों को प्रदान करने वाली भावना है जिनको चिंतन करने से तीर्थंकर वाणी का बंद होता है तीर्थंकर हर कोई नहीं बन सकता असंख्य प्राणियों में से ही 24 तीर्थंकर बनते हैं ।तीर्थंकर में निर्मल भावना निर्मल विचार होना आवश्यक है और बिना सम्यक दर्शन की प्राप्ति के तीर्थंकर नहीं बन सकता आत्म परिणामों की निर्मलता, सहजता, सरलता सभी के बस की नहीं बात नहीं है वर्तमान में प्रत्येक प्राणी सुख की खोज में लगा हुआ है लेकिन अपने अपने तरीके से और अपने अपने साधनों के लिए मनुष्य जानते हुए भी अनजान है कि सुख की प्राप्ति इन पदार्थों के संयोजन करने से प्राप्त नहीं हो सकती इसके लिए शील के व्रतों को प्राप्त करो विकल्पों में सुख की प्राप्ति नहीं होती प्रकृति, शील व स्वभाव यह तीन चीजें जिन जीवो को प्राप्त हो जाती है वह व्यक्ति सुख के मार्ग पर निकल जाता है नहीं तो जीवन पर्यंत भटकना ही पड़ता है यश की प्राप्ति संसार में आपकी क्रिया स्वभाव व आचरण से प्राप्त होती है ।
संगठन मंत्री हेमेंद्र सेठी ने बताया की परम पूज्य मुनि श्री 108 वैराग्य सागर जी महाराज ने बताया कि पर्व इसलिए आते हैं कि आप पुणे का बंद कर सकें आपकी भावना जितनी शुद्ध होगी आप की आराधना उतनी ही श्रेष्ठ होगी जो संसार के दुखों से भयभीत रहते हैं वही सच्ची आराधना कर सकते हैं क्योंकि उनका उद्देश्य संसार को भयमुक्त बनाना होता है इसलिए बंधुओं भगवान की स्तुति विनय पूर्वक करने से आत्मा की शुद्धि होती है मंदिर जी या अपने घर में रखी हुई धर्म की वस्तुओं को शुद्धि करके ही उपयोग में लें अन्यथा पाप कर्म का बंद होता है विनय शीलता से ज्ञान प्राप्त होता है वही ज्ञान हमारे चरित्र को सही करता है और चरित्र धारी व्यक्ति विनय नहीं करता तो वह चरित्र धारी हो ही नहीं सकता
प्रचार संयोजक विनेश सोगानी ने बताया कि श्री दिगंबर जैन मंदिर वरुण पथ मानसरोवर मैं आयोजित आज की पावन धर्म सभा विधिवत शुभारंभ मंगलाचरण के माध्यम से बीरेश जैन टी टी ने किया मंगलाचरण के पश्चात आज की धर्म सभा में दीप प्रज्वलित करने का सौभाग्य एवं परम पूज्य आचार्य गुरुवर विवेक सागर जी महाराज का पाद प्रक्षालन व शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य बीरेश जी श्रीमती नीता जैन, श्नितेश श्रीमती अमीषा जैन, तारुष जैन, एलसी जैन, श्रीमती विजय जैन को प्राप्त हुआ धर्म सभा में पधारे हुए सभी सम्मानीय अतिथियों का तिलक एवं माल्यार्पण कर स्वागत एमपी जैन, हेमेंद्र सेठी, मुकेश कासलीवाल, राजेंद्र सोनी, विनेश सोगानी, वीरेश जेन टी टी, विमल बाकलीवाल, अनिल दीवान, सुनील गोधा, सतीश कासलीवाल, श्रीमती मंजू बाकलीवाल, श्रीमती सुशीला टोंग्या, श्रीमती अंजू जैन ने किया

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