गैर अनुदानित संस्था के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकारी माना 6% ब्याज भी दिलाया

( राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण का मामला)

जयपुर, प्रबंध समिति विद्या निकेतन प्राथमिक विद्यालय ऋषभदेव जिला उदयपुर में कार्यरत है कर्मचारी श्री लक्ष्मी लाल दोवाडिया के मामले में व्यवस्था दी है कि गैर अनुदानित संस्था के कर्मचारी भी पेमेंट आफ ग्रेच्युटी एक्ट के अनुसार ग्रेच्युटी प्राप्त करने के अधिकारी हैं उल्लेखनीय है कि प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता डीपी शर्मा के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र दायर कर निवेदन किया कि उसकी नियुक्ति चयन प्रक्रिया के माध्यम से 1 अगस्त 1972 को हुई थी तथा 31 अक्टूबर 2009 को सेवानिवृत्त हो गया परंतु उक्त संस्था के द्वारा प्रार्थी को ग्रेच्युटी की राशि का भुगतान नहीं किया जोकि गैर कानूनी है प्रार्थी के अधिवक्ता डीपी शर्मा का तर्क था कि ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम की परिभाषा के अनुसार प्रार्थी कर्मचारी है तथा विपक्षी संस्थान संस्थान की परिभाषा में आते हैं इसके विपरीत विपक्षी संस्था के अधिवक्ता का तर्क था कि गैर अनुदानित संस्था के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्राप्त करने का अधिकार नहीं है उनका यह भी तर्क था कि यह मामला राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिकरण में नहीं उठाया जा सकता क्योंकि ग्रेच्युटी का अधिकार पेमेंट आफ ग्रेच्युटी एक्ट के तहत दिया गया है ग्रेच्युटी एक्ट के तहत संबंधित अधिकारी के पास मामला प्रस्तुत किया जाना चाहिए इसके विपरीत है प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि ग्रेच्युटी सेवा शर्तों में शामिल है अधिनियम 1989 की धारा 21 के तहत सेवा शर्तों का विवाद का निपटारा करने का अधिकार उक्त अधिकरण को है मामले की सुनवाई के पश्चात ग्रेच्युटी की राशि 6% की दर से ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश दिए हैं

error: Content is protected !!