राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन

जयपुर, वि.)। राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत 28 अगस्त, 2023 को झालाना संस्थानिक क्षेत्र, जयपुर स्थित अकादमी संकुल में मासिक अदबी गोष्ठी का आयोजन किया गया। अकादमी सचिव योगेन्द्र गुरनानी ने बताया कि गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार गोबिन्द राम माया ने की। गोष्ठी में बीकानेर के वरिष्ठ रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक सुरेश हिन्दुस्तानी ने देशभक्ति से ओत-प्रोत गीत एवं कवितायें सुनाई। ब्यावर के साहित्यकार कमल चंचलानी ने अपने आलेख ’सांवणु महीने जा सिन्धी डिण’ में सिन्धी त्यौहारों गोगड़ो, नन्ड सतहं, रखिड़ी, टीजड़ी, वडी सतह, जन्माष्टमी आदि के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुये उन्हें मनाने की विधियों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को सिन्धी तीज-त्यौहारों के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जानी चाहिये ताकि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति एवं संस्कारों को आत्मसात कर सके।

वरिष्ठ साहित्यकार गोबिन्दराम माया ने अपने आलेख ’आज़ादी जी हलचल में राष्ट्रीय कवि हूंदराज दुखायल जे साहित जो योगदानु’ विषयक आलेख में कहा कि पदमश्री दादा हूंदराज दुखायल मनाते थे कि आज़ादी की हलचल में बंदूक की गोलियों से अधिक तीखा हमला कलम करती है। उन्होंने कहा कि कवि हूंदराज दुखालय स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता एवं आज़ादी के दीवाने महान शख़्सियत ने अपनी लेखनी की ताकत से सिन्धी कविताओं एवं सिन्धी साहित्य में अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनाई है।

डा.पूनम केसवानी ने आज़ादी पर आधारित कविता ’आज़ादीअ जी कीमत, पुछो उन्हनि खां, जिन डिढो विख-विख ते पहिरो सुनाई। श्रीमती प्रिया ज्ञानानी ने आज़ादी पर आधारित ’मुहिंजो वतन’ कविता ’पहिंजे लाइ ई जीअदां आया आहियूं असां, हीअर जरूरत आहे वतन जे लाइ जीऊं असां, सुनाई। श्रीमती कविता सचदेव ने अपने आलेख ’सिन्धियुनि ते गुरू ग्रन्थ साहेब जो असर’ पर आधारित अपने आलेख में कहा कि सिन्धी समाज पर गुरू ग्रन्थ साहेब का बहुत अधिक प्रभाव रहा है। गुरू ग्रन्थ साहेब ने जीवन की राह को सरल बनाया है। श्रीमती हर्षा पंजाबी ने रक्षा बन्धन पर्व पर आधारित अपने लेख में रक्षा बन्धन पर्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व न सिर्फ भाई बहन के स्नेह का प्रतीक है अपितु यह हमारी प्राचीन संस्कृति की पहचान है।

गोष्ठी में वरिष्ठ साहित्यकार डा.खेमचंद गोकलानी, रमेश रंगानी, नन्दिनी पंजवानी, डा.माला कैलाश, पूजा चांदवानी, पार्वती भागवानी, गोपाल, रोमा चांदवानी, महेश किशनानी, माया वसंदानी, हेमनदास, डा.विवेकानन्द गोस्वामी, के.एल.कारनानी तथा सिन्धी भाषी साहित्यकार, पत्रकार, अकादमी के पूर्व सदस्य एवं समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

(योगेन्द्र गुरनानी)
सचिव

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