जयपुर,राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने तकनीकी आधार पर आदेश पारित करने पर असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी,स्पेशल कमिश्नर जीएसटी राज्य सरकारऔर भारत सरकार से जवाब तलब किया है उल्लेखनीय है कि मां लक्ष्मी एंटरप्राइजेज रेनवाल जयपुरकी फर्म का रिफंड आवेदन असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी के द्वारा स्वीकार कर उसकी राशि को कंज्यूमर वेलफेयर अकाउंटमें स्थानांतरित कर दिया उसकी अपील भी एक लाइन के आदेश से खारिज कर दी जिसे अधिवक्ता डीपी शर्मा के माध्यम से राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी प्रार्थी की अधिवक्ता का तर्क था किआदेश कंप्यूटर द्वारा निर्मित फार्म मेंआदेश पारित किया जिसमें दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया यह नहीं बताया कि रिफंड जारी होने के बाद उसे कंज्यूमर वेलफेयर अकाउंट में क्यों स्थानांतरित किया गया तथा अपील खारिज करते समय भी एक लाइन का आदेश पारित किया गया जो कि कंप्यूटर द्वारा निर्मित फॉर्म था प्रार्थी के अधिवक्ता का तर्क था कि जीएसटी अधिकारियों के द्वारा पारित आदेश अर्ध न्यायिक श्रेणी का आदेश होता है ऐसा आदेश बिना दिमाग का इस्तेमाल किए पारित नहीं किया जा सकता उनका यह भी तर्क था कि इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर की राशि किसी भी व्यक्ति के बैंक अकाउंट के समान होती है इस राशि को किसी भी स्थिति में कंज्यूमर वेलफेयर अकाउंट में स्थानांतरण नहीं किया जा सकता ऐसा केवल इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट लेजर से ही किया जा सकता है वह भी जीएसटी अधिनियम व नियमों के तहत शर्तें पूरी करने पर किया जा सकता है मामले की सुनवाई के पश्चात उक्त आदेश पारित किया