राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) में आ रही जटिलताओं पर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करवाते हुए इसका सरलीकरण कर किसानों को राहत प्रदान करने की मांग की है। किसानों से जुड़ी यह महत्वपूर्ण योजना अब तक असफल ही साबित हुई है।
राठौड़ ने बताया कि पीएमएफबीवाई का वास्तविक उद्देश्य किसानों की अप्रत्याशित आपदाओं में सहायता करना है जबकि इसके क्रियान्वन में आ रही जटिलताओं की वजह से आम किसान लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं और यह योजना झुनझुना मात्र ही साबित हो रही है। प्रदेश की सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट बना कर संबंधित विभाग को प्रेषित करनी चाहिए।
प्रदेश के सभी जिलों में फसल बीमा के लिए एक ही कंपनी को टेंडर मिला है, ऐसी स्थिति में क्लेम देने में कंपनी मनमानी कर रही है तथा कंपनियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा भी खत्म हो गई है। एक ही कंपनी को टेंडर देने के बजाए एक से अधिक कंपनियों को टेंडर दिए जाएं जिससे किसानों को अधिक फायदा मिल सकें। क्लेम से संबंधित विसंगतियों के निराकरण के लिए जिलेवार, उपखंडवार कमेटी बनाकर राहत प्रदान की जाएं तथा बीमा कंपनियों के प्रतिवर्ष टेंडर आमंत्रित किए जाए जिससे कंपनियों का एकाधिकार समाप्त हो सके।
क्लेम निर्धारित करने हेतु ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से डाटा लिया जाता है। वेदर स्टेशन का सही ढंग से संचालन नहीं होने की स्थिति में सही समय पर डाटा उपलब्ध नहीं हो पाता है इसलिए प्रत्येक स्टेशन की साप्ताहिक और पाक्षिक मॉनिटरिंग होनी चाहिए जिससे फसलों में होने वाले खराबे के अनुसार किसानों को उचित मुआवजा मिल पाएं। फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार का कार्य राज्य स्तर पर किया जाता है। केंद्रीकृत प्रचार-प्रसार के कारण सुदूर गांवों और सीमावर्ती जिलों में जागरूकता के अभाव में किसान योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में एनजीओ या किसान कल्याणकारी संस्थाओं की मदद लेकर किसानों तक सही जानकारी पहुंचाई जाएं।
राठौड़ ने बताया कि पश्चिमी राजस्थान के किसान सबसे अधिक मौसम और आपदाओं की मार झेलते हैं, पीएमएफबीवाई की जटिलताओं और सूचनाओं के अभाव में यहां के किसान योजना का लाभ लेने से वंचित रहे जाते हैं। राज्य सरकार से मांग है कि इस योजना के सरलीकरण के संबंध में एक प्रस्ताव बनाये जिससे प्रदेश के किसानों को राहत मिल सकें।
– देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )