ओरण भूमि पर पहला हक ग्रामीणों का, अन्य किसी विभाग को हस्तांतरित नहीं होने देंगे : राठौड़

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने ओरण भूमि को डिम्ड फारेस्ट घोषित करने के प्रस्ताव के विरुद्ध आपत्तियों पर सुनवाई हेतु माननीय न्यायालय के आदेश पर सरकार द्वारा कमेटी के गठन को स्वागतयोग्य कदम बताया है।
राठौड़ ने बताया कि पूर्व में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार द्वारा ओरण, गोचर भूमि को डिम्ड फारेस्ट घोषित करने का प्रस्ताव लाया गया था, जिसका हमने पुरजोर से विरोध किया था। साथ ही बाड़मेर, जैसलमेर सहित प्रदेश के 32 जिलों में विरोधस्वरूप आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए आंदोलन चलाया था। जनता द्वारा प्रदेश स्तर पर बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज करवाई गई थी जिसके फलस्वरूप कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मांगी गई आपत्तियों पर जिलेवार कमेटियां गठित करने की बात कही है। यह कमेटी आपत्तियों की जांच कर सुनवाई करेगी और घोषित किए जाने वाले क्षेत्रों को शामिल करने या बाहर करने के लिए सिफारिशें देगी हालांकि हमारी मांगों को पूर्ण रूप से नहीं माना गया है लेकिन यह आदेश जनता के संघर्ष की जीत की ओर पहला कदम है।
राठौड़ ने बताया कि ओरण, गोचर भूमि सदियों से हमारे पूर्वजों के प्रयासों से संरक्षित रही है, इसे डीम्ड फॉरेस्ट घोषित करने से मानव जीवन और उसकी आजीविका पर संकट आ जाएगा। हमारी मांग है कि ओरण, गोचर भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज की जाएं जिससे यह भूमि वन विभाग या कंपनियों को आवंटित ना हो।

( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )

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